BJP’s Organisational Election: विवादों में भाजपा का संगठन चुनाव, बवाल के बाद इन मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति रद्द, पुनर्विचार समिति के पास कई जिलों से पहुंची शिकायत

विवादों में भाजपा का संगठन चुनाव, बवाल के बाद इन मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति रद्द, CG News: Appointment of many board presidents canceled after uproar

BJP’s Organisational Election: विवादों में भाजपा का संगठन चुनाव, बवाल के बाद इन मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति रद्द, पुनर्विचार समिति के पास कई जिलों से पहुंची शिकायत
Modified Date: December 26, 2024 / 12:51 pm IST
Published Date: December 26, 2024 12:49 pm IST

रायपुरः BJP’s Organisational Election भाजपा का संगठन चुनाव अब विवादों में घिरता जा रहा है। उन्हीं के पार्टी के नेता अब इस पर सवाल उठा रहे हैं। नियमों को ताक पर रखकर नियुक्तियां की गई है। पुनर्विचार समिति के पास 20 अधिक से जिलो से शिकायत आई है। शिकायतों में कहा गया है कि जो सक्रिय सदस्य नहीं है, उन्हें भी बना दिया मंडल अध्यक्ष गया है। शिकायत के बाद अब पार्टी का एक्शऩ भी शुरू हो गया है। देर रात कई मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति रद्द कर दी गई है। प्रदेश अध्यक्ष किरण देव सिंह की अनुशंसा पर संगठन मंत्री पवन साय ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।

Read More : Delhi Waqf Board: केजरीवाल के घर पहुंचे वक्फ बोर्ड से जुड़े लोग, पूर्व सीएम के सामने रखी ये मांग, पूरी नहीं होने पर दी ये चेतावनी

जारी आदेश के मुताबिक रायपुर के माना और कवर्धा के पिपरिया मंडल अध्यक्ष की नियुक्ति रद्द कर दी गई। इसके अलावा बिरगांव मंडल, धरसींवा मंडल, गरियाबंद मंडल और बस्तर के कई मंडलों अध्यक्षों की नियुक्ति रद्द कर दी गई है। दरअसल, पार्टी को कई जगहों के शिकायत मिली थी कि नियुक्तियों में नियमों को दरकिनार किया गया है। पार्टी सूत्रों की मानें तो शिकायतों में कहा गया है कि 45 साल से अधिक और 35 साल से कम वालों की भी नियुक्ति की गई है। कई दो-दो बार के मंडल अध्यक्ष की तीसरी बार भी नियुक्त किया गया है, जबकि नियमों में ऐसा नहीं है। भाजपा प्रदेश संगठन चुनाव पुनर्विचार समिति के सहसंयोजक सच्चिदानंद उपासने ने बताया कि जहां बड़ी गड़बड़ी हुई है, वहां नियुक्ति रद्द की गई। अन्य शिकायतों पर 27 दिसंबर को समिति सुनवाई करेगी।

 ⁠

Read More : Today News and LIVE Update 26 Decemeber : ‘महिला सम्मान योजना’ को लेकर BJP का हल्ला बोल, महिला मोर्चा ने अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर किया प्रदर्शन

माना में हुआ था बवाल

BJP’s Organisational Election रायपुर के माना मंडल अध्यक्ष के चुनाव के दौरान भाजपा मुख्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में हंगामा हुआ था। कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया ​कि जिस भीमवंत निषाद को मंडल अध्यक्ष बनाया गया है, वह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आया है। नाराज कार्यकर्ताओं ने इस दौरान रायपुर ग्रामीण विधायक मोतीलाल साहू के सामने जमकर नारेबाजी भी की थी।

प्वाइंट्स में ऐसे समझे पूरी खबर

भा.ज.पा. के संगठन चुनावों में क्या विवाद हुआ है?

भाजपा के संगठन चुनावों में शिकायतें आई हैं कि पार्टी में नियमों को दरकिनार करके मंडल अध्यक्षों की नियुक्तियां की गई हैं। कई जगहों पर ऐसे सदस्य को भी अध्यक्ष बना दिया गया है जो सक्रिय नहीं थे या जिनकी नियुक्ति उम्र और कार्यकाल के नियमों के खिलाफ थी।

कितने मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति रद्द की गई है?

रायपुर के माना और कवर्धा के पिपरिया मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति के साथ-साथ बिरगांव, धरसींवा, गरियाबंद, और बस्तर के कई मंडलों के अध्यक्षों की नियुक्ति रद्द कर दी गई है।

क्या वजह रही है इन नियुक्तियों को रद्द करने की?

नियुक्तियों को रद्द करने की वजह यह बताई गई है कि इनमें नियमों की अनदेखी की गई, जैसे उम्र और कार्यकाल से संबंधित मुद्दे। इसके अलावा, कुछ मंडल अध्यक्षों को तीसरी बार नियुक्त किया गया था, जो पार्टी के नियमों के खिलाफ था।

शिकायतें किससे की गई थीं?

इन शिकायतों को भाजपा के संगठन चुनाव पुनर्विचार समिति के पास भेजा गया था, जिसमें पार्टी के कार्यकर्ताओं ने नियुक्तियों के खिलाफ शिकायत की थी। समिति ने गड़बड़ी वाले मामलों में नियुक्तियां रद्द कीं और अन्य शिकायतों पर सुनवाई के लिए 27 दिसंबर की तारीख तय की है।

माना मंडल अध्यक्ष चुनाव में क्या हुआ था?

रायपुर के माना मंडल अध्यक्ष के चुनाव के दौरान हंगामा हुआ था, जहां कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस से भाजपा में आए भीमवंत निषाद को अध्यक्ष बनाया गया। इसके कारण कार्यकर्ताओं ने रायपुर ग्रामीण विधायक मोतीलाल साहू के सामने जमकर नारेबाजी की थी।

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए हमारे फेसबुक फेज को भी फॉलो करें

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें

Follow the IBC24 News channel on WhatsApp


लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।