Chhattisgarh Coal Scam : कोल लेवी घोटाले में सीबीआई की एंट्री, सरकार ने दी औपचारिक मंजूरी, सिंडिकेट बनाकर की जा रही थी वसूली वसूली

कोल लेवी घोटाले में सीबीआई की एंट्री, सरकार ने दी औपचारिक मंजूरी, Now CBI will investigate coal scam, Home Department issued notification

Chhattisgarh Coal Scam : कोल लेवी घोटाले में सीबीआई की एंट्री, सरकार ने दी औपचारिक मंजूरी, सिंडिकेट बनाकर की जा रही थी वसूली वसूली
Modified Date: July 13, 2025 / 11:11 pm IST
Published Date: July 13, 2025 11:03 pm IST

रायपुर: Chhattisgarh Coal Scam: राज्य के बहुचर्चित कोल लेवी घोटाले में अब सीबीआई की एंट्री हो गई है। राज्य की साय सरकार ने इसकी औपचारिक मंजूरी दे दी है। गृह विभाग की ओर से अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान अधिनियम की धारा 6 के तहत CBI को छत्तीसगढ़ राज्य में जांच के लिए आवश्यक अधिकार दिए गए हैं। राज्य पुलिस मुख्यालय की CID शाखा ने सभी एसपी और रेंज IG को अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिए हैं। अभी इस मामले की जांच ईडी और ईओडब्ल्यू की टीम कर रही थी।

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आज ही हुई है इसकी गिरफ्तारी

Chhattisgarh Coal Scam: बता दें कि इसी मामले को लेकर आज ही ईओडब्ल्यू ने एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी नवनीत तिवारी को ईओडब्ल्यू- एसीबी ने गिरफ्तार किया है। पिछले कई महीने से ईओडब्ल्यू आरोपी की तलाश कर रही थी। EOW ने बताया कि नवनीत पर अवैध कोल लेवी वसूली और अवैध धनराशि के निवेश की प्लानिंग में संलिप्तता पाई गई है। आरोपी 2022 से ED की छापेमारी के बाद से फरार चल रहा था। कोर्ट ने स्थायी गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया था। इसके बाद गिरफ्तारी की गई है।

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मास्टरमाइंड सूर्यकांत तिवारी अभी जेल में बंद

कोयला घोटाले मामले में मास्टरमाइंड सूर्यकांत तिवारी अभी जेल में बंद है, जबकि निलंबित IAS रानू साहू, समीर विश्नोई, सौम्या चौरसिया, रजनीकांत तिवारी, वीरेन्द्र जायसवाल और संदीप नायक को बेल मिल गई है, जो छत्तीसगढ़ से बाहर हैं। दावा है कि छत्तीसगढ़ में कोयला घोटाला किया गया है। इस मामले में 36 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। ईडी का आरोप है कि कोयले के परिचालन, ऑनलाइन परमिट को ऑफलाइन करने समेत कई तरीकों से करीब 570 करोड़ रुपए से अधिक की अवैध वसूली की गई है।


लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।