Pithora Tehsil clerk bribery: बहाली के लिए तहसील गया था निलंबित कोटवार.. बाबू ने रिश्वत में मांग लिया बकरा, अब ACB ने धर दबोचा..
यह मामला इसलिए अनोखा है क्योंकि आमतौर पर रिश्वत पैसों के रूप में मांगी जाती है, लेकिन यहां आरोपी बाबू ने पैसे के साथ एक बकरा भी रिश्वत के रूप में मांग लिया।
Pithora Tehsil clerk bribery | Image Credit- ACB Press note
महासमुंद: आप हर दिन भ्रष्टाचार से जुड़ी खबरें पढ़तें होंगे। ज्यादातर मामले घूस और रिश्वत के लेनदेन से जुड़े होते है। यह मामले भी अक्सर पैसे के लेनदेन से संबंधित होते है जिसमें अफसर अपने आवेदकों से उनका काम करने के बदले पैसों की मांग करते है। हालांकि महासमुंद जिले के पिथौरा में एक अनोखा रिश्वतखोरी का मामला सामने आया है। (Pithora tehsil clerk asked for a goat as bribe) यहां के तहसील के बाबू ने बतौर रिश्वत न सिर्फ पैसे मांगे बल्कि बकरे की भी डिमांड आवेदक से कर दी। हालांकि आवेदक की शिकायत के बाद आरोपी बाबू को ट्रैप कर लिया गया।
दरअसल पूरा मामला महसमुंद के पिथौरा का है। यहां के राजू चौहान ने एसीबी यानी एंटी करप्शन ब्यूरो के रायपुर शाखा में शिकायत दर्ज कराई थी कि वह कोटवार के पद पर है और फ़िलहाल निलंबित चल रहा है। अपनी बहाली के लिए वह पिथौरा तहसील गया हुआ था। यहां तहसील के कानूनगो शाखा में पदस्थ सहायक ग्रेड दो माइकल पीटर ने उसे बहाली का आश्वासन दिया और उससे बतौर रिश्वत 50 हजर रुपये के साथ एक बकरे की मांग की।
आवेदक राजू ने इसकी शिकायत एसीबी से की और फिर आरोपों की पुष्टि होते ही बाबू माइकल पीटर को ट्रैप करने का प्लान तैयार किया गया। एसीबी ने रिश्वत की पहली किश्त 25 हजार रुपये देकर बाबू के पास भेजा। (Pithora tehsil clerk asked for a goat as bribe) वही आरोपी माइकल पीटर ने जैसे ही रकम अपने पास लिया एसीबी की टीम ने उसे धर दबोचा।
एसीबी ने इस कार्रवाई के संबध में प्रेसनोट जारी करते हुए बताया है कि आरोपी बाबू के खिलाफ धारा 7 पीसी एक्ट 1988 के तहत कार्रवाई की जा रही है।
अब प्वाइंट्स में पढ़े पूरी खबर
1. तहसील के बाबू में रिश्वत में मांगा बकरा का मामला क्या है?
महासमुंद जिले के पिथौरा तहसील में सहायक ग्रेड-2 माइकल पीटर नामक बाबू ने एक निलंबित कोटवार से बहाली के बदले 50 हजार रुपये के साथ एक बकरे की रिश्वत मांगी थी।
2. आरोपी बाबू के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई?
एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने आरोपी बाबू को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया और उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
3. इस मामले की शिकायत किसने की थी?
निलंबित कोटवार राजू चौहान ने ACB रायपुर शाखा में शिकायत दर्ज कराई थी कि तहसील के बाबू ने उसकी बहाली के लिए रिश्वत में बकरा और पैसे की मांग की है।
4. ACB ने बाबू को कैसे पकड़ा?
शिकायत की जांच के बाद, ACB ने बाबू को रिश्वत की पहली किश्त (25 हजार रुपये) लेते ही ट्रैप कर लिया और उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
5. तहसील के बाबू में रिश्वत में मांगा बकरा का मामला क्यों अनोखा है?
यह मामला इसलिए अनोखा है क्योंकि आमतौर पर रिश्वत पैसों के रूप में मांगी जाती है, लेकिन यहां आरोपी बाबू ने पैसे के साथ एक बकरा भी रिश्वत के रूप में मांग लिया।


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