CG Dhan Kharidi : वर्ष 2025-26 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की नीति घोषित, मुख्यमंत्री साय ने कहा हर अन्नदाता को मिले परिश्रम का पूरा मूल्य यही हमारी प्राथमिकता

CG News: प्रदेश के सभी जिलों में विगत वर्ष संचालित 2739 खरीदी केन्द्रों और नए स्वीकृत केन्द्रों के माध्यम से खरीदी होगी। इसके साथ ही 55 मंडियों और 78 उपमंडियों का उपयोग धान उपार्जन केन्द्र के रूप में किया जाएगा।

CG Dhan Kharidi : वर्ष 2025-26 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की नीति घोषित, मुख्यमंत्री साय ने कहा हर अन्नदाता को मिले परिश्रम का पूरा मूल्य यही हमारी प्राथमिकता

CG Dhan Kharidi

Modified Date: October 15, 2025 / 08:07 pm IST
Published Date: October 15, 2025 8:07 pm IST
HIGHLIGHTS
  • पारदर्शिता, जवाबदेही और किसान हित सर्वोपरि
  • 2739 खरीदी केन्द्रों और नए स्वीकृत केन्द्रों के माध्यम से होगी खरीदी
  • समिति में ऋण पुस्तिका लाने की आवश्यकता नहीं

रायपुर: CG News, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ शासन ने खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के लिए समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन की विस्तृत नीति घोषित की है। यह निर्णय मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में किसानों के हितों और पारदर्शिता को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

खाद्य विभाग की सचिव श्रीमती रीना कंगाले ने जानकारी दी कि धान की खरीदी 3100 प्रति क्विंटल की दर पर की जाएगी। धान उपार्जन का कार्य 15 नवंबर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक किया जाएगा। इस वर्ष भी प्रति एकड़ अधिकतम 21 क्विंटल धान खरीदा जाएगा।

धान खरीदी का सम्पूर्ण कार्य छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ (MARKFED) के माध्यम से किया जाएगा। सार्वजनिक वितरण प्रणाली हेतु चावल की उपलब्धता सुनिश्चित करने की नोडल एजेंसी छत्तीसगढ़ स्टेट सिविल सप्लाईज कॉर्पोरेशन लिमिटेड होगी। धान खरीदी केवल उन्हीं प्राथमिक कृषि साख समितियों और लेम्पस के माध्यम से होगी जो मार्कफेड के कम्प्यूटरीकरण कार्यक्रम से जुड़ी होंगी।

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CG News, प्रदेश के सभी जिलों में विगत वर्ष संचालित 2739 खरीदी केन्द्रों और नए स्वीकृत केन्द्रों के माध्यम से खरीदी होगी। इसके साथ ही 55 मंडियों और 78 उपमंडियों का उपयोग धान उपार्जन केन्द्र के रूप में किया जाएगा। धान खरीदी के लिए आवश्यक साख-सीमा की व्यवस्था मार्कफेड द्वारा राज्य शासन के निर्देशानुसार की जाएगी, ताकि किसानों को समय पर भुगतान में कोई विलंब न हो।

प्रदेश में धान उपार्जन प्रक्रिया पूरी तरह कम्प्यूटरीकृत एवं पारदर्शी होगी। किसान अपने निकटस्थ समितियों में पंजीकरण कर एग्रीस्टेक पोर्टल के माध्यम से धान विक्रय कर सकेंगे। पोर्टल पर ऋण पुस्तिका आधारित फार्म आईडी से खरीदी की अनुमति दी जाएगी।

भारत सरकार कृषि मंत्रालय के एग्रीस्टैक पंजीयन आईडी के आधार पर एकीकृत किसान पंजीयन पोर्टल में कराए पंजीयन फार्मर आईडी से होगा किसान लिंकिंग खरीदी एवं समिति में एग्रीस्टैक पंजीयन होने से समिति में ऋण पुस्तिका लाने की आवश्यकता नहीं होगी।

