शह मात The Big Debate: ‘लाल गैंग’ का गेम ओवर! नक्सल मुहिम पर विपक्ष ने फिर उठाई उंगली, आखिर नक्सल खात्मे पर कांग्रेस को क्यों शक?

'लाल गैंग' का गेम ओवर! नक्सल मुहिम पर विपक्ष ने फिर उठाई उंगली, CG Naxal News Opposition again raises finger on Naxal campaign

शह मात The Big Debate: ‘लाल गैंग’ का गेम ओवर! नक्सल मुहिम पर विपक्ष ने फिर उठाई उंगली, आखिर नक्सल खात्मे पर कांग्रेस को क्यों शक?
Modified Date: October 15, 2025 / 12:00 am IST
Published Date: October 14, 2025 11:25 pm IST

रायपुरः CG Naxal News विपक्ष की शंका का क्या समाधान 60 नक्सलियों को लेकर एक करोड़ के ईनामी नक्सल कमांडर ने सरेंडर कर दिया हैसरकार के दावा किया कि नक्सलवाद के खिलाफ संघर्ष अंतिम चरण में है, लेकिन इसी बीच नक्सलियों ने मुखबिरी के शक में एक बीजेपी कार्यकर्ता की हत्या कर दीविपक्ष ने तंज कसा कि ये असलियत है, नक्सलियों के खात्में के दावे कीलगे हाथ कांग्रेस ने कुछ और गंभीर आरोप लगाए, जिससे सवाल उठा कि आखिर विपक्ष को हर बार, एंटी नक्सल अभियान की सफलता पर इतनी शंका क्यों है? एंटी नक्सल अभियान पर बार-बार सवाल क्यों उठाया जाता है?

CG Naxal News नक्सलवाद के खात्मे पर सियासी बयानों की ये लडा़ई नई नहीं हैमंगलवार को गढ़चिरौली में टॉप नक्सल लीडर समेत 60 नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया, एक करोड़ का ईनामी नक्सली, CC मेम्बर सोनू दादा उर्फ़ भूपति ने अपने साथियों और 50 हथियारों के साथ सरेंडर कर दिया, जिस पर इसपर प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव ने दावा किया कि 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद के खात्मे का संकल्प जरूर पूरा होगादावे पर पटलवार किया PCC चीफ दीपक बैज ने कहा- मुगालते की कोई दवा नहींबैज ने आरोप लगाए कि महीने भर पहले पकड़े लोगों को भी सरेंडर करवा रहे हैं, पंचर बनाने वाले की भी सरेंडर कराने की तैयारी हैविपक्ष ने फिर मांग की कि सरेंडर करने वाले सभी नक्सलियों का डिटेल सरकार दे दे।

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एक तरफ नक्सल फ्रंट पर कामायाबी के बढ़ते आंकड़े हैं तो दूसरी तरफ, नक्सलियों ने मुखबिरी के शक में BJP कार्यकर्ता पूनेम सत्यम की हत्या कर दी, जिस विपक्ष ने तंज कसते हुआ कहा कि ये है जमीनी हकीकत जवाब में गृहमंत्री ने कहा कि बड़े नक्सल लीडर्स चाहते हैं कि नक्सलवाद खत्म होसारे संकेत कहते हैं कि नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में नक्सली बैकफुट पर हैंबड़े नक्सल लीडर्स का सरेंडर सरकार के दावे को पुख्ता करता है, लेकिन विपक्ष का आरोप है कि सरेंडर के आंकड़े को बढ़ाचढ़ा कर दिखाने की कोशिश हैसवाल है क्या वाकई इस आरोप में दम है?

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सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।