रायपुर: बीजपी की प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी के थूकने वाले बयान को लेकर कांग्रेस हमलावर होती जा रही है। कांग्रेस ने उसे छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान से जोड़ने की कोशिश शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी पर कई गंभीर आरोप लगाए, तो वही बीजेपी ने भी मीडिया के सामने सफाई दी कि पुरंदेश्वरी का आशय थूकना नहीं फूंकना कहना था, जिसे कांग्रेस पार्टी तिल का ताड़ बना रही है।
बीजेपी की प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी के इसी बयान पर छत्तीसगढ़ का सियासी पारा लगातार ऊपर चढ़ रहा है। बीजेपी के चिंतन शिविर में दिए इस बयान के करीब 48 घंटे बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 9 मंत्रियों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की और प्रदेश प्रभारी समेत पूरी बीजेपी पर जमकर बरसे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीजपी को किसान विरोधी, छत्तीसगढ़िया विरोधी, छत्तीसगढ़िया की संस्कृति विरोधी और छत्तीसगढ़ में नफरत की जहर उगाने वाली पार्टी भी कह दी है।
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सत्तारूढ़ कांग्रेस का पुरंदेश्वरी के बयान को छत्तीसगढ़ की अस्मिता और किसानों के सम्मान से जोड़ना साफ संकेत है कि 2018 में छत्तीसगढ़िया और किसानों की ओर से मिले बंपर जनाधार को कांग्रेस जरा भी कम नहीं होने देना चाहती। इसलिए कांग्रेस पुरंदेश्वरी के बयान को किसानों के सम्मान से जोड़कर पुरंदेश्वरी से माफी की मांग की है।
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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और 9 मंत्रियों के आरोपों की बौछार से घिरी बीजेपी ने भी कुछ घंटों बाद पत्रकार वार्ता आयोजित कर डी पुरंदेश्वरी के बयानों पर सफाई दी। बीजेपी नेताओं ने कहा कि कांग्रेस अपनी अंतर्कलह से गुजर रही है। इसलिए पुरंदेश्वरी के एक शब्द को लेकर मुख्यमंत्री समेत नौ मंत्री सामने आए जो कि छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार हुआ है। पुरंदेश्वरी के बचाव में प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय उनका आशय थूकना नहीं फूंकना था। पुरंदेश्वरी दक्षिण राज्य की है इसलिए प्रोनाउनसेशन में कई बार ऐसी बातें हो जाती है, जिसे कांग्रेस नेता तिल का ताड़ बना रहे हैं। सांसद सुनील सोनी ने भी कांग्रेस पर जवाबी हमला किया।
अक्सर थू-थू की बात आम जनता करती है, लेकिन पहली बार देश की दो बड़ी पार्टी बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही थू-थू पर बयानबाजी हो रही है। इससे पहले भी कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं ने एक दूसरे पर कई अपशब्दों का प्रयोग किए है, जिसकी चर्चा केवल कुछ दिनों तक ही रही। ऐसे में अब देखना होगा डी पुरंदेश्वरी के इस बयान को आम जनता और किसानों के बीच 2023 तक कैसे जीवित रख अपनी जीत सुनिश्चित कर पाती है छत्तीसगढ़ कांग्रेस?
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