CG Assembly Winter Session 2nd Day: बालको में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी, छत्तीसगढ़ को अब तक क्या मिला? नेता प्रतिपक्ष महंत के सवालों पर घिरे उद्योग मंत्री देवांगन
बालको में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी, छत्तीसगढ़ को अब तक क्या मिला? CG Assembly Winter Session 2nd Day: Industry Minister Devangan surrounded by questions from Leader of Opposition Mahant
CG Assembly Winter Session 3rd Day। Image Source :- DD News Video Grab
रायपुरः CG Assembly Winter Session 2nd Day छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज दूसरा दिन है। कांग्रेस विधायक फूलसिंह राठिया ने उद्योग मंत्री से पूछा कि कोरबा जिले में भारत एल्यूमिनियम लिमिटेड कंपनी ने कितने रोजगार दी है। इसमें छत्तीसगढ़ और बाहर के कितने-कितने कर्मचारी है। मंत्री कहा कि बालको वेदांता कंपनी में 1986 अधिकारी-कर्मचारी कार्यरत है। इनमें से 607 छत्तीसगढ़ से बाहर के हैं और 505 छत्तीसगढ़ के हैं। विधायक राठिया ने कहा कि बालको में प्रशिक्षण दिया जाता है, लेकिन रोजागर कहां दिया जाता है। मंत्री ने बताया कि स्थानीय बेरोजगारी को व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जाता है… प्रशिक्षितों को रोजगार एवं बेरोजगार भत्ता दिए जाने अलग से योजना चलाई जाती है। इसी सवाल पर सप्लीमेंट्री सवाल उठाते हुए नेताप्रतिपक्ष चरण दास महंत ने कहा कि बालको वेदांता का 49 प्रतिशत छत्तीगढ सरकार का है। एक औद्योगिक नीति भी इसके लिए बनाई गई है, जिसमें सभी कर्मचारियों के लिए रोजगार प्रतिशत में अनिवार्य रूप से तय किया गया है। उन्होंने मंत्री से जानना चाहा कि स्थानीय युवाओं को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिले, इसके लिए क्या प्रावधान किया जा रहा है? इस पर मंत्री लखन लाल देवांगन ने कहा कि बालको वेदांता को सरकार अनुदान नहीं देती है। इसलिए इसमें अलग से संशोधन नहीं किया जा सकता। मंत्री के जवाब पर असहमति जताते हुए चरणदास महंत ने कहा कि ये पूरी तरह से घालमेल हैं। बालको को अनुदान सरकार क्यों देगी? सरकार की अगर 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है, तो उसके बदले कंपनी ने छत्तीसगढ़ को क्या कुछ दिया है। उन्होंने रोजगार के संदर्भ में कंपनी के रूख की जांच की मांग की। जवाब में मंत्री लखन लाल देवांगन ने जांच का आश्वासन दिया।
जल जीवन मिशन के मुद्दे के साथ प्रश्नकाल की शुरुआत
प्रश्नकाल की शुरुआत जल जीवन मिशन में हुई भ्रष्टाचार के मुद्दे के साथ हुआ। भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने इस मुद्दे को उठाया। धरमलाल कौशिक ने कहा कि भ्रष्टाचार की पुष्टि हुई, लेकिन सिर्फ अनुबंध निरस्त हुआ है। फर्जी कूट रचित दस्तावेज के आधार पर अरबों का काम लिया गया। ऐसे में ब्लैकलिस्ट करना ही काफी नहीं है। उन्होंने ED से जांच और FIR दर्ज करने की मांग की। धरमलाल कौशिक के सवालों पर घिरे मंत्री अरुण साव ने कहा कि जांच समिति जांच कर रही है। रिपोर्ट आएगी तो कठोर करवाई होगी। धरमलाल कौशिक ने समय सीमा बताने की मांग की।
CG Assembly Winter Session 2nd Day प्रश्नकाल के दौरान ही भाजपा के वरिष्ठ नेता और कुरुद विधायक अजय चंद्राकर ने रायपुर स्मार्ट सिटी के कामकाज का मुद्दा उठाया। उन्होंने एक के बाद एक कई सवाल दागे। उन्होने परिशिष्ठ में दिए गए जानकारियों पर सवाल उठाया। प्रगतिरत सूची में 100 प्रतिशत पूर्ण कामों के नाम दिए जाने पर स्पष्टीकरण मांगा। मंत्री साव ने कहा कि वह भौतिक प्रगति का है, अभी भुगतान नहीं हुआ है। चंद्राकर ने पूछा कि रायपुर स्मार्ट सिटी के अंतर्गत कितने कार्यों की कितनी बार पुनरीक्षित स्वीकृति दी गई? मंत्री साव ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि 230 कार्यों में 56 कार्यों को पुनरीक्षित स्वीकृति दी गई है। अजय चंद्राकर के पूरक सवालों पर मंत्री साव जवाब नहीं दे सके और बाद में जानकारी देने की बात कही। अजय चंद्राकर ने फिर पूछा कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में चौबीसों घंटे पानी देने का प्लान है। 