धान खरीदी प्रक्रिया में बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण को जारी रखा गया है, जिससे पारदर्शिता और वास्तविक किसान की पहचान सुनिश्चित की जा सके। केवल किसान स्वयं, या उनके माता-पिता, पति/पत्नी, या पुत्र/पुत्री ही धान विक्रय कर सकेंगे। विशेष परिस्थितियों में एसडीएम द्वारा प्रमाणित “विश्वसनीय व्यक्ति” को अधिकृत किया जा सकेगा।

धान खरीदी के लिए किसानों को टोकन जारी कर नियंत्रित और व्यवस्थित प्रक्रिया अपनाई जाएगी। सीमांत व लघु किसानों को दो टोकन और दीर्घ किसानों को तीन टोकन दिए जाएंगे। अंतिम दिन नई पर्ची जारी नहीं होगी और शाम 5 बजे तक पहुँचे धान की खरीदी उसी दिन की जाएगी।

धान की खरीदी 50:50 अनुपात में नये और पुराने जूट बोरे (Gunny Bags) में की जाएगी। नये जूट बोरे मार्कफेड द्वारा जूट कमिश्नर, कोलकाता से क्रय किए जाएंगे। पुराने बारदानों को उपयोग योग्य बनाकर नीले रंग में “Used Bag allowed for KMS 2025-26” का स्टेंसिल लगाया जाएगा।

सभी उपार्जन केन्द्रों में कांटे-बांट का विधिक सत्यापन अनिवार्य किया गया है। किसानों को पारदर्शी प्रक्रिया का भरोसा दिलाने के लिए सत्यापन प्रमाणपत्र खरीदी केन्द्रों पर प्रदर्शित किए जाएंगे।
धान की नमी 17% से अधिक नहीं होनी चाहिए। हर केन्द्र पर आर्द्रतामापी यंत्र उपलब्ध रहेंगे।

धान के संग्रहण हेतु ऐसे केन्द्र चुने जाएंगे जो ऊँचे एवं जलभराव-रहित हों। सभी केन्द्रों में पॉलिथीन कवर, सीमेंट ब्लॉक, और ड्रेनेज सुविधा अनिवार्य रूप से होगी ताकि बारिश में धान सुरक्षित रहे। किसानों के खाते में भुगतान पीएफएमएस सिस्टम के माध्यम से सीधे किया जाएगा। यह सुनिश्चित किया गया है कि राशि केवल किसान के खाते में ही अंतरण हो; किसी अन्य व्यक्ति के खाते में भुगतान नहीं किया जाएगा।

हर उपार्जन केन्द्र में कम्प्यूटर, प्रिंटर, यूपीएस, और नेटवर्क सुविधा सुनिश्चित की जाएगी। डाटा-एंट्री ऑपरेटरों का नियोजन 6 माह के लिए ₹18,420 प्रतिमाह के मानदेय पर किया जाएगा। सभी खरीदी केन्द्रों के डाटा का अपलोडिंग 72 घंटे के भीतर अनिवार्य किया गया है।

धान खरीदी प्रारंभ होने से पूर्व सभी केन्द्रों का निरीक्षण, उपकरणों की जांच और सॉफ्टवेयर ट्रायल रन 31 अक्तूबर तक पूरा किया जाएगा। एनआईसी और मार्कफेड की टीम द्वारा यह तैयारी सुनिश्चित की जाएगी। खरीफ विपणन वर्ष 2025-26: धान खरीदी की उन्नत व्यवस्था—ट्रायल रन, प्रशिक्षण, गुणवत्ता व पर्यवेक्षण के सख्त प्रोटोकॉल लागू

