Mission Rahul Successful

खतरों का खिलाड़ी राहुल.. सांप और मेंढक के बीच 104 घंटे तक बोरवेल में फंसा रहा, बहादुरी के सीएम भी हुए कायल

खतरों के खिलाड़ी राहुल.. सांप और मेंढक के बीच 104 घंटे तक बोरवेल में फंसा रहा, बहादुरी के सीएम भी हुए कायल: Mission Rahul Successful

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:47 PM IST, Published Date : June 15, 2022/7:01 am IST

Mission Rahul : रायपुर। आखिरकार 4 दिनों की जद्दोजहद के बाद ‘ऑपरेशन राहुल’ पूरा हुआ। पूरे 104 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद राहुल को रेस्क्यू ऑपरेशन कर बाहर निकालने में जिला प्रशासन को बड़ी सफलता मिल ही गई। इस भीषण गर्मी में राहुल साहू ने जिन इरादों का परिचय दिया वे इतिहास के लिए अनोखी कहानी बन जाएगी। पिछले 100 घंटों से बोरिंग के गड्ढे में फंसे राहुल को बाहर निकालने में जिला प्रशासन और NDRF की टीम एक जुट होकर काम कर रही थी।

बता दें दस वर्षीय राहुल साहू करीब 100 घंटे से जिंदगी की जंग लड़ रहा था, जितनी यहां की चट्टानें मजबूत है उतना ही मजबूत राहुल के इरादे दिखाई दिए, बीते दिन की अपेक्षा वह आज कमजोर जरूर पड़ा था लेकिन उसने अभी तक हार नहीं मानी है। मजबूत चट्टानें रेस्क्यू की राह में बार बार रोड़ा बन रही थी। पूरी सिद्दत से चट्टानों को काटने का काम किया गया। चट्टानों को ड्रील मशीन से काटने का काम किया गया तो कभी छेनी हथोड़ा इस्तेमाल किया गया, लेकिन टीम ने कड़ी मेहनत करके आखिरकार राहुल को बचाने में सफल हुई।

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36 घंटे बाद राहुल तक पहुंचे

राहुल को सुरंग से बाहर निकालने में बहुत दिक्क्तें आईं थी। इस मिशन में बिलासपुर के युवा माइनिंग ठेकेदार और खाटू श्याम ट्रेडर्स के संचालक कमल सोनी और उनकी टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जब जांजगीर जिला प्रशासन के अधिकारी राहुल को बाहर निकाल रहे थे सुरंग में एक बड़ी चट्टान बाधा बनी। इस दौरान NDRF टीम जिला प्रशासन एसईसीएल की टीम को काम रोकना पड़ा तब जांजगीर जिले के कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला ने माइनिंग कांट्रेक्टर कमल सोनी से फोन पर बात की और कमल सोनी तथा उनके कर्मचारी 2 घंटे में ही सुरंग में आड़े आ रही बड़ी चट्टान को काटने के लिए चेन माउंटेड कलोरल ड्रिलिंग मशीन लेकर पहुंचे। इस मशीन की सहायता से चट्टान को काटकर कमल सोनी के कर्मचारी एनडीआरएफ टीम के साथ 36 घंटे बाद राहुल तक पहुंचने में सफल हुए।

मूक-बधिर है राहुल

ये भी बताया गया है कि बच्चा मूक-बधिर है, मानसिक रूप से काफी कमजोर है। जिसके कारण वह स्कूल भी नहीं जाता था। घर पर ही रहता था। पूरे गांव के लोग भी 5 दिन से उसी जगह पर टिके हुए हैं, जहां पर बच्चा गिरा है। राहुल अपने मां-बाप का बड़ा बेटा है। उसका छोटा भाई 2 साल छोटा है। पिता की गांव में बर्तन की दुकान है।

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सांप और मेढक बने साथी

इसके अलावा प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने ट्वीट करते हुए कहा ‘उसके साथ गढ्ढे में 104 घंटे तक एक सांप और मेढक उसके साथी थे”आज पूरा छत्तीसगढ़ उत्सव मना रहा है, जल्द अस्पताल से पूरी तरह ठीक होकर लौटे, हम सब कामना करते हैं। राहुल को बोरवेल के गड्ढे से बाहर निकाल कर बिलासपुर स्थित अपोलो हॉस्पिटल ले जाया जा रहा है। जिले के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी प्रमोद महाजन भी अपोलो हॉस्पिटल पहुंचे है।

ICU में भर्ती है राहुल

राहुल को प्रशासन की टीम ने सुरक्षित बिलासपुर पहुंचा दिया है। जिले के अपोलो हॉस्पिटल में उसे एडमिट किया गया है। जहां विशेषज्ञ डॉक्टरों के निगरानी में उसका इलाज किया जाएगा। मौके पर जिला प्रशासन के तमाम बड़े अधिकारी मौके मौजूद रहे। सीएमओ ने ट्वीट कर बताया था कि राहुल की स्थिति अभी स्थिर है। वहीं एम्बुलेंस में मौजूद एक डाक्टर ने बताया कि प्राथमिक जांच में बीपी, शुगर, हार्ट रेट नॉर्मल है और फेफड़े भी क्लियर हैं। बिलापुर अपोलो अस्पताल के में पूरी तैयारी हो चुकी है, कुछ ही देर में एम्बुलेंस बिलासपुर पहुंच जाएगी।

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