CG Ki Baat | Photo Credit: IBC24
रायपुर: CG Ki Baat लोकतंत्र में अपनी बात कहने का, विरोध प्रकट करने का, मांग रखने का हक सभी को है लेकिन अगर ये मांग अपनी ही पार्टी की सरकार के मुखिया से, सार्वजनिक तौर पर पत्रों के जरिए की जाए तो? सवाल उठता है कि क्या संवाद का ये तरीका जरूरी है, क्या कोई सीधे बातचीत के बाकी पैनल कारगर नहीं हैं? जब-जब ऐसा हुआ विपक्ष ने सत्ता पक्ष को ये कहते हुए घेरा है कि बीजेपी में सबकुछ ठीक नहीं है, एक बार फिर प्रदेश में कांग्रेस का यही आरोप है सरकार पर। वजह है पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने CM साय को पांचवी बार पत्र लिखकर समस्या समाधान का आग्रह किया है।
CG Ki Baat रायपुर सांसद, पूर्व मंत्री, वरिष्ठ बीजेपी नेता बृजमोहन अग्रवाल ने एक बार फिर प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखकर एक और जनसमस्या के समधान का आग्रह किया है। अग्रवाल ने महीनों से रुके छत्तीसगढ़ी कलाकारों के जल्द से जल्द भुगतान का आग्रह किया, साथ ही कहा कि अधिकारी बहुत सी बातें सरकार को बताते नहीं हैं, जिससे समाधान नहीं होता। मुद्दा गंभीर इसीलिए है, क्योंकि बीजेपी सरकार सुशासन तिहार मना रही है। विकास के दावे की जमीनी हकीकत परखने और समस्याओं को दूर करने खुद CM साय, जनता के बीच चौपाल लगाकर समस्याओं का समाधान दे रहे हैं। अगर सबकुछ रफ्तार से हो रहा है तो फिर पूर्व मंत्री को पत्र क्यों लिखना पड़ रहा है। क्या सत्ता-संगठन में, मुख्यमंत्री और पूर्व मंत्री के बीच सबकुछ ठीक नहीं है। सवाल को CM साय ने IBC24 से बातचीत में खारिज करते रहे हैं।
जाहिर है बृजमोहन के पत्र से विपक्ष को सरकार के सुशासन तिहार और रफ्तार से विकास के दावे पर सवाल उठाने का एक और मौका मिल गया है। हालांकि बीजेपी इसे पार्टी में स्वस्थ्य लोकतंत्र वाली रूटीन प्रक्रिया बताने की पुरजोर कोशिश करती दिख रही है।
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वैसे ये पहली बार नहीं है, पूर्वमंत्री और मौजूदा सांसद बृजमोहन अग्रवाल, CM साय को तीन महीने में पांच बार पत्र लिख चुके हैं। सवाल ये है कि क्या वाकई सरकार के भीतर संवादहीनता जैसे हालात हैं, क्या अग्रवाल के पत्र के पीछे कोई सियासी दबाव की मंशा है या फिर विपक्ष इसे बेवजह मुद्दा बनाकर सियासी स्कोप की तलाश में है?