सीबीआई ने सीजीपीएससी भर्ती घोटाले में छत्तीसगढ़ में पांच स्थानों पर छापेमारी की |

सीबीआई ने सीजीपीएससी भर्ती घोटाले में छत्तीसगढ़ में पांच स्थानों पर छापेमारी की

सीबीआई ने सीजीपीएससी भर्ती घोटाले में छत्तीसगढ़ में पांच स्थानों पर छापेमारी की

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Modified Date: April 18, 2025 / 07:10 PM IST
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Published Date: April 18, 2025 7:10 pm IST

रायपुर, 18 अप्रैल (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने छत्तीसगढ़ में पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान राज्य लोक सेवा आयोग भर्ती परीक्षा में कथित अनियमितताओं के संबंध में रायपुर और महासमुंद जिलों में पांच स्थानों पर छापेमारी की। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने रायपुर में तीन और महासमुंद में दो स्थानों पर पांच व्यक्तियों (बिचौलियों/सॉल्वर आदि) के परिसरों पर (बृहस्पतिवार को) तलाशी ली। इस दौरान आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) भर्ती घोटाले से संबंधित मामले की जांच के दौरान इन व्यक्तियों की भूमिका सामने आई।

पिछले वर्ष जुलाई में सीबीआई ने 2020-2022 परीक्षा के दौरान सीजीपीएससी के माध्यम से डिप्टी कलेक्टर, पुलिस उपाधीक्षक और अन्य वरिष्ठ सरकारी पदों के लिए चयन में पक्षपात के आरोप में छत्तीसगढ़ में दर्ज दो मामलों की जांच अपने हाथ में ली थी।

एजेंसी ने अब तक मामले में सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें सीजीपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, उनके भतीजे नितेश सोनवानी और साहिल सोनवानी, तत्कालीन उप नियंत्रक परीक्षा (सीजीपीएससी) ललित गणवीर, श्री बजरंग पावर एंड इस्पात लिमिटेड के निदेशक श्रवण कुमार गोयल, उनके बेटे शशांक गोयल और बहू भूमिका कटियार शामिल हैं।

शशांक गोयल, उनकी पत्नी भूमिका कटियार और नितेश को तब डिप्टी कलेक्टर के पद पर चुना गया था, जबकि साहिल को पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) के रूप में चुना गया था।

सीबीआई ने इस वर्ष 16 जनवरी को रायपुर की एक विशेष अदालत के समक्ष मामले में आरोप पत्र दायर किया था, जिसमें इन सभी सात लोगों को आरोपी बनाया गया है।

इसमें कहा गया है कि बड़ी साजिश का पता लगाने के लिए अन्य उम्मीदवारों, सीजीपीएससी के अधिकारियों और अन्य के संबंध में आगे की जा रही है।

आरोप पत्र में कहा गया है कि टामन सिंह सोनवानी ने कथित तौर पर अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया और परीक्षा से पहले अपने भतीजे नितेश और साहिल को प्रश्न पत्र उपलब्ध कराए।

इसमें कहा गया कि इसके अलावा, तत्कालीन उप परीक्षा नियंत्रक ललित गणवीर और सोनवानी ने श्री बजरंग पावर एंड इस्पात लिमिटेड के पूर्णकालिक निदेशक श्रवण कुमार गोयल के साथ आपराधिक साजिश रची तथा अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करते हुए श्रवण को प्रश्नपत्र मुहैया कराया, जिसे वे उनके बेटे शशांक और बहू भूमिका को दे सकें। आरोप पत्र के अनुसार इसके लिए उन्होंने 45 लाख रुपये का अनुचित लाभ उठाया।

भाषा संजीव रवि कांत वैभव

वैभव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)