CG Politics | Photo Credit: IBC24
रायपुर: CG Politics छत्तीसगढ़ की राजनीति में इस वक्त धर्मांतरण धुरी बन चुका है। एक साथ कई चीजें होती दिख रही हैं। एक तरफ सरकार धर्मांतरण रोकने दावे करती है, पर हकीकत ये कि आए दिन कन्वर्जन की खबरें आ रही हैं। अब सरकार ने साफ कर दिया है कि कन्वर्जन रोकने नया और सख्त बिल लाया जाएगा,वो भी इसी मॉनसून सत्र में दूसरी ओर कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज के सपरिवार महाकाल दर्शन को कन्वर्टेड होने के आरोप का जवाब माना जा रहा है। मतलब ये कि प्रदेश इस वक्त ऐसे चौराहे पर खड़ा है। जहां से हर दिशा में वो धर्मांतरण की धार में चलता दिख रहा है। इस धार पर हो रही धुआंधार राजनीति ने सवालों के कोहरे को और गहरा दिया है।
CG Politics बलरामपुर जिले में चंगाई सभा का वीडियो है। जिसमें धर्मांतरण कराने के आरोप में जमकर हंगामा हुआ। बलरामपुर जिले की राजपुर विकासखंड के बैढ़ी गांव में देर रात एक चंगाई सभा बुलाई गई, सभा में लगभग 200 लोग मौजूद थे। धर्म के प्रचार के लिए बुलाई गई सभा में ग्रामीणों को मुफ्त इलाज, मुफ्त शिक्षा और उच्च सरकारी पदों पर नौकरी लगाने का लालच देकर धर्मांतरण के लिए प्रेरित किया गया। शिकायत पर SDM पुलिस टीम के साथ पहुंचे, 2 आरोपी अरेस्ट किए गए। हैरत की बात ये कि यहां अति संरक्षित जनजाति पहाड़ी कोरवा के लोगों को धर्मांतरित किया जा रहा था।
वैसे, धर्मांतरण के केस अब सूदुर आदिवासी अंचल तक सीमित नहीं हैं, रायपुर-बिलासपुर जैसे बड़े शहरों तक पहुंच चुके हैं। जिसने विपक्ष को सरकार को घेरने का सीधा मौका दिया है, क्योंकि विपक्ष में रहते हुए बीजेपी ने कांग्रेस को बार-बार धर्मांतरण करने वालों को संरक्षण के आरोप लगाते हुए घेरा, अब कांग्रेस खुद को सनातन हितैषी सरकार बताने वाली बीजेपी पर कटाक्ष का एक भी मौका नहीं चूक रही साय सरकार ने भी ऐलान कर दिया है कि जुलाई में आगामी मॉनसून सत्र में धर्मांतरण संशोधन विधेयक ला सकती है।
वैसे विपक्ष भी धर्मांतरण के मुद्दे पर आरोपों की आंच से बच नहीं सका है। पूर्व कांग्रेस नेता अरविंद नेताम ने बीते दिनों सीधे PCC चीफ दीपक बैज पर ईसाई धर्म में कन्वर्ट होने का शक जताया, अब PCC चीफ बैज ने सपरिवार उज्जैन में बाबा महाकाल के दर्शन किए हैं। जिसपर गृहमंत्री विजय शर्मा का कहना है कि मंदिर जाकर घंटी बजाने से कुछ नहीं होता। मन में अच्छे भाव होने चाहिए। जवाब में PCC चीफ दीपक बैज ने भी पूरी बीजेपी को चैलेंज किया कि, आरोप साबित नहीं कर सकते तो सार्वजनिक माफी मांगें। वहीं मंत्री केदार कश्यप ने नारायणपुर की घटना की याद दिलाते हुए,बैज के मौन पर सवाल उठाए।
कुल मिलाकर इस वक्त बस्तर समेत छत्तीसगढ़ के सियासी गलियारे में सबसे बड़ा मुद्दा है धर्मांतरण, विपक्ष के आरोपों को सरकार लाख खारिज करे लेकिन ये भी सच है कि चंगाई सभा की आड़ में धर्मांतरण थमा नहीं है। सवाल है क्या सरकार आगामी सत्र में धर्मांतरण संशोधन विधेयक ला रही है, क्या नये कानून से भय-लालच वाले अवैध धर्मांतरण पर ब्रेक लगेगा?