छत्तीसगढ़: जलाशय के बाहरी हिस्से से पानी खाली करने की अनुमति देने वाला अधिकारी निलंबित |

छत्तीसगढ़: जलाशय के बाहरी हिस्से से पानी खाली करने की अनुमति देने वाला अधिकारी निलंबित

छत्तीसगढ़: जलाशय के बाहरी हिस्से से पानी खाली करने की अनुमति देने वाला अधिकारी निलंबित

:   Modified Date:  May 31, 2023 / 08:59 PM IST, Published Date : May 31, 2023/8:59 pm IST

रायपुर, 31 मई (भाषा) छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में पिछले हफ्ते एक मोबाइल फोन बरामद करने के लिए जलाशय के बाहरी हिस्से से 41 लाख लीटर पानी खाली कर दिये जाने की घटना के बाद राज्य सरकार ने कर्तव्य निर्वहन में कथित लापरवाही बरतने को लेकर जलसंसाधन विभाग के एक अधिकारी को बुधवार को निलंबित कर दिया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।

विभाग के विशेष सचिव अनुराग पांडे ने जिले के कापसी उपसंभाग में पदस्थ प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी (जल संसाधन) आर एल धीवर को निलंबित करने का आदेश जारी किया।

निलंबन अवधि के दौरान धीवर को मुख्यालय अधीक्षण अभियंता इन्द्रावती परियोजना मंडल, जगदलपुर में संबंद्ध किया गया है।

धीवर के निलंबन आदेश में कहा गया है कि उन्होंने 21 मई से चार दिनों तक परलकोट जलाशय के बाहरी हिस्से से 4104 क्यूबिक मीटर (41 लाख लीटर) पानी अनधिकृत रूप से खाली किये जाने के संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की।

आदेश में कहा गया है कि उनका कृत्य कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही को दर्शाता है। अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।

जिले के पखांजूर इलाके में तैनात एक खाद्य निरीक्षक राजेश विश्वास को पिछले सप्ताह कथित तौर पर एक डीजल पंप का उपयोग कर बिना सक्षम अधिकारी से अनुमति लिए जलाशय के बाहरी हिस्से से पानी खाली करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था।

विश्वास 21 मई को अपने मित्रों के साथ जलाशय घूमने गया था। ‘सेल्फी’ लेने के दौरान विश्वास का मोबाइल फोन पानी में गिर गया। इसके बाद, उसने कथित तौर पर ग्रामीणों की मदद ली और 25 मई को मोबाइल फोन के मिलने तक पानी निकालने के लिए डीजल पंप का उपयोग किया।

अगले दिन, घटना के प्रकाश में आने के बाद कांकेर की जिलाधिकारी प्रियंका शुक्ला ने इस संबंध में एक रिपोर्ट मांगी, जिसके बाद अधिकारी को निलंबित कर दिया गया।

जिलाधिकारी ने जल संसाधन विभाग के अनुविभागीय अधिकारी (एसडीओ) धीवर को बांध से पानी खाली करने की कथित तौर पर मौखिक अनुमति देने पर कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था। विश्वास को 10 दिनों के भीतर विभाग को 53,092 रुपये का जुर्माना भरने को भी कहा गया है।

भाषा संजीव सुभाष

सुभाष

 

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