राज्य शासन ने समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन की प्रक्रिया को और पारदर्शी, तकनीकी एवं जवाबदेह बनाने हेतु नए चरण की विस्तृत व्यवस्थाएँ लागू की हैं। मार्कफेड के नेतृत्व में प्रशिक्षण, ट्रायल-रन, गुणवत्ता-निगरानी, भंडारण-परिवहन, नियंत्रण कक्ष और बीमा से जुड़ी स्पष्ट समयसीमाएँ तय की गई हैं।

मार्कफेड द्वारा जारी समय-सारिणी के अनुसार धान उपार्जन से जुड़े सभी अधिकारियों/कर्मचारियों को कम्प्यूटरीकरण का प्रशिक्षण अनिवार्य रूप से दिलाया जाएगा। प्रशिक्षण में खरीदी सॉफ्टवेयर, भुगतान प्रविष्टि, गुणवत्ता/नमी एंट्री, टोकनिंग व PFMS प्रक्रियाएँ शामिल रहेंगी।

जिले के प्रत्येक धान उपार्जन और संग्रहण केन्द्र में 3 से 6 नवंबर 2025 तक ट्रायल-रन होगा। सभी स्वीकृत केन्द्रों में 31 अक्तूबर 2025 तक कम्प्यूटरीकरण का कार्य पूर्ण कर ट्रायल-रन में शत-प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।

भारत सरकार के निर्देशानुसार PCSAP (Procurement Centers Self-Assessment Portal) पर खरीदी केन्द्रों की ग्रेडिंग हेतु जारी SOP का पालन अनिवार्य रहेगा, जिससे केन्द्र-वार प्रदर्शन की नियमित स्वयं-मूल्यांकन और निगरानी संभव होगी।

भारत सरकार की FAQ विनिर्दिष्टियों और कम्प्यूटरीकृत व्यवस्था पर FCI/NIC के साथ संभाग-स्तरीय प्रशिक्षण कराए जाएंगे। इसके बाद उपखंड-स्तर पर समितियों के अध्यक्ष/प्राधिकृत अधिकारी, प्रबंधक, मार्कफेड/राजस्व अमला (निरीक्षक/पटवारी) को प्रशिक्षण दिया जाएगा। अनुविभाग-स्तरीय प्रशिक्षण 25 अक्तूबर 2025 तक पूर्ण होगा।

गुणवत्ता नियंत्रण की दो-स्तरीय समितियाँ संग्रहण केंद्र स्तर पर और समिति स्तर पर कार्य करेंगी। संग्रहण केन्द्र-स्तर पर तहसीलदार की अध्यक्षता में गठित दल निगरानी करेगा और आवश्यकता पर ही धान को रिजेक्ट घोषित करेगा—प्रभारी अपने स्तर पर अमान्य नहीं कर सकेंगे।

समिति-स्तर पर अध्यक्ष/प्राधिकृत अधिकारी, सरपंच, कलेक्टर नामित प्रतिनिधि और प्रभारी मंत्री द्वारा अनुमोदित 02 जनप्रतिनिधियों (राइस मिलर नहीं) की समिति केवल पंजीकृत किसानों से FAQ अनुरूप धान खरीदी सुनिश्चित करेगी।

किसानों को भुगतान केवल पीएफएमएस के माध्यम से सीधे उनके बैंक खाते में होगा। मार्कफेड खरीदी अवधि में समर्थन मूल्य, प्रासंगिक व्यय और भंडारण/सुरक्षा व्यय की अग्रिम राशि समितियों को उपलब्ध कराएगा; प्रथम प्राथमिकता किसानों के भुगतान को ही रहेगी और मद-वार व्यय की कम्प्यूटर एंट्री अनिवार्य होगी।

भंडारण केन्द्रों पर कैप-कवर, ड्रेनेज सामग्री, नमी-मापी (कैलिब्रेशन सहित) और जहाँ संभव हो धर्मकांटा की व्यवस्था रहेगी। खरीदी केन्द्रों में संचित समस्त धान का 31 मार्च 2026 तक अनिवार्य उठाव कराया जाएगा। सुरक्षित भंडारण हेतु विभाग का SOP लागू रहेगा।

