CG Naxal Operation | Photo Credit: IBC24
रायपुर: CG Naxal Operation छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद खात्मे की ओर है। बीते 8 दिनों से आग उगलती गर्मी के बीच हमारे जवान मोर्चा लगाए बैठे हैं। नक्सलियों की हालत पस्त है। वो शांति वार्ता की गुहार लगा रहे हैं। ये वो वक्त है जबकि पूरे प्रदेश पूरे सियासी सिस्टम को एक स्वर में खड़े होकर नक्सली खात्मे में मदद के खड़ा होना चाहिए। ऐसे में सत्तारूढ़ बीजेपी का ये साफ आरोप है कि नक्सलियों के खात्मे की खबर कांग्रेस को रास नहीं आ रही है। जवाब में कांग्रेस याद दिला रही है कि नक्सली हिंस का शिकार हमारी पार्टी रही है, नक्सल हमले में बड़े नेताओं को हमने खोया है। सवाल है क्या नक्सल हिंसा के मुद्दे पर राजनीति लाभ, श्रेय की फिक्र स्वीकार नहीं करने दे रही है कि नक्सलवाद खात्मे की ओर है?
CG Naxal Operation एक तरफ नक्सलियों के खिलाफ निर्णायक ऑपरेशन है तो दूसरी तरफ पक्ष-विपक्ष के बीच नक्सलियों का यार कौन, कहां खलबली?, कौन बिलबिला रहा? इस पर बात आ गई है। दरअसल बीते 8 दिनों से बीजापुर के कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर नक्सलियों के खिलाफ सबसे बड़ा सर्च ऑपरेशन जारी है। तीन राज्यों के जवान पहाड़ पर लगातार चढ़ाई कर रहे हैं। ये वही पहाड़ है जहां टॉप नक्सली लीडर्स का ठिकाना है। इसीलिए नक्सलियों ने हफ्ते में दूसरी और अप्रैल में 5 वीं बार छत्तीसगढ़ सरकार को पत्र लिखकर बिना किसी शर्त के युद्ध विराम और शांतिवार्ता की गुहार लगाई है।
पांचवा लेटर नक्सलियों के केंद्रीय कमेटी के प्रवक्ता अभय के नाम पर आया है, जिसके जवाब में सीएम विष्णुदेव साय ने सोशल मीडिया पोस्ट कर एक वीडियो जारी किया साथ ही छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर पर जारी एक्शन के लिए जवानों के साहस को सलाम करते हुए लिखा कि नक्सलियों का डर अब बीते दिनों की बात है। सुशासन सरकार में विकास ही छत्तीसगढ़ की पहचान है। बताया गया कि इंटेलीजेंस ब्यूरो के डायरेक्टर तपन डेका ने भी रायपुर पहुंचकर, गृहविभाग की बैठक में बीजापुर में जारी ऑपरेशन पर पूरा अपडेट लिया।
एक तरफ जांबाज जवानों का एक्शन है तो दूसरी तरफ इस पर होती सियासत केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि, नक्सल खात्मे का काउंटडाउन देख नक्सली और उनके साथी नेता बिलबिला रहे हैं। पलटवार में पूर्व CM भूपेश बघेल ने इसे मूर्खतापू्र्ण बयान बताया। वहीं पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने फिर दोहराया कि कार्रवाई में किसी निर्दोष की जान न जाए।
सवाल ये है कि चाहे मसला देश में आतंकी हमले का हो या फिर देश के भीतर नक्सवाद के खिलाफ जारी निर्णायक ऑपरेशन का, सरकार के साथ खड़े होने का दावा कर कांग्रेस संकट के बीच भी किंतु-परंतु के कंटक क्यों बिछा देती है, वो भी बिना किसी सुबूत के?