शह मात The Big Debate: सत्तापक्ष का ‘विपक्ष’.. सदन में कितना भारी? अजय ने गिनाई विजन डॉक्यूमेंट की खामियां, आखिर अपने ही मंत्रियों को क्यों घेर रहे सीनियर भाजपाई?

सत्तापक्ष का 'विपक्ष'.. सदन में कितना भारी? CG Vidhan Sabha Latest News: BJP MLAs cornering their own ministers

शह मात The Big Debate: सत्तापक्ष का ‘विपक्ष’.. सदन में कितना भारी? अजय ने गिनाई विजन डॉक्यूमेंट की खामियां, आखिर अपने ही मंत्रियों को क्यों घेर रहे सीनियर भाजपाई?
Modified Date: December 15, 2025 / 11:46 pm IST
Published Date: December 15, 2025 11:46 pm IST

रायपुरः CG Vidhan Sabha Latest News: नए भवन में पहले दिन से विपक्ष हो ना हो.. सदन के भीतर बीजेपी के सीनियर विधायक अपनी ही सरकार की जवाबदेही तय करने को लेकर जो सुलगते सवालों और तीखे तेवरों से मंत्रियों के पसीने छुटा रहे हैं। विपक्ष इसे बीजेपी सरकार की असलियत बता रहा है तो सत्तापक्ष के नेता इसे सच्चे लोकतंत्र और सच्चे जनप्रतिनिधी के आवरण से ढंकने की कोशिश कर रहे हैं। सवाल ये है कि क्या बीजेपी सरकार से सीनियर नेता खफा हैं? क्या वो वाकई जनसेवा और जनता की फिक्र करते हुए अपनी ही सरकार के खिलाफ ऐसे तेवर दिखा रहे हैं?

छत्तीसगढ़ विधानसभा में 2025 के शीतसत्र के पहले दिन विपक्ष की गैर मौजूदगी में सदन में प्रदेश के वित्त मंत्री ओ पी चौधरी ने विकसित छत्तीसगढ़ विजन डॉक्यूमेंट 2047 पेश किया, जिसका विपक्ष पहले ही बायकॉट कर चुका था। लगा था कि चर्चा आपसी सौहार्द्र मोड में बिना किच-किच पूरी होगी, लेकिन सीनियर विधायक अजय चंद्राकर ने मंत्री चौधरी द्वारा पेश विजन 2047 में खामियों की लंबी लिस्ट गिना दी। चंद्राकर ने नई उद्योग नीति पर तंज कसा, कहा कि इनती सटीक है तो हर 15 दिन में संशोध की जरूरत क्यों पड़ रही है, इसके अलावा सिंचाई योजना, वित्तीय असमानता, प्रदेश की संस्कृति-गौरव तक कई बिंदुओं में कमी गिनाई। इस दौरान मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल से चंद्राकर ऐसी बहस हुई कि मंत्री ने चंद्राकर के भाषण के अंश विलोपित करने की मांग तक की। हालांकि सदन के बाहर चंद्राकर ने कहा वो तो केवल सुझाव दे रहे थे।

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CG Vidhan Sabha Latest News:  वैसे अपनी सरकार को घेरने में अजय चंद्राकर अकेले नहीं है। पूर्व मंत्री और सीनियर विधायक जैसे धरमलाल कौशिक, राजेश मूणत और धर्मजीत सिंह जैसे वरिष्ठों के तीखे तेवर ने सदन में मंत्रियों के पसीने छुड़ा दिए। इस पर विपक्ष ने तंज कसा कि बीजेपी सरकार कम से कम अपने सीनियर नेताओं की बात ही सुन ले। सदन के भीतर अपने अजय चंद्राकर, राजेश मूणत और धरमलाल कौशिन के अपने ही सरकार के मिनिस्टर्स को घेरा तो सदन के बाहर पूर्व मंत्री और मौजूदा सांसद बृजमोहन अग्रवाल, विजय बघेल जैसे वरिष्ठ पत्र लिखकर अपनी तीखी प्रतिक्रियाओं या मांगों से सरकार को कठघरे में खड़ा करते रहे हैं। विपक्ष ने ताना दिया है कि सरकार 2 साल की सफलता का चाहे जितना ढिंढोरा पीटे। अपने ही सीनियर नेता बता रहे हैं कि सरकार कैसी चल रही है। सवाल ये है कि आखिर पार्टी के वरिष्ठों के ऐसे तेवर क्यों हैं?


लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।