परिवहन दरें राज्य-स्तरीय समिति की अनुशंसा के अनुसार होंगी; चावल का परिवहन-दर भी धान के परिवहन-दर पर आधारित रहेगा। केन्द्र-वार बफर-लिमिट संयुक्त दल के भौतिक परीक्षण से कलेक्टर द्वारा निर्धारण कराई जाएगी। त्वरित निराकरण हेतु अधिक क्षमता वाले जिलों/मिलर्स से पूर्व-संलग्नीकरण किया जाएगा और जहाँ संभव हो सीधा मिलर्स को उठाव बढ़ाया जाएगा।

पड़ोसी राज्यों से धान की अनधिकृत आमद रोकने सीमाई चेकिंग दल तैनात होंगे। 30 अप्रैल 2026 तक अन्य राज्यों से धान का आयात संचालक (खाद्य) की अनुमति से ही होगा।

पंजीकृत मिलों द्वारा समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान की कस्टम मिलिंग पूरी तरह कम्प्यूटरीकृत प्रक्रिया से होगी। विकेन्द्रीकृत उपार्जन योजनांतर्गत PDS हेतु चावल का उपार्जन छ.ग. स्टेट सिविल सप्लाईज कॉर्पोरेशन करेगा; सरप्लस चावल एफसीआई को प्रदाय किया जाएगा।

CG Dhan Kharidi धान उपार्जन के निरीक्षण एवं पर्यवेक्षण हेतु प्रत्येक जिले में प्रभारी सचिव को जिम्मेदारी दी जाएगी। राज्य व जिला-स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित होंगे। शिकायतों के लिए कॉल सेंटर: 1800-233-3663 प्रदर्शित रहेगा, शिकायत का निवारण 3 दिवस में कराया जाएगा। प्रत्येक केन्द्र/समूह-केन्द्र के लिए नोडल अधिकारी तैनात होंगे। संवेदनशील केन्द्र कलेक्टर के प्रस्ताव पर अधिसूचित कर वहाँ वरिष्ठ अधिकारी की ड्यूटी लगाई जाएगी। अभिलेख-प्रपत्रों का एकरूप मुद्रण मार्कफेड कराएगा।

धान खरीदी की एंड-टू-एंड निगरानी और रिसाइक्लिंग रोकथाम हेतु मार्कफेड मुख्यालय में इंटीग्रेटेड कमांड-एंड-कंट्रोल सेंटर स्थापित होगा (व्यय राज्य शासन वहन करेगा)। बैंक-राशि परिवहन के दौरान आवश्यक पुलिस बल उपलब्ध कराया जाएगा। धान और उपार्जन केन्द्रों में कार्यरत समस्त व्यक्तियों का बीमा मार्कफेड कराएगा (आवश्यक विवरण 31 अक्तूबर 2025 तक उपलब्ध कराना होगा)। समितियाँ/बैंक/मार्कफेड द्वारा खरीदी केन्द्रों का मिलान 30 अप्रैल 2026 तक अनिवार्य रूप से पूरा किया जाएगा।

पारदर्शिता, जवाबदेही और किसान हित सर्वोपरि

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि प्रदेश के हर अन्नदाता को उसके परिश्रम का पूरा मूल्य मिले, यही हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। राज्य शासन ने इस बार भी यह सुनिश्चित किया है कि खरीदी प्रक्रिया पूर्णतः पारदर्शी, बायोमेट्रिक-आधारित और तकनीकी रूप से मजबूत हो। किसानों को समय पर भुगतान, गुणवत्तायुक्त प्रक्रिया और निष्पक्ष अवसर मिलना इस नीति का मूल उद्देश्य है। उन्होंने आश्वस्त किया है कि हर अन्नदाता को उसके परिश्रम का पूरा मूल्य समय पर मिले—यही हमारी सर्वोच्च प्रतिबद्धता है।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com