Gurushree Minerals is transporting dolomite indiscriminately in collusion with forest department

वन विभाग और सरपंच से मिलीभगत कर धड़ल्ले से डोलोमाइट का परिवहन कर रहा गुरुश्री मिनरल्स, धृतराष्ट्र बने बैठे है अधिकारी

Shakti Forest Department News : वन विभाग और ग्राम पंचायत छितापड़रिया के सरपंच से मिलीभगत कर गुरुश्री मिनरल्स के संचालक खुलेआम नियमों की

Edited By :   Modified Date:  January 5, 2024 / 10:18 PM IST, Published Date : January 5, 2024/7:34 pm IST

नेतराम बघेल की रिपोर्ट…

सक्ती : Shakti Forest Department News : वन विभाग और ग्राम पंचायत छितापड़रिया के सरपंच से मिलीभगत कर गुरुश्री मिनरल्स के संचालक खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ा रहे है। क्योंकि इन्हें पता है, पंचायत के लोग और सरपंच शिकायत कर सकते है और जिस विभाग को कार्रवाई करना है अब ये दोनों इनके पक्ष में खड़े है। आपको बता दे, जनपद पंचायत जैजैपुर अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत छितापड़रिया के वन भूमि पर लगे पेड़ो और छोटे छोटे झाड़ को गुरुश्री मिनरल्स के संचालक द्वारा बिना किसी विभागीय अनुमति के बिना काटकर उसमें सड़क निर्माण कर डोलोमाईट का परिवहन करने लगा। ऐसा भी नही जब पेड़ों की कटाई की जा रही थी तब वन विभाग के जिम्मेदार के जिम्मेदार अधिकारियों को इसकी जानकारी नही थी। सब कुछ जानते हुए विभाग के अधिकारी धृतराष्ट्र बने बैठे थे। इसके चलते ही वन भूमि पर हजारों पेड़ो की कटाई हो गई और उसमें सड़क बन गई लेकिन विभाग ने गुरुश्री मिनरल्स के खिलाफ कार्रवाई करने की हिम्मत नही जुटा सकी।

वन विभाग की और गुरुश्री मिनरल्स की इसी मनमानी के खिलाफ जब यूथ कांग्रेस के जिला महासचिव दीपक राय ने पूरे मामले की शिकायत डीएफओ कार्यालय, वन मंडल कार्यालय बिलासपुर में करने के बाद हरकत में आये अधिकारियों ने बीते साल नवंबर माह में वन भूमि पर बने सड़क की दोनों छोर की कटाई कर सड़क को ब्लाक कर दिए। ताकि गुरुश्री मिनरल्स द्वारा की जारी वन भूमि पर परिवहन को रोका जा सके। लेकिन ग्राम पंचायत छितापड़रिया के द्वारा पंचायत प्रस्ताव पारित कर सड़क को पाटकर ग्रामीणों की आवाजाही एवं निस्तारी के लिए समस्या का हवाला देकर सड़क को पाटने की मांग की गई। तब वन विभाग ने सड़क को पाट दिया गया। इसके बाद से ही शाम होते ही गुरुश्री मिनरल्स के द्वारा वन भूमि की सड़क पर बेखौफ होकर भारी वाहन से परिवहन खेल शुरु हो गया है। जिसके खिलाफ कार्रवाई करने में विभागीय अधिकारियों की हिम्मत नही जुटा पा रहे है।

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पंचायत के प्रस्ताव के आधार पर पट्टा जारी किया गया है

