राजेश मिश्रा, रायपुरः साल 2023 में विधानसभा चुनाव में दलों के मुद्दे क्या होंगे? ये बहुत हद तक साफ होता जा रहा है। विपक्ष ने अधूरे वायदों को चुन-चुन कर सरकार के खिलाफ माहौल बनाने के लिए इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। इसके अलावा अब भाजपा को आरक्षण पर आए हाई कोर्ट के फैसले से एक बड़ा मुद्दा मिल गया है। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य में कुल 58 फीसद आरक्षण को रद्द कर दिया जिसके चलते आदिवासियों का आरक्षण 12 फीसदी कम हो गया है जिसके लिए भाजपा, राज्य सरकार को जिम्मेदार बता रही है। इसे लेकर बीजेपी 46 विधानसभा सीटों पर विशेष अभियान चलाएगी। इस मुद्दे पर कांग्रेस तत्कालीन भाजपा को दोषी बता चुकी है। साथ ही आरक्षण के मुद्दे पर सरकार सुप्रीम कोर्ट का रुख कर चुकी है। सवाल ये कि क्या आरक्षण पर भाजपा का अभियान कांग्रेस के लिए चुनौती बढ़ाएगा? क्या भाजपा को ये अभियान आदिवासियों के बीच सच्चा हितैषी साबित कर पाएगा?
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छत्तीसगढ़ में आरक्षण कटौती के मुद्दे को भुनाने के लिए भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी है। आरक्षण में कटौती के लिए भाजपा कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है। इसके खिलाफ भाजपा 8 अक्टूबर को बस्तर, दुर्ग और सरगुजा में चक्काजाम कर प्रदर्शन करेगी। इसके अगले दिन 9 अक्टूबर को ग्राम संपर्क अभियान शुरू किया जाएगा और इसके बाद 13 से 18 अक्टूबर तक भाजपा नेता कांग्रेस के आदिवासी विधायकों का घेराव करेंगे।
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कांग्रेस का कहना है कि भाजपा के पास कोई मुद्दा नहीं है इसलिए वे आरक्षण के बहाने आदिवासियों में अपनी पैठ जमाना चाहते हैं। राज्य सरकार पहले ही इस मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट ले जा चुकी है।