Sai Cabinet Ke Faisle/ Image Credit: CG DPR
रायपुर: Sai Cabinet Ke Faisle: आज यानी बुधवार को छत्तीसगढ़ की साय कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई। सीएम विष्णुदेव साय ने इस बैठक की अध्यक्षता की। मानसून से ठीक पहले आयोजित की गई यह बैठक कई मायनो में विशेष रही। कैबिनेट की बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए। प्रदेश के डिप्टी सीएम अरुण साव ने कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में जानकारी दी। इस बैठक में सबसे महत्वपूर्ण निर्णय वन्यजीव, खासकर बाघों के संरक्षण को लेकर लिया गया है।
Sai Cabinet Ke Faisle: मंत्रिपरिषद ने राज्य में वन्यजीव, खासकर बाघों के संरक्षण और ईको-पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण पहल करते हुए ‘‘छत्तीसगढ़ टाइगर फाउंडेशन सोसायटी‘‘ का गठन करने का निर्णय लिया है। यह सोसायटी वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत काम करेगी। मध्य प्रदेश में यह 1996 से संचालित है। इसका मुख्य लक्ष्य छत्तीसगढ़ में लगातार घट रही बाघों की आबादी (फिलहाल लगभग 18-20) को बचाना है। यह संस्था स्व-वित्तपोषित होगी, जिससे सरकारी खजाने पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा। यह सहयोग देने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं से फंड जुटाएगी।
यह सोसायटी बाघों और अन्य वन्यजीवों के संरक्षण से जुड़ी गतिविधियों में सीधे शामिल होगी। यह स्थानीय समुदाय की भागीदारी से ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देगी, जिससे न केवल पर्यटन बढ़ेगा, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोज़गार और आय के अवसर भी पैदा होंगे। साथ ही, यह पर्यावरणीय शिक्षा, अनुसंधान और प्रशिक्षण को प्रोत्साहित करेगी, जिससे भविष्य के संरक्षणवादी तैयार होंगे। इस पहल से संरक्षण के लिए बाहरी धन, विशेषज्ञता और संसाधन मिलेंगे, जिससे स्थानीय समुदायों को रोज़गार के नए अवसर मिलेंगे और राज्य का पर्यावरणीय संतुलन बना रहेगा। यह छत्तीसगढ़ में वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगी, जो जैव विविधता की रक्षा के साथ-साथ ईको-टूरिज्म को भी मजबूत आधार देगी।
मंत्रिपरिषद ने अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति सूची में तकनीकी कारणों से शामिल होने से वंचित जातियों को प्राप्त होने वाली कतिपय सुविधाएं के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए डिहारी कोरवा, बघेल क्षत्री, संसारी उरांव तथा पबिया, पविया, पवीया समाज के विद्यार्थियों को अनुसूचित जनजाति के समतुल्य एवं डोमरा जाति के विद्यार्थियों को अनुसूचित जाति के समतुल्य राज्य मद से मात्र राज्य छात्रवृत्ति तथा शिष्यवृत्ति प्रदान किये जाने एवं छात्रावास-आश्रमों में स्वीकृत सीट के अधीन प्रवेश दिए जाने की सुविधा प्रदान करने की सहमति दी है।
Sai Cabinet Ke Faisle: मंत्रिपरिषद ने छत्तीसगढ़ में अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने और बिजली उपभोक्ताओं को आर्थिक लाभ पहुँचाने के लिए प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना अंतर्गत घर की छतों में सोलर रूफटॉप संयंत्र की स्थापना में राज्य शासन द्वारा उपभोक्ताओं को वित्तीय सहायता दिए जाने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (CSPDCL) के माध्यम से पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत घरेलू उपभोक्ताओं के घरों पर सोलर रूफटॉप संयंत्र लगाने पर केंद्रीय वित्तीय सहायता के साथ-साथ राज्य की ओर से अतिरिक्त वित्तीय सहायता भी दी जाएगी, जो सोलर प्लांट की क्षमता (1 किलोवाट, 2 किलोवाट, 3 किलोवाट और उससे अधिक) के आधार पर अलग-अलग होगी। उदाहरण के लिए, 1 किलोवाट प्लांट के लिए कुल 45,000 रूपए, (30,000 रूपए केंद्रीय और 15,000 रूपए राज्य सहायता) जबकि 3 किलोवाट या उससे अधिक के प्लांट के लिए 1,08,000 रूपए (78,000 रूपए केंद्रीय और 30,000 रूपए राज्य सहायता) की मदद मिलेगी। हाउसिंग सोसाइटी/रेसिडेंशियल वेलफेयर एसोसिएशन के लिए भी इसी तरह की सहायता प्रस्तावित की गई है। यह अनुदान राशि CSPDCL को अग्रिम रूप से मिलेगी और वही इसे लाभार्थियों को देगी। वर्ष 2025-26 में 60,000 और 2026-27 में 70,000 सोलर पावर प्लांट की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है। इससे वित्तीय वर्ष 2025-26 में 180 करोड़ एवं 2026-27 में 210 करोड़ रूपए का वित्तीय भार आएगा।
