छत्तीसगढ़: शिक्षक और हेडमास्टर के प्रमोशन पर रोक, HC में स्कूल शिक्षा सेवा भर्ती और पदोन्नति नियम-2019 को चुनौती

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने शिक्षक और हेडमास्टर, प्राथमिक शाला के प्रमोशन पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने आगामी सुनवाई तक के लिए रोक लगाई है। इसके साथ ही कोर्ट ने शासन को नोटिस जारी करके दो हफ्ते में जवाब मांगा है।

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  • Publish Date - February 10, 2022 / 04:46 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:50 PM IST

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बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने शिक्षक और हेडमास्टर, प्राथमिक शाला के प्रमोशन पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने आगामी सुनवाई तक के लिए रोक लगाई है। इसके साथ ही कोर्ट ने शासन को नोटिस जारी करके दो हफ्ते में जवाब मांगा है।

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बता दें कि हाईकोर्ट में छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा सेवा भर्ती को चुनौती दी गई है, साथ ही पदोन्नति नियम-2019 को भी चुनौती दी गई है। चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में आज इस मामले पर सुनवाई हुई है। जिसके बाद प्राथमिक शाला के शिक्षक और हेडमास्टर, प्राथमिक शाला के प्रमोशन पर HC ने रोक लगाई है।

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बता दें कि मिडिल स्कूल के शिक्षक प्रमोशन पर पहले से रोक लगी है। छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा सेवा संवर्ग 2019 के नियम 15 को नीलम कुमार मेश्राम और अन्य ने अधिवक्ता अजय श्रीवास्तव के माध्यम से चुनौती दी गयी है।

उक्त नियम के तहत 5 साल तक अनुभव रखने वाले सहायक शिक्षक हेडमास्टर प्राथमिक शाला और शिक्षक के पद पर पदोन्नति के पात्र हैं, उक्त नियम को शिथिल कर अनुभव को 3 साल किया गया।

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नियम में विभिन्न विसंगति के आधार पर उसे हाईकोर्ट मे चुनौती दी गयी, कोर्ट को बताया कि नियम में LB कैडर क़ी वरिष्ठता निर्धारण का कोई प्रावधान ही नहीं है। जिससे अलग अलग संभाग में अलग अलग वरिष्ठता निर्धारण हो रहा है जो संविधान के अनुच्छेद 14,16 का उल्लंघन है।