CM Bhupesh at the Satguru Kabir Sant Samagam ceremony of Damakheda

दामाखेड़ा के कबीर संत समागम समारोह में शामिल हुए सीएम भूपेश, कबीर सागर के उन्नयन एवं सौंदर्यीकरण कार्य का किया भूमि पूजन

दामाखेड़ा के कबीर संत समागम समारोह में शामिल हुए सीएम भूपेशः CM Bhupesh at the Satguru Kabir Sant Samagam ceremony of Damakheda

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:08 PM IST, Published Date : March 17, 2022/8:40 pm IST

नई दिल्लीः मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के दामाखेड़ा में फाल्गुन पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित सद्गुरू कबीर संत समागम समारोह में शामिल हुए। इस मौके पर उन्होंने 22 करोड़ 43 लाख रूपये से बनने वाले कबीर सागर के उन्नयन एवं सौंदर्यीकरण कार्य का भूमि पूजन किया। साथ ही उन्होंने मेले के विस्तार एवं स्वरूप को देखते हुए इस मेले की व्यवस्था राशि के लिए दी जाने वाली 27 लाख रूपए की राशि को बढ़ाकर 50 लाख करने की घोषणा की है। साथ ही यहां आने वाले पर्यटकों की सुविधाओं के लिए एक नये अतिथि गृह एवं धर्मशाला निर्माण की घोषणा भी की। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने बजट में पूर्व से निर्धारित 75 करोड़ के लागत से नल जल योजना तहत शिवनाथ नदी से कनेक्टिविटी को शीघ्र पूरा करने का आश्वासन दिया। जिससे दामाखेड़ा के आसपास लगभग 50 गावों को फायदा मिलेगा। समारोह में मुख्यमंत्री ने पंथ हुजूर प्रकाश मुनि नाम साहेब का स्वागत करते हुए उनसे छत्तीसगढ़ की तरक्की और खुशहाली के लिए आशीर्वाद लिया। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत और गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू एवं विधायक शिवरतन शर्मा ने भी गुरू का दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।

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धर्मगुरू पंथ प्रकाश मुनि नाम साहेब ने मुख्यमंत्री के रूप में दूसरी दफा दामाखेड़ा आगमन पर भूपेश बघेल का कबीरपंथी समाज की ओर से आत्मीय स्वागत किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दिल से कबीरपंथी हैं। कबीर के सिद्धांत और उपदेश को वे शुरू से मानते हैं। विगत 20 सालों से मेरा उनसे गहरा नाता है। उन्होने ने संत समागम में पहुंचकर दामाखेड़ा का गौरव बढ़ाया है। उन्होंने आज दामाखेड़ा के प्राचीन तालाब का सौंदर्यीकरण कार्य का भूमि पूजन करके पूरे समाज को एक बड़ी सौगात दिया हैं। इस दौरान उन्होंने कबीर सागर के महत्व को भी बताया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि कबीरपंथ का छत्तीसगढ़ के जनजीवन में व्यापक प्रभाव है। इसलिए यहां के लोग शांतिप्रिय है और छत्तीसगढ़ पूरे देश में शांति का टापू बना हुआ है। हमारी सरकार कबीर के बताए रास्ते पर चल रही है। दामाखेड़ा के सर्वांगीण विकास के लिए बजट की कोई कमी नहीं होगी। उन्होंने आगें कहा धर्मनगर दामाखेड़ा कबीरपंथियों की आस्था का एक प्रमुख केन्द्र है। राज्य सरकार यहां के प्राचीन तालाब सहित संपूर्ण दामाखेड़ा के विकास के लिए वचनबद्ध है। ताकि यहां दर्शन के लिए आने वाले देश-विदेश के श्रद्धालु दामाखेड़ा की मधुर स्मृति लेकर वापस लौटेंगे। उन्होंने इस दौरान उन्होंने पानी पिये छान के, गुरु बनाए जान के जैसे दोहे का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कबीर के विचार तोड़ने वाला नहीं बल्कि जोड़ने वाला विचार है। जब तक इस संसार मे मानव है तब तक मानवता है, तब तक कबीर है और कबीर है तो कबीर सागर है।

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विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने अपने उद्बोधन में कहा कि दामाखेड़ा मेला में देश-विदेश के लोग एकत्र होते हैं। गुरूओं का आशीर्वाद इस दौरान उन्हें मिलता है। उन्होंने कबीर के दोहे पढ़कर गुरू का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि महात्मा कबीर का आशीर्वाद है कि राज्य का पूरा मंत्रीमण्डल कबीरपंथियों से भरा है और उनकी राह का अनुगमन करता है।

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गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि प्रकाश मुनि नाम साहेब के गद्दी संभालने के बाद देश-विदेश में कबीरपंथ का प्रचार-प्रसार हुआ है। कबीरपंथ सादगीपूर्ण जीवन जीने का एक रास्ता है जिसमें सभी जाति और समाज के लोग इसमें शामिल हैं। समारोह को क्षेत्रीय विधायक शिवरतन शर्मा ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर गुरूगोसांई भानुप्रताप साहब, विधायक आशीष छाबड़ा, दामाखेड़ा के सरपंच पूर्णिमा पूरन देवांगन, पूर्व सरपंच कमलेश साहू सहित अनेक जनप्रतिनिधि गण एवं श्रद्धालु बड़ी संख्या में उपस्थित थे।