Shakti Forest Department News :  पूरे मामले में जब वन विभाग के डीएफओ से सवाल पुछने पर डीएफओ द्वारा ग्राम पंचायत के आवेदन का हवाला देते हुए एक हेक्टेयर भूमि पंचायत को लीज पर देने की बात कह रहे है। जबकि पंचायत द्वारा की गई प्रस्ताव में कही पर भी पट्टा देने का उल्लेख नही है। पंचायत द्वारा की गई प्रस्ताव में गांव के लोगों को आवाजाही और निस्तारी में दिक्कत होने के चलते सड़क को पाटने की बात कही है। तो किस आधार पर डीएफओ द्वारा दरियादिली दिखाते हुए पंचायत को एक हेक्टेयर भूमि लीज पर दिया गया है जो समझ से परे है। इतना ही नही डीएफओ का कहना है अब जमीन का पट्टा पंचायत को मिल चुका है और गुरुश्री मिनरल्स का भारी वाहन चलने पर गांव के लोगों को कोई समस्या नही है। तो हम किस आधार पर कार्रवाई करेंगे अब जमीन पंचायत का हो गया है पंचायत के लोग तय करेंगे उस सड़क पर क्या चलना है और नही।

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अपने निजी फायदे के लिए सरपंच लिखा मुझे नही है दिक्कत

Shakti Forest Department News :  आपको बता दे ग्राम पंचायत छितापड़रिया के सरपंच उमा बाई यादव ने अपने लेटर पेड में वन मंडल जिला सक्ती को पत्र लिखते हुए ग्राम पंचायत के वन भूमि पर गुरुश्री मिनरल्स द्वारा अवैध रूप से बनाए गए सड़क में डोलोमाईट की परिवहन पर किसी तरह की कोई दिक्कत नही होने की बात कही है। सरपंच ने अपने लेटर पेड में भी कही पर भी उक्त जमीन की पट्टा देने की बातों का जिक्र नही किया है। जबकि दूसरी ओर देखे तो पंचायत में जो प्रस्ताव वन विभाग को दिया है। उसमें ग्रामीणों की समस्या और निस्तारी की बातें कही है। इधर सरपंच ने उक्त भूमि पर परिवहन से उनको किसी तरह की कोई दिक्कत नही होने की बात कही है। तो वह विभाग ने पंचायत को एक हेक्टेयर भूमि को लीज पर देने की बात कहकर अपने जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रही है। या फिर गुरुश्री मिनरल्स से मिलीभगत के चलते कार्रवाई करने से बच रही है।

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पेड़ों और वन भूमि बचाने विभाग को नही है कोई सरोकार

Shakti Forest Department News :  जनपद पंचायत जैजैपुर के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत छितापड़रिया,खम्हरिया, झालरौंदा,लोहराकोट के कुछ हिस्से में ही वन भूमि और पेड़ है। लेकिन विभाग की निष्क्रियता के चलते यह वन भूमि भी बहुत जल्द पेड़ विहीन होकर बड़े बड़े उद्योगों या फिर गांव के दबंगो के कब्जे में रहेगा। क्योकि वन विभाग को भूमि को बचाने और पेड़ों को सहेजने की दिशा में कोई ठोस कदम नही उठा रही है।

ग्राम सभा के प्रस्ताव के आधार पर गांव को पट्टा दिया गया है। अगर किसी के द्वारा उसमें भारी वाहन का परिवहन कर रहे है तो कुछ नियम फस रहा है, अगर फिर से सड़क की स्वरूल को बदलकर पेड़ों की कटाई करते है तो हम कार्रवाई कर सकते है। बाकी जो भी समस्या है उस पर अब पंचायत कार्रवाई करे जमीन अब उनकी हो गई है।

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डीएफओ मनीष कश्यप ने कही ये बात

इस मामले में डीएफओ मनीष कश्यप ने कहा कि, ग्राम पंचायत के द्वारा वन विभाग से सिर्फ सड़क को पाटने की मांग किया गया था, ताकि लोगों को निस्तारी में समस्या ना हो और इसी के लिए प्रस्ताव पारित किया गया है। गुरुश्री मिनरल्स द्वारा उसमें परिवहन करे इसके संबंध में कोई प्रस्ताव नही दिया गया है। हम विभाग से मांग करेंगे ऐसे लोगों के ऊपर कार्रवाई करे जो वन भूमि पर परिवहन कर रहे है।

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