Naxalites Encounter Ground Zero: जहां मारा गया नक्सलियों का सरदार ‘बसवाराजू’ वहां पहुंची IBC24 की टीम.. 11 घंटो में 45 किलोमीटर का पैदल सफर.. देखें पूरा मंजर..

घटनास्थल पर हमें माओवादियों के बैग, उनके दैनिक इस्तेमाल की सामग्री, हथियारों के खोल, यूबीजीएल रॉकेट की सीट और एक जीवित बम तक देखने को मिला। इसी जंगल में एक शहीद जवान की वर्दी भी मिली, जो इस लड़ाई में वीरगति को प्राप्त हुए।

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Reported By: Ashfaque Ahmed

Modified Date: May 24, 2025 / 04:59 PM IST
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Published Date: May 24, 2025 4:57 pm IST
HIGHLIGHTS
  • नारायणपुर मुठभेड़ में 27 नक्सली ढेर, महासचिव बसवाराजू को सुरक्षाबलों ने मार गिराया।
  • IBC24 टीम ने 45 किलोमीटर पैदल चलकर अबूझमाड़ के मुठभेड़ स्थल से ग्राउंड रिपोर्ट दी।
  • घटनास्थल पर मिले हथियार, बम, माओवादी बैग और एक शहीद जवान की वर्दी भी मिली।

Naxalites Encounter Ground Zero IBC24: नारायणपुर: पिछले बुधवार को बस्तर में नारायपुर-बीजापुर बॉर्डर पर भीषण मुठभेड़ सामने आया था। डीआरजी की टीम और नक्सलियों के बीच हुई गोलीबारी में 27 नक्सलियों को मार गिराया गया था। इस मुठभेड़ में सबसे बड़ी सफलता माओवादियों के महासचिव नम्बाला केशव राव उर्फ़ बसवाराजू के तौर पर मिली थी। करीब तीन दशक बाद सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के केंद्रीय स्तर के नेता को ढेर करने में कामयाबी हासिल की थी।

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बहरहाल आज हम आपको लेकर चलेंगे बस्तर के उस दुर्गम जंगल में, जहाँ नक्सलवाद के खिलाफ देश की सबसे बड़ी लड़ाई लड़ी जा रही है। अबूझमाड़ के वो इलाक़े जहाँ पहुँचने के लिए 45 किलोमीटर से ज्यादा का पैदल सफर तय करना पड़ता है, जहाँ पगडंडियाँ खत्म होती हैं और खतरों की शुरुआत होती है। आइए, आज चलते हैं जंग के उस मैदान में, जहाँ हमारे जवानों ने जान पर खेलकर 27 खूंखार माओवादियों को ढेर किया और जहाँ अब भी हर कदम पर खामोश लेकिन गहरी चीखें सुनाई देती हैं।

बेहद दुर्गम है अबूझमाड़ का ये रास्ता

Naxalites Encounter Ground Zero IBC24: दरअसल नारायणपुर जिले के ओरछा ब्लॉक के नंदरूनी जंगलों तक पहुँचना आसान नहीं था। हमारी टीम IBC24 की ग्राउंड ज़ीरो रिपोर्टिंग के लिए जब निकली, तो हमें घने जंगलों और दुर्गम पहाड़ियों से होकर गुजरना पड़ा। बारिश हो रही थी, रास्ते फिसलन भरे थे, लेकिन हौसले मजबूत थे। 45 किलोमीटर की पदयात्रा और दो दिन का जंगल में ठहराव इस मिशन का हिस्सा था। हम पहाड़ियों को पार करते हुए आगे बढ़े। रास्ते में कई बार वन्यप्राणी, खासकर भालू के खतरे का सामना हुआ, लेकिन स्थानीय ग्रामीणों ने हमारी मदद की। पारंपरिक घोटुल में हमें शरण दी, भोजन कराया और हमें मुठभेड़ स्थल तक पहुँचने के लिए गाइड किया। उनके बिना ये कवरेज संभव नहीं थी।”

घटनास्थल पर बिखेरे थे सामान

Naxalites Encounter Ground Zero IBC24: घटनास्थल पर हमें माओवादियों के बैग, उनके दैनिक इस्तेमाल की सामग्री, हथियारों के खोल, यूबीजीएल रॉकेट की सीट और एक जीवित बम तक देखने को मिला। इसी जंगल में एक शहीद जवान की वर्दी भी मिली, जो इस लड़ाई में वीरगति को प्राप्त हुए। ये सिर्फ मुठभेड़ नहीं थी, ये एक युद्ध था। जिसे जवानों ने दुर्गम पहाड़ियों और खतरनाक जंगलों के बीच जीतकर दिखाया। इस युद्ध में माओवादियों का एक बड़ा नाम जनरल सेक्रेटरी बसवाराजू ढेर हुआ। इस स्थल तक पहुँचने के लिए हमें 11 घंटे से अधिक पैदल चलना पड़ा। रास्ता इतना कठिन था कि दूरी किलोमीटरों में नहीं, बल्कि घंटों में मापी जाती है। हमने न सिर्फ मुठभेड़ स्थल तक पहुँचा, बल्कि उस पूरे इलाके की सामाजिक तस्वीर भी सामने लाने की कोशिश की। रास्ते में एक नदी आई। इसमें ना पुल था, ना नाव। लेकिन ग्रामीणों ने देसी इंजीनियरिंग से एक पिलरनुमा पुल तैयार किया था, जिसकी लंबाई करीब 40 मीटर रही होगी। उसी पुल को पार कर हम गाँव तक पहुँचे। यहाँ एक स्कूल भी देखा… लेकिन न बच्चे थे, न शिक्षक, ग्रामीण बताते हैं कि हमारे गांव में शिक्षक भी नहीं आते।

1. क्या नारायणपुर मुठभेड़ में किसी बड़े नक्सली नेता को मार गिराया गया?

उत्तर: हाँ, इस मुठभेड़ में माओवादियों के महासचिव नम्बाला केशव राव उर्फ बसवाराजू को मार गिराया गया।

2. IBC24 की टीम मुठभेड़ स्थल तक कैसे पहुँची और किन कठिनाइयों का सामना किया?

उत्तर: टीम ने 45 किलोमीटर की पदयात्रा की, घने जंगलों और भालू जैसे वन्यजीवों का सामना किया, और स्थानीय ग्रामीणों की मदद से मुठभेड़ स्थल तक पहुँची।

3. घटनास्थल पर क्या-क्या बरामद हुआ और किस तरह की स्थितियाँ थीं?

उत्तर: घटनास्थल पर माओवादी बैग, हथियारों के खोल, यूबीजीएल सीट, एक जीवित बम और शहीद जवान की वर्दी मिली; यह एक कठिन और दुर्गम युद्धक्षेत्र था।