Congress 85th National Convention: मुख्यमंत्री कार्यकाल का आखिरी साल, भूपेश बघेल के लिए क्यों खास है कांग्रेस महाधिवेशन?
Congress 85th National Convention: special for Bhupesh Baghelआज से कांग्रेस का तीन दिवसीय अधिवेशन शुरू हो रहा है।आज से कांग्रेस का तीन दिवसीय अधिवेशन शुरू हो रहा है।
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Congress 85th National Convention: रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आज से कांग्रेस का तीन दिवसीय अधिवेशन शुरू हो रहा है। यह महाधिवेशन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के लिए काफी अहम है और मिशन-2023 के लिहाज से अपने सियासी कद को हाईकमान के सामने बढ़ाने का एक बेहतर मौका है। ऐसे में भूपेश बघेल ने पूरे आयोजनों की कमान अपने हाथों में ले रखी है और पार्टी नेताओं की मेहमान नवाजी के लिए पूरी ताकत झोंक रखी है। साथ ही अपनी पार्टी के इन नेताओं की सीडब्ल्यूसी में शामिल होने की घोषणा भी करेंगे।
इन अहम मुद्दों पर होगी चर्चा
रायपुर में हो रहे अधिवेशन में पॉलिटिकल, इकोनॉमिक, इंटरनेशनल अफेयर, किसानों से लेकर सामाजिक न्याय,रोजगार के मुद्दे पर बात होगी। छत्तीसगढ़ समेत मध्य प्रदेश, कर्नाटक और राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं जबकि अगले साल लोकसभा चुनाव हैं। ऐसे में ये अधिवेशन कांग्रेस के लिए बहुत खास माना जा रहा है तो छत्तीसगढ़ में होने से भूपेश बघेल के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है।
भूपेश बघेल के लिए क्यों अहम
साल के आखिर में छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिहाज से भूपेश बघेल के लिए यह अहम मौका नजर आ रहा है। कांग्रेस राष्ट्रीय अधिवेशन कर मिशन-2023 का चुनावी बिगुल का आगाज कर सकती है। ऐसे में भूपेश बघेल 2023 में मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर अपनी मुहर लगवा सकते हैं, क्योंकि टीएस सिंहदेव जैसे दिग्गज कांग्रेस नेताओं के साथ चुनौती मिलती रही है। ऐसे में भूपेश बघेल अधिवेशन में अपनी ताकत और कांग्रेस नेताओं के स्वागत के लिए पलक पावड़े बिछाकर गांधी परिवार से लेकर पार्टी हाईकमान तक का दिल जीत सकते हैं।
देश भर से जुटेंगे कांग्रेसी
Congress 85th National Convention: कांग्रेस अधिवेशन में हर राज्य की कांग्रेस कमेटी के बड़े नेता शिरकत करेंगे। इसके अलावा एआईसीसी के तमाम दिग्गज भी छत्तीसगढ़ पहुचेंगे। इस बैठक में सिर्फ 2024 के लोकसभा चुनाव ही नहीं बल्कि मल्लिकार्जुन खड़गे की टीम का खाका भी खींचा जाएगा। कांग्रेस में पावरफुल मानी जाने जाने वाली कार्यसमिति यानी सीडब्ल्यूसी का चुनाव है, क्योंकि राहुल गांधी पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में सीडब्ल्यूसी के चुनाव कराने की मांग पार्टी के अंदर से उठती रही है।

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