SarkarOnIBC24: ‘बंदूक का जवाब बंदूक’.. नक्सलियों के लेटर का गृहमंत्री विजय शर्मा ने दिया दो टूक जवाब, गरमाई सियासत
'बंदूक का जवाब बंदूक'.. नक्सलियों के लेटर का गृहमंत्री विजय शर्मा ने दिया दो टूक जवाब, Home Minister Vijay Sharma gave a blunt reply to the letter of Naxalites
- "ऑपरेशन ऑलआउट" के तहत 300 से ज्यादा नक्सली मारे गए हैं।
- नक्सलियों ने दूसरी बार शांति वार्ता की अपील की, लेकिन गृह मंत्री ने इसे खारिज कर दिया।
- छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सलवादी आत्मसमर्पण नीति-2025 को लागू किया।
रायपुरः SarkarOnIBC24 छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के सफाए के लिए ऑपरेशन ऑलआउट पूरे जोरों शोरों से चल रहा है। सुरक्षाबलों की रणनीति और हौसले के आगे नक्सली बैकफुट पर हैं। क्योंकि 7 दिन के भीतर नक्सलियों ने दूसरी बार शांतिवार्ता के लिए सरकार के सामने बात रखी है, लेकिन गृहमंत्री ने दो टूक कह दिया है कि जो बातचीत करना चाहते हैं वो सामने आएं, लेकिन ये भी साफ है कि बंदूक का जवाब बंदूक से दिया जाएगा।
SarkarOnIBC24 छत्तीसगढ़ में नक्सल हिंसा आखिरी सांसें गिन रही है..हमारी जांबाज फोर्स ने नक्सली गढ़ में घुसकर उनके हौसले और मंसूबों दोनों को ही तहस-नहस किया है। नई सरकार बनने के बाद से अब तक तीन सौ से ज्यादा नक्सली मारे जा चुके हैं। वहीं, 1 हजार से ज्यादा नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया है.. तो इतनी ही नक्सली गिरफ्तार हो चुके हैं। इसका असर भी अब नजर आने लगा है. बीते 7 दिन के भीतर नक्सलियों ने सरकार से दूसरी बार पत्र लिखकर शांति वार्ता की अपील की है। जिस पर गृहमंत्री विजय शर्मा ने दो टूक जवाब दिया कि हम बातचीत के लिए कोई समिति नहीं बनाएंगे और न ही प्रतिनिधि नियुक्त करेंगे। साथ ही ये भी कहा कि बंदूक का जवाब चर्चा नहीं होता।
एक तरफ सरकार नक्सल फ्रंट पर नक्सलियों की पहल को अपनी कामयाबी गिना रही है तो दूसरी तरफ विपक्ष सवाल उठा रहा है। पीसीसी चीफ दीपक बैज ने यहां तक कह दिया कि गृहमंत्री के पास तो पहले भी पत्र आ चुका है पता नहीं ये पत्र असली है कि नकली ? नक्सलवाद पर जारी आरोप-प्रत्यारोप की सियासत से इतर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय 2 दिवसीय बस्तर दौरे पर जा रहे हैं, जहां अधिकारियों और जवानों के साथ बैठक करेंगे और बस्तर के विकास को रोडमैप पर बेहतर रणनीति बनाने पर जोर दिया जाएगा। इस बीच छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सलवादी आत्मसमर्पण पीड़ित राहत पुनर्वास नीति-2025 को औपचारिक रूप से लागू कर दिया है। गृह विभाग ने इसके लिए 28 मार्च को अधिसूचना जारी की थी। कुल मिलाकर डबल इंजन सरकार तेजी से नक्सलियों के पूर्ण सफाए की तरफ बढ चुकी है। जिसकी तारीख भी शाह तय कर चुके हैं। तमाम दावों के बीच सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि नक्सल मोर्चे कौन कितना असरदार है?

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