High Court on Teacher Shortage: छत्तीसगढ़ में शिक्षकों की कमी और छात्रों से बदसलूकी को लेकर हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी, सरकार से इतने दिनों में मांगा जवाब
छत्तीसगढ़ में शिक्षकों की कमी और छात्रों से बदसलूकी को लेकर हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी, High Court expressed displeasure over shortage of teachers and misbehavior with students
Chhattisgarh News / Image Credit : IBC24
बिलासपुरः High Court on Teacher Shortage छत्तीसगढ़ के स्कूलों में शिक्षकों की कमी और छात्रों से दुर्व्यहार को लेकर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है और सरकार को जवाब तलब किया है। हाईकोर्ट ने प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए भर्ती कब तक होगी इसकी जानकारी मांगी है। कोर्ट ने कहा कि इसके लिए चल रही प्रकिया की जानकारी भी मांगी है। इस मामले को लेकर अब अगली सुनवाई अक्टूबर में होगी।
High Court on Teacher Shortage सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार को बताया कि लगभग 267 स्कूल प्रदेश में ऐसे हैं, जहां शिक्षकों की कमी है। इनमें से 60 स्कूलों में स्थानीय स्तर पर शिक्षक नियुक्त किए गए हैं। दूरस्थ अंचल के 55 स्कूलों में अन्य स्कूलों से शिक्षकों का समायोजन किया गया है। बाकी स्कूलों में भी नियुक्ति प्रक्रिया की जा रही है। इस पर कोर्ट ने स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति कब तक हो जाएगी, यह बताने के निर्देश दिए हैं।
बता दें कि राजनांदगांव जिले की छात्राएं स्कूल में शिक्षक नहीं होने पर नियुक्ति की मांग को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी से मुलाकात करने गई थी। छात्राओं का कहना था कि बिना शिक्षक के 11 वीं पास कर लेंगे, लेकिन 12वीं की परीक्षा कैसे फाइट करेंगे। छात्राओं की इस जायज मांग पर जिला शिक्षा अधिकारी ने छात्राओं से दुर्व्यवहार करते हुए कहा कि जिंदगी भर जेल में रहोगे तो समझ में आएगा। डीईओ के इस व्यवहार को प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने प्रमुखता प्रकाशित किया। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने इसे गंभीरता से लेते हुए जनहित याचिका के रूप में सुनवाई प्रारंभ की है। कोर्ट ने मामले में स्कूल शिक्षा सचिव, संचालक स्कूल शिक्षा, कलेक्टर राजनांदगांव एवं डीईओ राजनांदगांव को जवाब देने को कहा है।

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