रायपुर: Politics continues regarding inflation महंगाई और पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर छत्तीसगढ़ में सियासत का दौर जारी है। कांग्रेस जहां महंगाई के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार बताते हुए एक्साइज ड्यूटी कम होने के बाद भी पेट्रोल डीजल की कीमत बहुत ज्यादा होने की बात कह रहे हैं। वहीं भाजपा ने ऐलान किया है कि अगर पेट्रोल डीजल में वैट कम नहीं किया, तो वे 20 नवंबर को सुबह 11 से 1 बजे तक चक्काजाम और आंदोलन करेंगे।
Politics continues regarding inflation छत्तीसगढ़ के हर बड़े-छोटे शहर में इन दिनों भाजपा और कांग्रेस के बीच प्रदेश में महंगाई के मुद्दे को लेकर प्रदर्शन और पदयात्रा का दौर चल रहा है। भाजपा का कहना है कि पूरे 22 राज्यों में पेट्रोल- डीजल के दाम कम कर दिए गए हैं। लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार अब तक सिर्फ सोच रही है। भाजपा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस लेकर चेतावनी दी है कि अगर पेट्रोल डीजल में वैट कम नहीं हुआ, तो वे 20 नवंबर को सुबह 11 से 1 बजे तक चक्काजाम और आंदोलन करेंगे।
इधर कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया और मोहन मरकाम ने रायपुर में संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर महंगाई के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार बताया। दोनों नेताओं ने आरोप लगाया कि नोटबंदी, GST, चुनिंदा कंपनी को फायदे पहुंचाने के लिए किए गए निजीकरण, आर्थिक कुप्रबंधन और विदेश नीति की असफलता के चलते देश महंगाई से जूझ रहा है। खाने के तेल, प्याज, शक्कर, दाल, साबुन, कपड़े, जूते, उर्वरक,मकान, दवा समेत तमाम चीजें महंगी हो गई हैं।
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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में राहत देने के संकेत दिए हैं। उनका कहना है कि छत्तीसगढ़ में पेट्रोल-डीजल के दाम हमेशा पड़ोसी राज्यों से कम रहेंगे और 22 नवंबर को होने वाली कैबिनेट बैठक में इस पर अंतिम फैसला हो जाएगा। देश की आजादी के बाद से अब तक महंगाई ही राजनीति के अखाड़े में चलने वाला सबसे पुराना मुद्दा है। लिहाजा भाजपा और कांग्रेस दोनों ही इसके लिए एक-दूसरे पर आरोप मढ़ रहे हैं। लेकिन सवाल ये है कि इन सबके बीच जनता को राहत कब मिलेगी?