शह मात The Big Debate: लाल गैंग का शांति प्रस्ताव..बंदूकें हारी तो नया दांव, सीजफायर की मांग..नीयत कितनी साफ? देखिए पूरी रिपोर्ट
CG Naxal News: लाल गैंग का शांति प्रस्ताव..बंदूकें हारी तो नया दांव, सीजफायर की मांग..नीयत कितनी साफ? देखिए पूरी रिपोर्ट
CG Naxal News | Photo Credit: IBC24
- नक्सलियों के नाम से पत्र और ऑडियो वायरल
- वार्ता की पहल का जिक्र
- गृहमंत्री का साफ संदेश – सरेंडर के अलावा कोई विकल्प नहीं
रायपुर: CG Naxal News नक्सलियों के खिलाफ जमीन पर ताबड़तोड़ एक्शन के बीच बीते कुछ घंटों में सोशल मीडिया पर एक कथित पत्र और ऑडियो वायरल हुआ, जिस पर सियासी हलचल तेज है। दरअसल,देश के गृहमंत्री अमित शाह बार-बार दोहरा चुके हैं कि अब नक्सलियों के पास सिवाय आत्मसमर्पण के कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है। डबल इंजन सरकार का दो टूक मैसेज है सरेंडर या सफाया। जमीन पर इसका असर साफ-साफ दिख रहा है। इस साल सितंबर तक नक्सलियों के सफाए के आंकड़े साबित करते हैं कि माओवाद के पैर बुरी तरह उखड़ चुके हैं। फिलहाल सवाल है कि वायरल लेटर और ऑडियो सही है कि नहीं? उससे भी बड़ा सवाल ये है कि जब नक्सलियों के पास सिवाए सरेंडर कोई विकल्प नहीं है तो फिर शांति वार्ता का राग क्यों?
मंगलवार देर शाम सामने आए एक वायरल लेटर में नक्सलियों ने सीधे-सीधे सरकार से बातचीत के लिए वक्त मांगा है। नक्सली प्रवक्ता अभय के नाम से इस कथित नक्सली चिट्ठी के साथ अब एक ऑडियो क्लिप भी वायरल है, जिसमें कुछ घंटे पहले सामने आए पत्र की बातों को दोहराया है। इन दोनों में वार्ता के लिए सरकार से बातचीत की पहल का जिक्र है।
इधर, प्रदेश के गृहमंत्री ने इस कथित पत्र और वायरल ऑडियो की सत्यता जांचे जाने की बात कही। दोहराया कि अब नक्सलियों के पास सरेंडर कर मुख्यधारा के आने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। हालांकि विपक्ष का आरोप है कि इतने गंभीर विषय पर भी सरकार कंफ्यूज है।
इस सब के बीच (3 विंडो लगाना) नक्सिलयों ने दंतेवाड़ा के नीलावाया गांव और बीजापुर के बेंचरम में 2 ग्रामीणों की हत्या कर दी, तो दूसरी तरफ नारायणपुर जिले में 18 लाख के ईनामी, कुल 12 नक्सलियों ने सरेंडर किया। इसी महीने ऑपरेशन मॉनसून के तहत गरियाबंद में CC मेंबर बालकृष्ण उर्फ मनोज समेत 10 नक्सली ढेर किये गए। कुल मिलाकर साफ है कि नक्सलियों के टॉप लीडर्स के सफाए और धवस्त होते गढ़ ने उनकी कमर तोड़ दी है। सवाल है क्या ये पत्र सही है, क्योंकि एक तरफ शांति की याचना है तो दूसरी तरफ दहशत फैलाने ग्रामीणों की हत्या का क्रम भी जारी है।

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