Ujjain Mahakal Mandir | Image Source | IBC24
उज्जैन/इंद्रेश सूर्यवंशी: Ujjain Mahakal Mandir: महाकाल लोक के निर्माण के बाद उज्जैन स्थित श्री महाकालेश्वर मंदिर देशभर ही नहीं, विदेशों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी आस्था का प्रमुख केंद्र बन गया है। यह न सिर्फ दर्शनार्थियों की संख्या में इजाफे के कारण चर्चा में है बल्कि मंदिर में मिलने वाले दान ने भी बीते वर्षों के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
Ujjain Mahakal Mandir: महाकाल मंदिर समिति द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले छह वर्षों में मंदिर को प्राप्त दान की राशि चार गुना से अधिक बढ़ गई है। जहां वर्ष 2019-20 में मंदिर को 15.04 करोड़ रुपये दान के रूप में प्राप्त हुए थे वहीं 2023-24 में यह आंकड़ा बढ़कर 59.91 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। इस वर्ष (2024-25) अब तक मंदिर को 51.22 करोड़ रुपये का दान प्राप्त हो चुका है। लाखों श्रद्धालु करोड़ों का दान महाकाल लोक के लोकार्पण के बाद दर्शनार्थियों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। पहले जहां प्रतिदिन 40 से 50 हजार भक्त दर्शन के लिए मंदिर पहुंचते थे वहीं अब यह संख्या बढ़कर डेढ़ से दो लाख प्रतिदिन तक पहुंच गई है। यही वजह है कि दान की राशि में भी अप्रत्याशित बढ़ोतरी देखी गई है।
Ujjain Mahakal Mandir: वर्ष 2022-23 में मंदिर को 38.91 करोड़ रुपये दान में प्राप्त हुए जो कि 2021-22 के 19.97 करोड़ रुपये से लगभग दोगुने हैं। वहीं 2023-24 में यह राशि तीन गुना बढ़कर 60 करोड़ रुपये के करीब पहुंच गई। मंदिर को सिर्फ नकद दान ही नहीं मिल रहा बल्कि बड़ी मात्रा में आभूषण और विदेशी मुद्रा भी भेंट स्वरूप प्राप्त हो रही है। 1 जनवरी 2024 से 13 दिसंबर 2024 तक श्रद्धालुओं ने 399 किलो चांदी (कीमत करीब 2.42 करोड़ रुपये) और 1533 ग्राम सोना (मूल्य लगभग 95.29 लाख रुपये) मंदिर में दान किया। इसके अलावा, 64 किलो ऐसे आभूषण भी दान पेटियों से निकले हैं, जिनमें हीरे की अंगूठियाँ, महंगी घड़ियाँ और डॉलर सहित अन्य विदेशी मुद्राएँ शामिल हैं।
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Ujjain Mahakal Mandir: धार्मिक पर्यटन के लिहाज़ से भी उज्जैन शीर्ष पर पहुंच गया है। मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2024 में उज्जैन ने 7.32 करोड़ पर्यटकों की मेज़बानी की, जो 2023 की तुलना में 39 प्रतिशत अधिक है। टूरिज्म लिस्ट में चित्रकूट, मैहर, अमरकंटक, सलकनपुर और ओंकारेश्वर जैसे धार्मिक स्थल भी शामिल हैं लेकिन इनमें सबसे अधिक श्रद्धालु उज्जैन पहुंचे। मंदिर समिति के प्रशासक ने दी जानकारी मंदिर समिति के प्रशासक प्रथम कौशिक ने बताया कि महाकाल लोक के निर्माण के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। देश-विदेश से लाखों भक्त प्रतिदिन भगवान महाकाल के दर्शन करने आते हैं और दिल खोलकर दान भी करते हैं।” उन्होंने बताया कि मंदिर को मिलने वाला दान न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि इससे उज्जैन शहर की धार्मिक, सांस्कृतिक और आर्थिक पहचान भी और सशक्त हो रही है।