श्रेय की खींचतान..धान पर फिर घमासान! क्या रिकॉर्ड धान खरीदी पर श्रेय लेने की राजनीति हो रही है?
क्या रिकॉर्ड धान खरीदी पर श्रेय लेने की राजनीति हो रही है? Is the politics of taking credit for the record paddy purchase
रायपुर। छत्तीसगढ़ की बात लगातार नंबर वन डिबेट शो बना हुआ है, आपके इस भरोसे के लिए हम तहे दिल से शुक्रगुजार हैं। छत्तीसगढ़ सरकार ने 102 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा धान की खरीदी कर ली है। लेकिन अब धान खरीदी की राशि को लेकर क्रेडिट पॉलिटिक्स तेज हो गई है। बीजेपी ने दावा किया है कि केंद्र के पैसों से धान खरीदी की जा रही है। दूसरी ओर कांग्रेस कह रही है कि धान के लिए केंद्र से एक भी पैसा नहीं मिलता।
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छत्तीसगढ़ में धान खरीदी का कीर्तिमान बनने के बाद श्रेय लेने की खींचतान मची है। कांग्रेस नेताओं ने दावा कि धान खरीदी में केंद्र सरकार ने अड़चन पैदा की लेकिन इसके बाद भी छत्तीसगढ़ ने रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने ये भी दावा किया कि केंद्र सरकार से इसके लिए एक रुपए भी नहीं मिले। हालांकि बीजेपी ने सोशल मीडिया पर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत का एक वीडियो जारी कर कांग्रेस के दावों को झूठ बताया। इस वीडियो में अमरजीत भगत विधानसभा में केंद्र से मिली रकम की जानकारी दे रहे हैं। बीजेपी ने तंज किया है कि मंत्रीजी विधानसभा के अंदर कुछ और बाहर कुछ बयान देते हैं।
बीजेपी ने सवाल उठाए तो अमरजीत भगत ने साफ कहा कि उनके वीडियो को तोड़-मरोड़ कर जारी किया गया है। भगत ने ये भी दोहराया कि धान के लिए केंद्र सरकार एक पैसा नहीं देती और राज्य सरकार अपने संसाधन से कर्ज लेकर धान खरीदती है।
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बहरहाल, सवाल ये है कि कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियां खुद को किसानों का हितैषी बताकर धान खरीदी का श्रेय क्यों लेना चाहती हैं। दरअसल, ये पूरा मामला वोट बैंक की राजनीति से भी जुड़ा है। किसानों का साथ 23 की जीत की राह आसान कर सकती है।

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