रायपुर: इस वक्त पंजाब पुलिस अपनी पूरी ताकत लगाकर जिस खालिस्तान समर्थक अमृतपाल को ढूंढ रही है…जिसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी हो चुका है…जिसपर ISI जैसे आंतकी संगठन से मिले होने का आरोप है ….उसके समर्थन में सिख समुदाय के कुछ लोगों ने राजधानी रायपुर में एक रैली निलाकी…ना केवल रैली निकाली बल्कि अमृतपाल जिंदाबाद के नारे लगाए, ना केवल अमृतपाल के समर्थन में नारे लगाए बल्कि पंजाब के सीम का पुतला फूंका और देश विरोधी नारे भी लगाए…हैरान करने वाली बात ये कि ये सब हुआ बिना पुलिस अनुमति के, पुलिस जवानों के सामने और वो चुपचाप देखते रहे…आखिर क्यों, किसकी मिलीभगत, किसकी शह पर हुआ ये…क्या ये माहौल बिगाड़ने की कोई साजिश है? क्या होगा इसपर पुलिस और प्रशासन का अगला एक्शन ये भी सवाल है….
पंजाब में लगी आग की तपीश करीब 1,630 किलोमीटर दूर छत्तीसगढ़ तक महसूस की जा रही है। छत्तीसगढ़ की शांत फिजा बुधवार को खालिस्तान समर्थित अमृतपाल सिंह के जिंदाबाद के नारों से गूंज उठी। वारिस पंजाब दे के चीफ अमृतपाल के समर्थन में सिख समुदाय के एक वर्ग ने राजधानी रायपुर में रैली निकाली। बात केवल अमृपाल के समर्थन में नारे लगाने तक सीमित नहीं रही बल्कि प्रदर्शनकारियों ने पीएम मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ भी नारे लगाए….। रैली में शामिल लोग आम आदमी पार्टी कार्यालय पहुंचे और पंजाब सरकार का पुतला फूंका। हैरान और चिंता करने वाली बात ये रही कि इस पूरे घटनाक्रम के दौरान पुलिस मूक दर्शक बनी रही…। हालांकि राजधानी का सिख समाज इसे शरारती तत्वों की करतूत बता रहा है।
अब इस मामले में सियासत भी शुरू हो गई है। बीजेपी ने सवाल उठाए तो छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि ऐसी घटनाएं नजरअंदाज नहीं की जा सकती।
बहरहाल सिख समाज का एक वर्ग अमृतपाल के समर्थन में है और दूसरा वर्ग दूरी बनाए हुए है। ऐसे में सवाल है कि क्या छत्तीसगढ़ में प्रदर्शन किसी सोची समझी साजिश का हिस्सा है और यदि ऐसा है तो इसके पीछे कौन हो सकता है? देश विरोधी नारों को रोकपाने में सामने आई पुलिस की नाकामी भी कई सवाल खड़े कर रहा है।