Zero Crime Village: ना पुलिस, ना कैमरे… फिर भी 15 साल से ZERO क्राइम, महिलाओं ने बदल दी छत्तीसगढ़ के इस गांव की तक़दीर

ना पुलिस, ना कैमरे... फिर भी 15 साल से ZERO क्राइम, महिलाओं ने बदल दी छत्तीसगढ़ के इस गांव की तक़दीर..Zero Crime Village: No police, no

Zero Crime Village: ना पुलिस, ना कैमरे… फिर भी 15 साल से ZERO क्राइम, महिलाओं ने बदल दी छत्तीसगढ़ के इस गांव की तक़दीर

Zero Crime Village | Image Source | IBC24

Modified Date: June 27, 2025 / 01:07 pm IST
Published Date: June 27, 2025 1:07 pm IST
HIGHLIGHTS
  • बिलासपुर का जुहली गांव बना मिसाल,
  • 15 साल से जीरो क्राइम,
  • 300 महिलाएं संभाल रहीं कानून और समाज,

बिलासपुर: Zero Crime Village:  छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर का एक ऐसा गांव जहां ना पुलिस की गश्त है ना सीसीटीवी की निगरानी लेकिन उसके बावजूद यहां जीरो क्राइम है। बीते 15 वर्षों से गांव में एक भी FIR दर्ज नहीं हुई है। वजह है, गांव की वो 300 महिलाएं, जो हथियार नहीं उठातीं, लेकिन नशा, हिंसा और अपराध पर ऐसी मार करती हैं कि, जुहली गांव अब पूरे प्रदेश के लिए मिसाल बन चुका है। यहां महिलाएं सिर्फ घर नहीं, बल्कि समाज का भविष्य भी संभाल रही हैं, और बन चुकी हैं गांव की असली कमांडो फोर्स।

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Zero Crime Village:  बिलासपुर से 35 किलोमीटर दूर वनांचल से घिरा जुहली गांव कभी नशे, झगड़ों और अवैध शराब के लिए बदनाम था। लेकिन अब यहां की हर गली में गूंजती है। महिला चेतना प्रहरी की आवाज़। 300 महिलाओं की ये टोली गांव में रोज़ गश्त करती है। न कोई हथियार न कोई वर्दी फिर भी इनके सामने नशा और अपराध दम तोड़ देता है। हर सप्ताह गांव की चौपाल पर महिलाएं जुटती हैं। बच्चों के भविष्य से लेकर महिलाओं की सुरक्षा और शराबबंदी तक हर मुद्दे पर चर्चा करती है। बाहरी अपराधी भी महिलाओं की इस सजगता से गांव में घुसने की हिम्मत नहीं करता, और अगर गांव का कोई व्यक्ति नियम तोड़े, तो पंचायत में दंड तय होता है.। ये महिलाएं कहती हैं पहले समझाएंगे नहीं मानेगा तो गांव से बाहर का रास्ता दिखाएंगे।

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Zero Crime Village:  गांव में महिलाओं की सजगता और जागरूकता ने जुहली को जीरो क्राइम वाला गांव बना दिया है। बताया जाता है, जुहली गांव से बीते 15 वर्षों में एक भी आपराधिक रिपोर्ट थाने में दर्ज नहीं हुई है। यह रिकॉर्ड पूरे प्रदेश के लिए मिशाल है। जुहली की ये क्रांति अब आसपास के गांवों तक भी फैल रही है। पड़ोस के कारिछापर जैसे गांवों ने भी चेतना टोली बनाना शुरू कर दिया है। पुलिस भी महिलाओं के इस प्रयास में उनके साथ खड़ी है। पुलिस ने महिलाओं को गांव की महिला कमांडो का दर्जा दिया है। जो गांव में अपराध के खिलाफ सजग प्रहरी के तौर पर मुस्तैदी से खड़ी हुई हैं।

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Zero Crime Village: बहरहाल, जुहली की 300 महिलाएं सिर्फ गांव नहीं संभाल रहीं, बल्कि समाज को दिशा भी दे रही हैं। इसके लिए यहां ना कोई भारी भरकम सरकारी तंत्र काम कर रहा है और ना पुलिस की डंडा नीति चल रही है। महिलाओं की चेतना, एकजुटता और जागरूकता इस बदलाव में सबसे ज्यादा प्रभावी साबित हो रही है। जुहली गांव बता रहा है, बदलाव की शुरुवात एक छोटे गांव से भी हो सकती है।


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

टिकेश वर्मा- जमीनी पत्रकारिता का भरोसेमंद चेहरा... टिकेश वर्मा यानी अनुभवी और समर्पित पत्रकार.. जिनके पास मीडिया इंडस्ट्री में 12 वर्षों से अधिक का व्यापक अनुभव हैं। राजनीति, जनसरोकार और आम लोगों से जुड़े मुद्दों पर बेबाकी से सरकार से सवाल पूछता हूं। पेशेवर पत्रकारिता के अलावा फिल्में देखना, क्रिकेट खेलना और किताबें पढ़ना मुझे बेहद पसंद है। सादा जीवन, उच्च विचार के मानकों पर खरा उतरते हुए अब आपकी बात प्राथिकता के साथ रखेंगे.. क्योंकि सवाल आपका है।