2016 से यह परियोजना लागू है। इसे कब तक पूरा किया जाएगा। कितने घरों तक पानी पहुंचाया जाएगा। अभी कितना प्रतिशत काम पूरा हुआ है। मंत्री ने कहा कि 24 घटों पानी देने की योजना स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में 2016 से शामिल है। इसके लिए 158.59 करोड़ की राशि स्वीकृत है। कार्यादेश 31 मार्च 2022 को जारी किया गया है। आज की तिथि में109.61 खर्च हुआ है। 90 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। मार्च 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा।
अजय चंद्राकर ने बूढ़ा तालाब सौंदर्यीकरण का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने पूछा कि बूढ़ातालाब में किन-किन मदो का इस्तेमाल हुआ। एजेंसी कौन कौन थी। उन्होंने पूर्ण-अपूर्ण कार्यों की जानकारी मांगी। मंत्री साव ने इसके जवाब में कहा कि यहां 35.07 करोड़ के 30 स्वीकृत हुए थे। 29 कार्य पूर्ण हो गए हैं। हाईकोर्ट के आदेश पर एक को पहले बंद किया गया। अजय चंद्राकर ने इस आपत्ति जताई और फिर से सवाल दोहराया। इस पर मंत्री साव ने कहा कि सभी मद स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का है। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट अजय चंद्राकर ने कि इसमें अलग अलग मद का इस्तेमाल हुआ है। आपने कई कामों को पूरा बताया है, लेकिन अभी भी अधूरे हैं। उन्होंने कहा कि रायपुर के चारो विधायकों से समक्ष जांच कराएंगे क्या? मंत्री ने कहा कि निश्चित रूप से काम का परीक्षण कराएंगे। रायपुर पश्चिम विधायक राजेश मुणत ने कहा कि बूढ़ातालाब में तीन एजेंसियों ने काम किया। स्मार्ट सिटी कह रहा है कि काम पूरा हुआ है तो 6 करोड़ का फौव्वारा चालू क्यों नहीं हो पाया। एक तालाब के अंदर तीन एजेंसियों ने काम किया, लेकिन काम अपूर्ण है। तीनों एजेंसियों ने क्या-क्या काम करवाएं हैं। इसकी जांच कराएंगे क्या? मंत्री ने इस पर जांच कराने की घोषणा की।
लखेश्वर बघेल ने उठाया राशन दुकानों का मुद्दा
कांग्रेस विधायक लखेश्वर बघेल ने बस्तर जिले के राशन दुकानों में खाद्य समाग्रियों के वितरण में गड़बड़ी का मुद्दा उठाया। कहा कि बार-बार शिकायतों के बाद भी व्यवस्था नहीं सुधरी है। राशन दुकानों को कम राशन उपलब्ध कराई जाती है। इसके क्या कारण हैं। खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने कहा कि 18 राशन दुकानों की औचक निरीक्षण कराया गया है। सिर्फ एक राशन दुकान में शिकायत सही पाई है। इसके आधार पर दुकान को निलंबित किया गया और उसे दूसरे जगह शिप्ट किया गया है।
कवासी के प्रश्नों पर गरमाया सदन
प्रश्नकाल में कांग्रेस विधायक कवासी लखमा ने सुकमा में परिया और मुलेर रोड निर्माण में गड़बड़ी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि पहले पुल बनता है फिर टेंडर डाला जाता है। ऐसा क्यों हो रहा है। उन्होंने दोनों के मद के बारे में पूछा। मंत्री साव ने जवाब देते हुए कहा कि परिया और मुलेर लोक निर्माण विभाग के सुकमा डिवीजन में आता है। मई के महीने में वहां पर पूल निर्माण की आवश्यकता महसूस हुई है तो निर्माण कार्य किया जाना था। शिकायत हुई तो काम रोक दिया गया। आज उसका टेंडर खुलना है। कवासी ने कहा कि पुल पीएम सड़क योजना के तहत बन रहा है। 40 फ़ीसदी ज्यादा राशि पर बन रहा। एक ही नाला पर तीन-तीन पुलिया क्यों बन रहा? कमीशन का खेल है। उन्होंने ईई को सस्पेंड करने की मांग की। मंत्री साव ने कहा कि अनियमितता की आशंका है तो जानकारी देंगे, मैं दिखवा लूंगा। इसी मसले को लेकर कांग्रेस विधायक भूपेश बघेल ने कहा कि बिना टेंडर, आचार संहिता में बिना किसी सरकारी स्वीकृति के काम हुए। कार्रवाई होगी क्या? मंत्री साव ने कहा कि सुरक्षा बलों का कैंप है। काम कराना जरूरी था। काम पूरा नहीं हुआ है। एक पैसे का भुगतान भी नहीं हुआ है। भूपेश ने कहा कि आप स्वीकार कर रहे कि अनियमितता हुई है। कार्रवाई करेंगे क्या? मंत्री के जवाब से अंसतुष्ट विपक्षी विधायकों ने नारेबाजी शुरू कर दी।

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