रायपुर, 25 अप्रैल (भाषा) छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा पर स्थित पहाड़ी क्षेत्रों में सुरक्षाबलों का नक्सल विरोधी अभियान पांचवें दिन भी जारी है।
राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, इन पहाड़ियों पर नक्सलियों का मजबूत और प्रमुख ठिकाना है। यह, अभी तक सुरक्षाबलों का सबसे बड़ा अभियान है।
अभियान की निगरानी कर रहे एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बस्तर क्षेत्र में शुरू किए गए इस सबसे बड़े नक्सल विरोधी अभियान में जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी), बस्तर फाइटर्स, विशेष कार्य बल (एसटीएफ), राज्य पुलिस की सभी इकाइयों, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और इसकी विशिष्ट इकाई ‘कमांडो बटालियन फॉर रेसोल्यूट एक्शन’ (कोबरा) सहित विभिन्न इकाइयों के लगभग 10 हजार जवान शामिल है।
अधिकारी ने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य प्रतिबंधित संगठन सीपीआई (माओवादी) के प्रमुख ठिकानों को निशाना बनाना है। तेलंगाना पुलिस इस अभियान में में सहायता कर रही है।
उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान बृहस्पतिवार को कर्रेगुट्टा पहाड़ियों पर तीन महिला नक्सलियों को मार गिराया गया तथा भारी मात्रा में हथियार, विस्फोटक और अन्य सामान बरामद किया गया।
अधिकारी ने बताया कि यह अभियान सोमवार को राजधानी रायपुर से 450 किलोमीटर दूर बीजापुर (छत्तीसगढ़) और तेलंगाना के दोनों ओर कर्रेगुट्टा और दुर्गमगुट्टा की पहाड़ियों के दुर्गम इलाके और घने जंगल में शुरू किया गया था।
उन्होंने बताया कि जिस इलाके में अभियान चल रहा है, वह कई किलोमीटर तक पहाड़ियों तथा घने जंगलों से घिरा हुआ है और इसे माओवादियों की पीएलजीए (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) बटालियन नंबर एक का आधार क्षेत्र माना जाता है। बटालियन नंबर एक को माओवादियों का सबसे मजबूत सैन्य संगठन माना जाता है।
अधिकारी ने बताया कि जानकारी मिली है कि यहां पीएलजीए बटालियन नंबर एक, तेलंगाना राज्य समिति और माओवादियों के दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के 500 से अधिक नक्सली हिडमा और दामोदर जैसे खूंखार नेताओं के साथ छिपे हुए हैं।
नाम नहीं बताने की शर्त पर अधिकारी ने कहा, ”यह एक महत्वपूर्ण अभियान है, क्योंकि इसमें पीएलजीए बटालियन नंबर एक, दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (डीकेएसजेडसी) तथा तेलंगाना राज्य समिति के माओवादियों के थिंक टैंक को निशाना बनाने तथा माओवादियों की सैन्य ताकत को खत्म करने की लड़ाई शुरू की गई है।”
अधिकारी ने बताया कि इस अभियान के दौरान बृहस्पतिवार को तीन महिला नक्सलियों के शव बरामद किए गए। मुठभेड़ में कई अन्य नक्सलियों के मारे जाने और घायल होने की संभावना है।
उन्होंने बताया कि पूरे इलाके की घेराबंदी की जा रही है।
अधिकारी ने कहा, ”यह एक टेस्ट मैच जैसा परिदृश्य है। मैच लंबा चलेगा और हर सत्र में हमें बहुत उत्साहजनक समाचार नहीं मिलेगा। लेकिन मैच के अंत में हम बहुत अनुकूल परिणामों की उम्मीद कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार, छत्तीसगढ़ सरकार और पड़ोसी राज्य सरकारें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इस अभियान में शामिल हैं।
अधिकारी ने कहा, ”हमारे सभी जवान सुरक्षित हैं। दुर्गम इलाके और भीषण गर्मी को छोड़कर कोई समस्या नहीं है। जवानों का मनोबल चुनौतियों से निपटने के लिए ऊंचा है।”
उन्होंने बताया कि अभियान में हेलीकॉप्टर और ड्रोन भी शामिल हैं।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, अभियान में शामिल कुछ जवानों को पानी की कमी और लू लगने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
वर्ष 2023 में भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में आने के बाद छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियान तेज हो गए हैं।
सुरक्षाबलों ने पिछले वर्ष जनवरी से अब तक बस्तर क्षेत्र में हुई मुठभेड़ों में 350 से अधिक नक्सलियों को मार गिराया है। हाल ही में 29 मार्च को बस्तर क्षेत्र में हुई दो मुठभेड़ में 11 महिलाओं समेत 18 नक्सली मारे गए थे।
इस वर्ष अब तक राज्य में अलग-अलग मुठभेड़ों में 144 नक्सली मारे जा चुके हैं। इनमें से 128 बस्तर संभाग में मारे गए। बस्तर क्षेत्र में बीजापुर समेत सात जिले शामिल हैं।
भाषा संजीव नरेश मनीषा
मनीषा
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