CG News : वाह रे सिस्टम! शव ले जाने को नहीं मिला वाहन, परिजनों ने जमीन गिरवी रखकर की पिकअप की व्यवस्था

वाह रे सिस्टम! शव ले जाने को नहीं मिला वाहन, Family members mortgage their land and sent the body home in a pickup truck

  • Reported By: Arun Soni

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  • Publish Date - July 11, 2025 / 10:58 PM IST,
    Updated On - July 12, 2025 / 12:02 AM IST
HIGHLIGHTS
  • कोड़ाकू जनजाति के युवक की मौत के बाद शव ले जाने को सरकारी शव वाहन नहीं मिला।
  • परिजनों ने ₹2000 में निजी पिकअप की व्यवस्था की, और जमीन गिरवी रखकर खर्च चुकाया।
  • डॉक्टरों का जवाब – "परिजन अपनी सुविधा से वाहन लाते हैं", जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते नजर आए।

बलरामपुर: CG News : सरकार भले ही लाख दावा कर लें कि प्रदेश के लोगों को उत्तम स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही है, लेकिन समय-समय पर छत्तीसगढ़ की अलग-अलग इलाकों से आती तस्वीरें सबकुछ बयां कर देती है। ऐसा ही एक मामला बलरामपुर जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र राजपुर में सामने आया है। यहां डेडबॉडी ले जाने परिजनों को शव वाहन नहीं मिला। परिजनों ने जैसे-तैसे पिकअप वाहन की व्यवस्था की। वाहन का किराया देने परिजनों ने जमीन गिरवी रखी हुई है।

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CG News : मामला ग्राम पंचायत करवा का है। यहां के रहने वाले अति संरक्षित कोड़ाकू जनजाति के एक युवक को सांप ने काट लिया था। अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। डेड बॉडी को घर ले जाने के लिए परिजनों को शव वाहन नहीं मिला। परिजनों ने गांव से ही एक पिकअप वाहन मंगाया, जिसका किराया ₹2000 था और दूरी 10 किलोमीटर थी। आईबीसी 24 से बातचीत करते हुए परिजनों ने कहा कि इसका किराया चुकाने के लिए उन्हें या तो अपनी जमीन गिरवी रखनी पड़ेगी या फिर कुछ दिन बाद धीरे-धीरे वह इसका किराया चुकता करेंगे। वहीं डॉक्टरों ने कहा कि मृतक के परिजन डेड बॉडी ले जाने के लिए अपने सुविधा का इस्तेमाल करते हैं।

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क्या छत्तीसगढ़ सरकार शव वाहन की सुविधा देती है?

हाँ, सरकारी स्तर पर शव वाहन की सुविधा उपलब्ध होती है, लेकिन जमीनी स्तर पर इसकी उपलब्धता अक्सर सवालों में रहती है।

परिजनों को पिकअप वाहन क्यों लेना पड़ा?

राजपुर अस्पताल में शव वाहन नहीं मिलने के कारण परिजनों ने निजी वाहन (पिकअप) की व्यवस्था की।

वाहन का किराया कितना था?

10 किलोमीटर की दूरी के लिए ₹2000 का भुगतान करना पड़ा।

पैसे की व्यवस्था परिजनों ने कैसे की?

परिजनों ने बताया कि उन्हें अपनी जमीन गिरवी रखनी पड़ी ताकि किराया चुकाया जा सके।

क्या अस्पताल प्रशासन ने मदद की?

डॉक्टरों का कहना था कि परिजन अपनी सुविधा अनुसार वाहन की व्यवस्था करते हैं, जिससे साफ है कि कोई सहायता नहीं दी गई।