मदनवाड़ा का सच.. रिपोर्ट में खुलासा, क्या सरकार विधानसभा में पेश रिपोर्ट के आधार पर करेगी कार्रवाई?
Inquiry report of Madanwada Naxalite encounter submitted in CG Assembly
Madanwada Naxalite encounter
(रिपोर्टः राजेश मिश्रा) रायपुरः मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा में मदनवाड़ा नक्सली हमले की न्यायिक जांच रिपोर्ट पेश किया। आयोग ने 12 जुलाई 2009 को मदनवाड़ा में SP वीके चौबे सहित 29 जवानों की शहादत के लिए तत्कालीन दुर्ग आईजी और निलंबित एडीजी मुकेश गुप्ता को दोषी माना है। करीब 12 साल बाद मदनवाड़ा नक्सली हमले की रिपोर्ट सामने आई है। लेकिन बड़ा सवाल है कि रिपोर्ट में जो खुलासा हुआ है, अगर वाकई वो सच है तो क्या दोषी अफसर पर कार्रवाई होगी।
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Madanwada Naxalite encounter करीब 12 साल पहले राजनांदगांव जिले के मदनवाड़ा में हुए नक्सली हमले की जांच रिपोर्ट विधानसभा में पेश किया गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 12 जुलाई 2009 को मदनवाड़ा कोरकोट्टी और पुलिस थाना मानपुर में हुए नक्सली हमले की न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट और सरकार की कार्रवाई का ब्योरा सदन में पेश किया। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में निलंबित एडीजी मुकेश गुप्ता को जिम्मेदार ठहराया है। रिपोर्ट में साफ-साफ कहा गया कि मुकेश गुप्ता की मौजूदगी में सारी घटना हुई। ऐसा लगता है कि उन्होंने खुद को बचाकर एसपी चौबे को नक्सलियों से मुकाबले के लिए भेज दिया। न्यायिक जांच आयोग ने मुकेश गुप्ता को मिलने वाले पुरस्कार पर भी सवाल उठाए हैं। मुख्यमंत्री ने ताड़मेटला, मोरपल्ली, तिम्मापुरम मुठभेड़ और अग्निकांड के अलावा दोरनापाल में स्वामी अग्निवेश के साथ हुई घटना पर न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट भी सदन में रखा। सीएम ने कहा कि जांच रिपोर्ट में सबकुछ है। अगर कोई दोषी होगा तो उसपर कार्रवाई की जाएगी।
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विधानसभा में पेश हुए न्यायिक जांच रिपोर्ट को लेकर प्रदेश में सियासी बयानबाजी भी शुरू हो गई है। पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि रिपोर्ट आ गई है सरकार में हिम्मत है तो जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करे।
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प्रदेश में जब भी बड़े नक्सली हमले का जिक्र होता है तो मदनवाड़ा हमले की तस्वीर जरूर जेहन में आती है। घटना में एसपी वीके चौबे सहित 29 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। छग के इतिहास में ये पहला मौका था जब नक्सलियों के हमले में किसी जिले के एसपी की शहादत हुई हो। जब कांग्रेस सत्ता में आई तो खुद मुख्यमंत्री ने कहा था कि प्रकरण में कुछ बिंदुओं पर भ्रम की स्थिति है। इसको साफ करने न्यायिक जांच होनी चाहिए। सरकार ने 2020 में इसकी जांच के लिए आयोग का गठन किया था।
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अब जब मदनवाड़ा जांच आयोग की रिपोर्ट में खुलासा हो चुका है कि मामले में दोषी मुकेश गुप्ता हैं। तो सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या सरकार इस रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करेगी?

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