Measures are being taken to stop the pollution of Kharun river

खारून नदी के प्रदूषण को रोकने किए जा रहे हैं उपाय, तेज बहाव वाले क्षेत्रों में प्राकृतिक-मानव जनित कारकों से बनती है झाग

खारून नदी के प्रदूषण को रोकने किए जा रहे हैं उपाय! Measures are being taken to stop the pollution of Kharun river

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:36 PM IST, Published Date : November 23, 2021/10:05 pm IST

रायपुर: पर्यावरण संरक्षण मंडल के विशेषज्ञों का कहना है कि नदियों एवं प्राकृतिक जलधाराओं के अंतर्गत तीव्र जल प्रवाह क्षेत्रों एवं तटों में विशेषकर शीत ऋतु मे झाग बनने की स्थितियां मुख्य रूप से प्राकृतिक कारकों एवं मानवजनित कारकों के कारण निर्मित होती है। प्राकृतिक कारक जैसे तापमान में तेज गिरावट तथा कोहरा, पतझड़ के उपरांत पेड़-पौधो के कार्बनिक अपशिष्टो के जल में विघटित होना तथा मानव जनित कारक जैसे डिटर्जेन्ट युक्त घरेलू दूषित जल तथा औद्योगिक अनुपचारित दूषित जल के निस्सारण होने के परिणामस्वरूप जल के पृष्ठतनाव मे एकाएक कमी होने से झाग उत्पन्न होती है।

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खारून नदी में रायपुर स्थित महादेव घाट क्षेत्र में एक-दो दिनों में झाग के निर्मित होने की स्थिति पाई गई है। वर्तमान मे खारून नदी मे रायपुर तथा दुर्ग जिलों के रहवासी क्षेत्रों से उत्पन्न अनुपचारित घरेलू दूषित जल कई नालों के माध्यम से प्रवाहित होता है। उपलब्ध जानकारी अनुसार रायपुर शहर का घरेलू दूषित जल लगभग 16 नालों के माध्यम से 7 स्थानों पर खारून नदी में मिलता है। घरेलू दूषित जल में मुख्यतः कार्बनिक पदार्थ तथा डिटर्जेन्ट का निस्त्राव उपस्थित होता है, जिससे नदी का जल प्रभावित होता है।

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वर्तमान में नगर निगम रायपुर द्वारा अमृत मिशन के अंतर्गत घरेलू दूषित जल/सीवेज के उपचार हेतु चन्दनडीह में 75 एम.एल.डी. क्षमता, कारा में 35 एम. एल.डी. क्षमता तथा निमोरा में 90 एम.एल.डी. क्षमता का एस.टी.पी. का निर्माण तेजी से कराया जा रहा है। बीते अक्टूबर माह में भाटागांव में निर्मित 6 एम. एल.डी. क्षमता का एस.टी.पी. द्वारा संचालन कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। उक्त तीनों निर्माणाधीन एस.टी.पी. परियोजनाओं के पूरा होने पर नदियों में दूषित जल के रोकथाम पर प्रभावी मदद मिलेगी। सभी जल प्रदूषणकारी उद्योगो मे दूषित जल उपचार संयंत्र की स्थापना कर सतत् संचालन किया जा रहा है।

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पर्यावरण संरक्षण मंडल द्वारा जल प्रदूषणकारी उद्योगो की निरंतर कड़ी निगरानी कर उल्लंघनकारी उद्योगों के विरूद्ध लगातार कार्यवाही की जा रही है। विगत एक वर्ष में 11 उद्योगों के विरूद्ध जल अधिनियम 1974 के तहत् उत्पादन बंद करने के निर्देश जारी किये गये है। वर्तमान में औद्योगिक दूषित जल के खारून नदी में निस्सारित होने की स्थिति नहीं है। खारून नदी के प्रदूषित प्रभाग-रायपुर से बेन्द्री (20 कि.मी.) में जल गुणवत्ता के सुधार हेतु खारून नदी के पुनरुद्धार हेतु कार्ययोजना का क्रियान्वयन विभिन्न शासकीय विभागों द्वारा किया जा रहा है।

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पर्यावरण संरक्षण मंडल से प्राप्त जानकारी के अनुसार मंडल द्वारा उक्त दूषित प्रभाग की सतत् निगरानी हेतु कुल 2 स्थानों पर कंटीन्यूअस वॉटर क्वालिटी मॉनिटरिंग सिस्टम की स्थापना की जा रही है। पर्यावरण संरक्षण मंडल खारून नदी में कुल 5 बिन्दुओं से जल नमूने एकत्र कर विश्लेषण कार्य किया जाता है। विगत 1 वर्ष में की गई जांच में खारून नदी का जल गुणवत्ता भारतीय मानक आई.एस. 2296 के अंतर्गत श्रेणी-सी अर्थात परंपरागत उपचारोपरांत पीने योग्य पाया गया है।

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