माओवादी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए बीजापुर में नये सुरक्षा शिविर की स्थापना
माओवादी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए बीजापुर में नये सुरक्षा शिविर की स्थापना
बीजापुर (छत्तीसगढ़) छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में सुरक्षा की कमी को दूर करने और विकास कार्यों को सुगम बनाने के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण एक स्थान पर पुलिस शिविर स्थापित किया गया है। एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि फरसेगढ़ पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत डोडीमार्का गांव में शुक्रवार को ‘सुरक्षा एवं जन सुविधा शिविर’ की स्थापना की गई।
उन्होंने बताया कि यह शिविर छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल (सीएएफ) की सातवीं बटालियन के लिए एक ‘फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस’ (एफओबी) के रूप में कार्य करेगा।
अधिकारी ने बताया कि दुर्गम भूभाग, भौगोलिक परिस्थितियों और भीषण ठंड के बावजूद, जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी), सीएएफ और जिला पुलिस की एक संयुक्त टीम ने क्षेत्र में माओवादी गतिविधियों के खिलाफ गहन अभियानों के तहत शिविर स्थापित करने में अनुकरणीय साहस और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन किया।
उन्होंने कहा कि यह शिविर छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र सीमा पर माओवादियों की अंतरराज्यीय आवाजाही और गतिविधियों पर अंकुश लगाने में मदद करेगा।
अधिकारी ने बताया कि इससे भोपालपटनम (बीजापुर) को फरसेगढ़ और सेंद्रा होते हुए गढ़चिरोली (महाराष्ट्र) से जोड़ने वाली सड़क के निर्माण में भी सुविधा होगी और इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र के दूरस्थ गांवों में विकास कार्यों में तेजी आएगी।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2024 से बीजापुर जिले में कुल 29 नए सुरक्षा शिविर स्थापित किए गए हैं, जबकि निरंतर नक्सल विरोधी अभियानों के परिणामस्वरूप 923 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है, 221 मुठभेड़ों में मारे गए हैं और 1,100 को गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने कहा कि इन शिविरों की स्थापना का उद्देश्य राज्य सरकार की ‘नियद नेल्ला नार’ योजना के तहत ग्रामीणों को बुनियादी सुविधाएं और सुरक्षा प्रदान करना है।
उन्होंने कहा कि ये शिविर सुनिश्चित करते हैं कि ग्रामीणों को स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, पीने का पानी, सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) की दुकानें, मोबाइल नेटवर्क, सड़कें और पुल उपलब्ध हों।
भाषा
राखी नरेश
नरेश

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