Keshkal News: छत्तीसगढ़ के बच्चे का वीडियो वायरल, CM से लेकर राष्ट्रपति तक का नाम फर्राटेदार बताया, लेकिन आंगनबाड़ी की हालत देख दंग रह गए लोग

Keshkal News: छत्तीसगढ़ के बच्चे का वीडियो वायरल, CM से लेकर राष्ट्रपति तक का नाम फर्राटेदार बताया, लेकिन आंगनबाड़ी की हालत देख दंग रह गए लोग

Keshkal News: छत्तीसगढ़ के बच्चे का वीडियो वायरल, CM से लेकर राष्ट्रपति तक का नाम फर्राटेदार बताया, लेकिन आंगनबाड़ी की हालत देख दंग रह गए लोग

Keshkal News/Image Source: IBC24


Reported By: Prakash Kumar,
Modified Date: October 7, 2025 / 05:45 pm IST
Published Date: October 7, 2025 5:45 pm IST
HIGHLIGHTS
  • गजब का टैलेंट, मगर बदहाल भवन,
  • बच्चे ने बताई CM से लेकर राष्ट्रपति तक की जानकारी,
  • लेकिन पढ़ता है जर्जर आंगनबाड़ी में,

केशकाल: Keshkal News: एक बच्चे का वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक बच्चा न केवल अपने नाम, बल्कि ब्लॉक, विधायक, कलेक्टर, मुख्यमंत्री और राष्ट्रपति का नाम भी फर्राटेदार अंदाज़ में बता रहा है। जैसे ही यह वीडियो हमारे केशकाल संवाददाता प्रकाश नाग के पास पहुँचा, उन्होंने बच्चे द्वारा बताए गए गाँव गारावंडी की आंगनबाड़ी पहुँचकर हकीकत का जायजा लिया। हैरानी की बात यह रही कि शशिकांत मंडावी नाम के इस बच्चे ने दोबारा पूछे गए सभी प्रश्नों का भी तुरंत और स्पष्ट उत्तर दिया।

जब हमारी टीम ने आंगनबाड़ी केंद्र की व्यवस्था देखी तो सरकारी दावों की पोल खुलती नजर आई। छत्तीसगढ़ सरकार भले ही ग्रामीण अंचलों में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराने का दावा करती है, लेकिन ग्राम पंचायत गारावंडी के कुम्हारपारा में स्थित आंगनबाड़ी की स्थिति इन दावों को झुठलाती है। वर्षों से यह आंगनबाड़ी केंद्र जर्जर हालत में है जिसके चलते कार्यकर्ताओं को मजबूरी में किराये के मकान में आंगनबाड़ी संचालित करनी पड़ रही है। यहां न तो रसोईघर है न शौचालय और न ही अन्य बुनियादी सुविधाएं। महिला एवं बाल विकास विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की अनदेखी की कीमत मासूम बच्चों को चुकानी पड़ रही है।

Keshkal News: आंगनबाड़ी कार्यकर्ता जीवनदई मरकाम ने बताया कि आंगनबाड़ी भवन बहुत जर्जर हो चुका है, बारिश में पानी टपकता है, इसीलिए हम किराए के घर में केंद्र चला रहे हैं। बच्चों के पढ़ने के लिए ना ब्लैकबोर्ड है, ना चार्ट और ना ही वर्णमाला की व्यवस्था। शौचालय की भी कोई व्यवस्था नहीं है, जिससे काफी परेशानी होती है। इसके बावजूद हमें जो भी निर्देश मिलते हैं उसके अनुसार हम बच्चों को प्रतिदिन पढ़ाते हैं। बच्चे निडर होकर जवाब देते हैं लेकिन अगर मूलभूत सुविधाएं मिल जाएँ तो ये बच्चे और भी बेहतर तरीके से ज्ञान अर्जित कर सकते हैं। अब देखना यह है कि IBC24 में खबर दिखाए जाने के बाद महिला एवं बाल विकास विभाग इस ओर कब और कितना ध्यान देता है।

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लेखक के बारे में

टिकेश वर्मा- जमीनी पत्रकारिता का भरोसेमंद चेहरा... टिकेश वर्मा यानी अनुभवी और समर्पित पत्रकार.. जिनके पास मीडिया इंडस्ट्री में 12 वर्षों से अधिक का व्यापक अनुभव हैं। राजनीति, जनसरोकार और आम लोगों से जुड़े मुद्दों पर बेबाकी से सरकार से सवाल पूछता हूं। पेशेवर पत्रकारिता के अलावा फिल्में देखना, क्रिकेट खेलना और किताबें पढ़ना मुझे बेहद पसंद है। सादा जीवन, उच्च विचार के मानकों पर खरा उतरते हुए अब आपकी बात प्राथिकता के साथ रखेंगे.. क्योंकि सवाल आपका है।