Mahasamund PMEGP
महासमुंद।Mahasamund PMEGP: शहरी एवं ग्रामीण बेरोजगारों को रोजगार का अवसर प्रदान करने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा शुरु की गई प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम से महासमुंद जिले के युवाओं की तकदीर और तस्वीर दोनों ही बदल रही है। कभी रोजगार के लिए भटक रहे युवा अब अपना स्वयं का रोजगार स्थापित करने के साथ दूसरों को रोजगार उपलब्ध करा रहे हैं। बता दें कि
महासमुंद जिले में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम की शुरुआत वर्ष 2008 में हुई थी तब से लेकर आज तक सैकड़ों लोग इस योजना का लाभ लेकर स्वावलंबी बन चुके हैं।
लिया था 10 लाख का लोन
वहीं सैकड़ों युवाओं में से एक है वर्षा गजेन्द्र ,जो महासमुंद नगर में श्रीहरि पैथोलाॅजी संचालित करती है ,पर कुछ मशीनों की कमी के कारण इनको व्यवसाय में काफी नुकसान हो रहा था। इसी दरमियान वर्षा को प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत मिलने वाले ऋण का पता चला। इसके बाद वर्षा ने उद्योग ऑफिस जाकर पूरी जानकारी ली,फिर ऑनलाइन आवेदन किया और वर्षा को दस लाख रूपए का लोन मिला। वर्षा ने इस पैसे से एक्सरे मशीन खरीदी। एक्सरे मशीन लगाने के बाद वर्षा का श्रीहरि पैथोलाॅजी चल पड़ा। वर्षा आज बैंक का किस्त , चार वर्कर की सैलरी , बिजली बिल , दुकान का किराया सब निकालने के बाद 40 से 50 हजार रुपये बचा कर खुशहाल जीवन व्यतीत कर रही है। वर्षा को दस लाख रुपए का लोन लेने पर इन्हें केन्द्र सरकार से 2.5 लाख रुपये का अनुदान भी मिला है।
फरहीन ने दो बेरोजगारों को दिया रोजगार
वर्षा का कहना है कि केन्द्र सरकार की ये अच्छी योजना है। लोगों को बढ़ चढ़कर इस योजना का लाभ लेकर स्वावलंबी बनना चाहिए। इसी प्रकार फरहीन खान बचपन से स्वयं का रोजगार करना चाहती थी । फरहीन को जब प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत मिलने वाले ऋण के बारे मे पता चला तो इन्होंने ने भी ऑनलाइन आवेदन किया और पीएनबी से 5 लाख रुपये स्वीकृत हुए। फरहीन ने इन पैसो से ब्यूटी पार्लर खोला। फरहीन ने कमाकर लोन तो चुकता किया ही साथ ही दो बेरोजगारों को रोजगार भी मुहैया कराया। फरहीन आज प्रत्येक माह 30 से 40 हजार रुपए कमाकर खुशहाल जीवन व्यतीत कर रही है। फरहीन को केन्द्र सरकार की तरफ से 1.25 लाख रुपये का अनुदान भी मिला।
Mahasamund PMEGP: फरहीन का कहना है कि ,जो महिलाएं दूसरो पर निर्भर है वे महिला सरकार के इस योजना का लाभ उठाकर स्वावलंबी बन सकती है । उद्योग ऑफिस के महाप्रबंधक का कहना है कि ग्रामीण व शहरी इलाकों के बेरोजगारों को बेरोजगार का अवसर प्रदान करना ही इस योजना मुख्य उद्देश्य है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत वर्ष 2021-22 में 37 लोगों को 2 करोड़ 98 लाख का ऋण , वर्ष 2022-23 में 32 लोगों को 5 करोड़ 23 लाख का ऋण और वर्ष 2023-24 में 31 का लक्ष्य मिला है जिसमें से 15 लोगों को 116 लाख रुपए का ऋण मिल चुका है। इनमें से 80 प्रतिशत लोगों ने स्टोन पालिसिंग के लिए ऋण लिया है।