#IBC24Jansamwad: महिलाएं नाराज हैं आपसे, क्यों आपने शराबबंदी नहीं की? टीएस सिंहदेव ने दिया खरा-खरा जवाब

#IBC24Jansamwad: महिलाएं नाराज हैं आपसे, क्यों आपने शराबबंदी नहीं की? टीएस सिंहदेव ने दिया खरा-खरा जवाब
Modified Date: August 6, 2023 / 09:35 pm IST
Published Date: August 6, 2023 9:35 pm IST

#IBC24Jansamwad : इस साल के अंत में छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव होने को है। चुनाव को लेकर सभी जनप्रतिनिधि अपने अपने क्षेत्रों में चुनावी दौरा शुरू हो गया है। इस क्रम में छत्तीसगढ़-मध्यप्रदेश का नंबर वन न्यूज चैनल IBC24 के खास चुनावी कार्यक्रम जनसंवाद का आयोजन किया जा रहा है। लगातार जनसंवाद के माध्यम से IBC24 नेता और जनता के बीच रूबरू हो रहे हैं।

इसी बीच एक बार फिर छत्तीसगढ़ के सरगुजा में IBC24 का जनसंवाद का कार्यक्रम हो रहा है। इस कार्यक्रम में राजनीतिक दलों के नेताओं से IBC24 जनता से जुड़े मुद्दों पर सीधा सवाल कर रहा है और अपनी सामाजिक प्रतिबद्वता को निभाते हुए जनप्रतिनिधियों की बातों को आप तक पहुंचा रहा है।

#IBC24Jansamwad : जनसंवाद के कार्यक्रम में प्रदेश उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने शिरकत की और अपने सियासी जीवन से जुड़ी कई बातें उन्होंने आईबीसी24 से साझा की। जनसंवाद में उनसे सीधा संवाद किया आईबीसी24 के एडिटर इन चीफ रविकांत मित्तल ने।

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जानें शराबबंदी पर क्या कहा

टीएस सिंहदेव ने अपनी घोषणाओं और उनके अमल पर पूरी ईमानदारी से बातें कही। उप मुख्यमंत्री सिंहदेव ने माना कि कांग्रेस ने जनता के सामने 36 बिंदु रखे थे उनपर काम हुए। वही जिन बिंदुओं पर काम नहीं हो पाया वह भी जनता को बताएँगे। टीएस सिंहदेव ने साफ़ किया कि जैसे शराबबंदी वे नहीं कर पाए, इसे लेकर वह जनता से सामने जायेंगे। लेकिन अगर सबसे ज्यादा किसी के लिए काम किया गया है तो वह छत्तीसगढ़ ही है। उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा कीमत धन खरीदी में आज छत्तीसगढ़ प्रदेश किसानो को दे रहा है। मक्के की भी कीमत बढ़ी लेकिन चना और सोयाबीन का नहीं हो पाया। बात सौ प्रतिशत की नहीं है बल्कि ज्यादा से ज्यादा काम की है। वे आने वाले चुनाव में जनता को फेस करेंगे।

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जानें आदिवासी मुख्यमंत्री के सवाल पर सिंहदेव ने क्या कहा

टीएस सिंहदेव ने बताया कि पूर्व में जब पहली बार सीएम बनाने की बात हुई थी तब उन्होंने ही मुख्यमंत्री के तौर पर आलाकमान के सामने दो नाम रखे थे। इनमे स्वर्गीय अजीत जोगी और स्वर्गीय महेंद्र कर्मा के नाम थे। आलाकमान ने अजीत जोगी के नाम पर सहमति जताई थी। मौजूदा सीएम भूपेश बघेल ने भी आदिवासी एक्सप्रेस के नाम से प्रचार शुरू किया था। यह वह दौर था जब उनकी भेंट भूपेश बघेल से हुई थी। इस तरह डिप्टी सीएम ने जताया कि उनकी पार्टी हमेशा से इसके पक्ष में रही है। जहाँ तक मौजूदा समय में आदिवासी नेता का कोई विकल्प है तो उनके पास काफी चेहरे हैं। इनमे खुद पीसीसी मुखिया दीपक बैज का नाम भी शामिल है।

कोई शिकवा-गिला नहीं: टीएस सिंहदेव

पार्टी से गिले-शिकवे के सवाल पर टीएस सिंहदेव ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि जब तक उन्हें काम करने का अवसर मिलता रहेगा और एक बेहतर माहौल मिलता रहेगा, ऐसी कोई स्थिति नहीं आएगी। डिप्टी सीएम ने साफ़ किया कि फ़िलहाल कोई शिकवा-गिला नहीं है।

बताई नाराजगी की वजह

मैं नाराज नहीं होता। मेरा स्वाभाव नाराज होने का नहीं है। मैं बहुत कम नाराज होता हूँ। हां कभी-कभी होता हूँ लेकिन कंट्रोल की कोशिश होती हैं। उनपर काफी दबाव था। करियर का दबाव था और लोगों के साथ समर्थकों का भी दबाव था। क्षेत्र का और मतदाताओं का भी दबाव था। यह अनिर्णय की स्थिति नहीं रहनी चाहिए। इसके चलते उनपर दबाव था। वे विचारों के प्रति कमिटेड है जबकि व्यक्तिगत रूप से व्यवहार में काफी लचीले है। इस तरह उनके लिए यह शर्मिंदगी की बात थी कि कोई दूसरी पार्टी उन्हें प्रस्ताव दे रहा था। हर स्थित में परिवार के साथ रहे, कभी कांग्रेस का साथ नहीं छोड़ा।

ढाई-ढाई के मुद्दे पर भी कही ये बात

जनसंवाद में टीएस सिंहदेव ने सबसे अहम् ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री बनाये जाने के सवाल पर अपनी प्रतिक्रिया दी और इस बात का खुलासा किया कि आखिर यह पूरी बात आई कहा से। डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने बताया कि उनकी कभी भी इस पर चर्चा नहीं हुई थी। न ही भूपेश बघेल से और न ही शीर्ष नेतृत्व से। राहुल गांधी एक ही दिन तीन राज्यों के शपथ में भी पहुंचे थे। लेकिन जिस दिन भूपेश बघेल का नाम सीएमके लिए फाइनल हुआ उस दिन अचानक मीडिया में ढाई-ढाई साल की बाते चलने लगी, बावजूद इसके कि इसपर आलाकमान से भी किसी तरह की बातचीत नहीं हुई थी। इस समाचार के बाद उनपर काफी दबाव था। लगातार फोन आ रहे थे। उन्होंने बता था कि ऐसी कोई बात नहीं हुई थी।

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लेखक के बारे में

A journey of 10 years of extraordinary journalism.. a struggling experience, opportunity to work with big names like Dainik Bhaskar and Navbharat, priority given to public concerns, currently with IBC24 Raipur for three years, future journey unknown