CG High Court: ‘सिर्फ I Love You बोल देना यौन उत्पीड़न नहीं’.. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की अहम टिप्पणी, आरोपी को किया बरी

'सिर्फ I Love You बोल देना यौन उत्पीड़न नहीं'.. High Court said 'Just Saying I love you is not Sexual Harassment'

CG High Court: || Image source- IBC24 Archive

HIGHLIGHTS
  • सिर्फ "आई लव यू" कहने भर से POCSO एक्ट लागू नहीं किया जा सकता – हाईकोर्ट।
  • यौन उत्पीड़न साबित करने के लिए यौन मंशा का होना जरूरी – जस्टिस संजय एस अग्रवाल।
  • ट्रायल कोर्ट से बरी युवक को राहत, राज्य सरकार की अपील खारिज।

बिलासपुर: CG High Court:  छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पाक्सो एक्ट के एक मामले में अहम फैसला सुनाया है। सिंगल बेंच ने कहा कि किसी नाबालिग लड़की को सिर्फ आई लव यू बोल देने से यौन उत्पीड़न का मामला नहीं बनता। ऐसे में इसे यौन उत्पीड़ना मानना उचित नहीं है। कोर्ट ने यह भी कहा कि जब तक उसमें यौन मंशा ना हो इसे यौन उत्पीड़न नहीं माना जा सकता। मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस संजय एस अग्रवाल की एकलपीठ ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए राज्य सरकार की अपील खारिज कर दी है।

Read More : Age Of Consensual Sex: सहमति से शारीरिक संबंध बनाने की उम्र किस देश में सबसे कम? भारत में क्यों तेज हुई चर्चा ? जानें 

CG High Court:  यह मामला 14 अक्टूबर, 2019 का है,जब 15 वर्षीय छात्रा के छुट्टी के दौरान स्कूल से घर को लौटते वक्त एक युवक ने उसे देखकर आई लव यू कहते हुए प्रेम का प्रस्ताव रखा। छात्रा ने शिकायत में आरोप लगाया कि युवक उसे पहले से ही परेशान कर रहा था। छात्रा की शिकायत पर शिक्षकों ने उसे डांटा फटकारा और इस तरह की हरकत ना करने की चेतावनी भी दी थी।छात्रा की शिकायत पर पुलिस ने युवक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता IPC की धारा 354D (पीछा करना), 509 (लज्जा भंग), POCSO एक्ट की धारा 8 (यौन उत्पीड़न की सजा) और SC/ST एक्ट की धारा 3(2) (va) के तहत मामला दर्ज किया था।

Read More : Contract Employees Latest Update: संविदा कर्मचारियों को मिली उम्रभर की खुशियां, रक्षाबंधन से पहले मिली बड़ी सौगात, जानकर आप भी हो जाएंगे खुश 

ट्रायल कोर्ट ने साक्ष्यों के अभाव में युवक को बरी कर दिया,जिसे राज्य सरकार ने हाई कोर्ट में चुनौती दी। मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने कहा कि सिर्फ आई लव यू कहने से यह नहीं माना जा सकता कि युवक की मंशा यौन थी। कोर्ट ने माना कि अभियोजन द्वारा प्रस्तुत गवाहियों में ऐसा कुछ नहीं है, जिससे यह साबित हो कि आरोपी ने यौन इच्छा से प्रेरित होकर यह बात कही थी। हाई कोर्ट ने मामले से संबंधित तमाम तथ्यों पर गौर करते हुए राज्य की अपील खारिज कर ट्रायल कोर्ट द्वारा आरोपी को बरी करने का निर्णय बरकरार रखा है।

क्या "आई लव यू" कहना POCSO एक्ट के तहत अपराध है?

नहीं, जब तक इसमें यौन मंशा साबित न हो, सिर्फ "आई लव यू" कहना यौन उत्पीड़न नहीं माना जाएगा।

हाईकोर्ट ने किस आधार पर आरोपी को बरी किया?

कोर्ट ने पाया कि अभियोजन पक्ष यौन मंशा को साबित नहीं कर पाया, इसलिए आरोपी को बरी किया गया।

यह फैसला किसने सुनाया?

यह फैसला छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के जस्टिस संजय एस अग्रवाल की सिंगल बेंच ने सुनाया।

मामला किस साल का है और शिकायत किसने की थी?

मामला अक्टूबर 2019 का है, और शिकायत 15 वर्षीय छात्रा द्वारा की गई थी।

इस केस में कौन-कौन सी धाराएं लगाई गई थीं?

IPC की धारा 354D, 509, POCSO एक्ट की धारा 8 और SC/ST एक्ट की धारा 3(2)(va)।