CSPDCL इस योजना की कार्यान्वयन एजेंसी होगी और नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE), भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार इसे लागू करेगी। कंपनी इस योजना के संचालन के लिए एक अलग बैंक खाता खोलेगी, जिसमें सब्सिडी की राशि रखी जाएगी और उसका हिसाब-किताब किया जाएगा। राज्य वित्तीय सहायता उन घरेलू उपभोक्ताओं को प्राथमिकता से दी जाएगी जिनके सोलर प्लांट का ग्रिड सिंक्रोनाइजेशन 1 अप्रैल 2025 या उसके बाद हुआ है।
Sai Cabinet Ke Faisle: मंत्रिपरिषद द्वारा अशासकीय अनुदान प्राप्त शिक्षण संस्था ‘‘रामकृष्ण मिशन आश्रम नारायणपुर की सहयोगी संस्था ‘‘विवेकानंद इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल हेल्थ वेलफेयर एवं सेवायें, छत्तीसगढ़ (विश्वास)‘‘ को रामकृष्ण मिशन आश्रम नारायणपुर में अंतर्भूत (मर्ज) करने का अनुमोदन किया गया।
उद्यानिकी महाविद्यालय (उद्यानिकी विश्वविद्यालय) की स्थापना के लिए बेमेतरा जिले के साजा तहसील अंतर्गत बेलगांव में राजगामी संपदा की 94.290 हेक्टेयर भूमि में से 100 एकड़ भूमि उद्यानिकी विभाग को निःशुल्क प्रदान करने का निर्णय लिया गया।
जशपुर जिले में महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा हर्बल व महुआ चाय जैसे पारंपरिक उत्पाद ‘JashPure’ ब्रांड के तहत तैयार किए जा रहे हैं। इन उत्पादों को व्यापक बाजार उपलब्ध कराने और विपणन को बढ़ावा देने हेतु इस ब्रांड को राज्य शासन अथवा CSIDC को हस्तांतरित करने के प्रस्ताव का मंत्री परिषद ने अनुमोदन किया है।
ब्रांड हस्तांतरण से एग्रो व फूड प्रोसेसिंग इकाइयों को बढ़ावा मिलेगा, स्थानीय कच्चे माल की मांग बढ़ेगी और आदिवासी महिलाओं को रोजगार के अधिक अवसर मिलेंगे। ट्रेडमार्क हस्तांतरण से राज्य पर कोई अतिरिक्त वित्तीय भार नहीं पड़ेगा।
Sai Cabinet Ke Faisle: मंत्रिपरिषद द्वारा शहीद पुलिसकर्मियों के सर्वाेच्च बलिदान को ध्यान में रखते हुए अनुकम्पा नियुक्ति हेतु जारी एकजाई पुनरीक्षित निर्देश-2013 की कंडिका 13 (3) में संशोधन करते हुए निर्णय लिया है कि – नक्सली हिंसा में शहीद पुलिस सेवकों के प्रकरण में उनके परिवार के किसी भी पात्र सदस्य (महिला या पुरूष) को विकल्प के आधार पर पुलिस विभाग के अलावा, किसी अन्य विभाग में, राज्य के किसी भी जिला, संभाग में अनुकम्पा नियुक्ति दी जा सकेगी। पहले अनुकम्पा नियुक्ति यथासंभव उसी विभाग या कार्यालय में देने की व्यवस्था थी, जिसमें दिवंगत शासकीय सेवक निधन के पूर्व कार्यरत था।
मंत्रिपरिषद द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य में गौण खनिजों के सुव्यवस्थित अन्वेषण, पूर्वेक्षण एवं अधोसंरचना के विकास के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए ‘‘स्टेट मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट‘‘ (एसएमईटी) के गठन की अधिसूचना के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में स्टेट मिनिरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट के तहत समस्त गौण खनिजों से प्राप्त होने वाली रायल्टी 2 प्रतिशत राशि अतिरिक्त रूप से एसएमईटी फंड में जमा की जाएगी। जिसका उपयोग गौण खनिजों के अन्वेषण, अधोसंरचना विकास में उच्च तकनीकों का उपयोग, इन्फॉर्मेशन सिस्टिम, लॉजिस्टिक सपोर्ट, मानव संसाधनों के उन्नयन आदि में किया जा सकेगा। भारत सरकार के नेशनल मिनिरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट की तर्ज पर राज्य में स्टेट मिनिरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट का गठन किया जाएगा।