शह मात The Big Debate: ‘बस्तर में टारगेट किलिंग’.. सनसनीखेज आरोप.. सच क्या? कांग्रेस नेता के बयान पर भाजपा का पलटवार, क्या वाकई निशाने पर हैं आदिवासी नेता?
'बस्तर में टारगेट किलिंग'.. सनसनीखेज आरोप.. सच क्या? BJP hits back at Congress leader's statement on target killing in Bastar
रायपुरः Congress Leader’s Statement क्या बस्तर के आदिवासी नेताओं की जान खतरे में है? क्या उनकी हत्या कराई जा रही है या क्या बस्तर में जल-जंगल-जमीन को लेकर किन्हीं नेताओं को जेल में डाला जा रहा है? क्या इतनी अराजक स्थिति है कि पुलिस, प्रशासन, सरकार और न्यायालय के होते हुए भी विपक्षी नेता को जान बचाने की गुहार अपनी पार्टी के दिल्ली में बैठे अलाकमान से लगानी पड़ रही है। ये सारे सवाल इसलिए क्योंकि छत्तीसगढ़ के कांग्रेसी विधायक का आरोप है कि आवाज उठाने वाले नेताओं की टारगेट किलिंग हो सकती है।
1 मार्च 2026 में नक्सलवाद के पूर्ण सफाए के ऐलान के बाद से ही विपक्ष ने सरकार के तकरीबन हर एक दावे पर शंका और सवाल उठाए हैं। अब बीजापुर से कांग्रेसी विधायक विक्रम मंडावी का आरोप है कि बस्तर के जो भी नेता या सामाजिक कार्यकर्ता जल जंगल जमीन की आवाज उठा रहे हैं उन सब की जान को खतरा है, क्योंकि जो भी आदिवासी हक की आवाज उठा रहा है या तो उसकी हत्या कर दी गई या फिर उन्हें जेल में डाला गया। दरअसल, कांग्रेस विधायक विक्रम मंडावी ने बयान कांकेर के कांग्रेसी नेता और पूर्व जनपद अध्यक्ष जीवन ठाकुर की मौत के बाद आया है।
Congress Leader’s Statement कांग्रेस विधायक मंडावी ने बस्तर के आदिवासी नेताओं को अलर्ट रहने की अपील करते हुए अपनी पार्टी के केंद्रीय आला कमान से गुहार लगाई है कि वो बस्तर के नेताओं की रक्षा के लिए कदम उठाएं। जाहिर है ये प्रदेश में डबल इंजन सरकार पर इतनी बड़ी तोहमत लगाने पर बीजेपी ने पलटवार भी तगड़ा किया। कुल मिलाकर जब से बस्तर से नक्सलवाद के खात्में का काउंटडाउन शुरू हुआ है तभी से कांग्रेस ने शंकाएं और सवाल खड़े करना शुरू किये। हर बार एक नए सवाल के साथ कांग्रेस सरकार को घेरने की नाकाम कोशिश करती है। अब कांग्रेस का आरोप है कि बस्तर के आदिवासी नेताओं की टारगेट किलिंग का प्लान है। सवाल विपक्ष से भी हैं क्या नक्सलवाद के सफाए का क्रेडिट डबल इंजन सरकार के खाते में जाने से कांग्रेस बौखलाई हुई है? सवाल ये भी क्या कांग्रेस ने टारगेट किलिंग को लेकर पुलिस-प्रशासन, सरकार से कोई शिकायत ही है। कांग्रेस आलाकमान से इसकी शिकायत के भला क्या मायने हैं?

Facebook



