Dantewada Naxal Surrender: लोन वर्राटू अभियान की बड़ी कामयाबी, दंतेवाड़ा में 990 से ज्यादा नक्सलियों ने छोड़ा हथियार, मुख्यधारा में लौटे 238 इनामी माओवादी
Dantewada Naxal Surrender: लोन वर्राटू अभियान की बड़ी कामयाबी, दंतेवाड़ा में 990 से ज्यादा नक्सलियों ने छोड़ा हथियार, मुख्यधारा में लौटे 238 इनामी माओवादी
Dantewada Naxal Surrender | Image Source | IBC24
- बंदूक छोड़ विकास की राह पर लौटे नक्सली,
- दंतेवाड़ा में 990 से अधिक नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण,
- मुख्यधारा में लौटे 238 इनामी माओवादी,
दंतेवाड़ा: Dantewada Naxal Surrender: नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में नक्सल उन्मूलन के लिए चलाए जा रहे ‘लोन वर्राटू’ (घर लौट आओ) अभियान ने उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। इस अभियान के तहत अब तक 990 से अधिक नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्य धारा में लौटने का रास्ता अपनाया है। इनमें से 238 इनामी नक्सली भी शामिल हैं जो वर्षों से जंगल में रहकर हिंसक गतिविधियों में लिप्त थे। साय सरकार के गठन के करीब डेढ साल में ही 339 नक्सलियों ने सरेंडर किया है जिसमें 72 नक्सलियों पर एक करोड 59 लाख रूपये का इनाम है।
Dantewada Naxal Surrender: दंतेवाड़ा पुलिस द्वारा संचालित लोन वर्राटु अभियान का स्थानीय गोंडी भाषा में अर्थ है ‘घर लौटो’। यह अभियान नक्सलियों को आत्मसमर्पण कर सम्मानजनक जीवन जीने के लिए प्रेरित करने का एक प्रभावशाली प्रयास साबित हुआ है। पुलिस और प्रशासन द्वारा आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को न केवल सुरक्षा प्रदान की जा रही है बल्कि उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ भी मिल रहा है। समर्पण करने वाले नक्सलियों को सरकारी नौकरी, आवास, आर्थिक सहायता, स्वास्थ्य सुविधा सहित आधार कार्ड और वोटर आईडी जैसे जरूरी दस्तावेज भी बनाए जा रहे हैं। इससे उन्हें समाज में पुनः सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर मिल रहा है।अधिकारियों का कहना है कि लोन वर्राटू अभियान न केवल नक्सलियों को मुख्य धारा में शामिल कर रहा है बल्कि इससे आम जनता में भी सुरक्षा और विश्वास का माहौल बना है। कई नक्सली जो कभी बंदूक उठाए घूमते थे आज खेती-किसानी, मजदूरी, या अन्य रोजगार कर अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं।
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Dantewada Naxal Surrender: पुलिस विभाग द्वारा आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों, जागरूकता रैलियों और पंचायत स्तर पर बैठकों के माध्यम से लगातार नक्सलियों से अपील की जा रही है कि वे हिंसा का रास्ता छोड़कर विकास और शांति की राह पर लौटें। प्रशासन का कहना है कि समर्पण करने वालों के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जाती, बल्कि उन्हें पुनर्वास पैकेज का लाभ दिया जाता है। पिछले कुछ वर्षों में अभियान के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। नक्सल प्रभावित इलाकों में सड़कों का विकास, स्कूल, अस्पताल और अन्य बुनियादी सुविधाओं का विस्तार हुआ है। पुलिस और प्रशासन की सक्रियता से ग्रामीणों में विश्वास बढ़ा है और नक्सलियों के प्रभाव में कमी आई है।
Dantewada Naxal Surrender: लोन वर्राटू अभियान के तहत प्रशासन की कोशिश है कि जंगल में रह रहे शेष नक्सली भी समाज की मुख्यधारा में लौटें ताकि दंतेवाड़ा जिला विकास की ओर अग्रसर हो सके और यहां शांति और खुशहाली का माहौल कायम हो। अफसरों का कहना है कि समर्पित नक्सलियों को शासन की सभी योजनाओं का लाभ दिलाया जा रहा है। बीते डेढ साल में 339 नक्सली मुख्यधारा में लौट चुके हैं, इनमें से 72 नक्सलियों पर एक करोड उनसठ लाख रूपये का इनाम है। लोन वर्राटु अभियान को मिल रही सफलताओं और समर्पण के बाद नक्सलियों को मिल रही सुविधाओं का ही नतीजा है कि नक्सली लगातार मुख्यधारा में लौट रहे है। इन समर्पित नक्सलियों की निशानदेही पर आपरेशंस भी चलाये जाते है, जिनमें पुलिस को बडी सफलताएं भी मिल रही हैं।

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