Digital Panchayat District of Chhattisgarh

Digital Panchayat District of Chhattisgarh: ‘नगदी नहीं कका…UPI चलथे’ रायगढ़ बना छत्तीसगढ़ का पहला डिजिटल पंचायत जिला, हर काम होता है ऑनलाइन

Digital Panchayat District of Chhattisgarh: 'नगदी नहीं कका...UPI चलथे' रायगढ़ बना छत्तीसगढ़ का पहला डिजिटल पंचायत जिला, हर काम होता है ऑनलाइन

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Modified Date: May 13, 2025 / 10:08 AM IST
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Published Date: May 13, 2025 10:08 am IST
HIGHLIGHTS
  • 100% पंचायतों में यूपीआई आधारित टैक्स कलेक्शन शुरू
  • टैक्स वसूली में 117% तक की वृद्धि
  • 330 बिरहोर परिवारों ने भी डिजिटल माध्यम अपनाकर समावेशिता की मिसाल पेश की

रायगढ़: Digital Panchayat District of Chhattisgarh छत्तीसगढ़ का रायगढ़ जिला एक नई मिसाल बनकर सामने आया है। यह प्रदेश का पहला ऐसा जिला बन गया है, जहां ग्राम पंचायतों में टैक्स और शुल्क का भुगतान अब डिजिटल माध्यम यानी यूपीआई के ज़रिए किया जा रहा है। प्रॉपर्टी टैक्स, बाजार शुल्क, जलकर और स्वच्छता कर जैसे भुगतान अब ग्रामीण अपने मोबाइल फोन से आसानी से कर रहे हैं।

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Digital Panchayat District of Chhattisgarh रायगढ़ जिले ने डिजिटल भुगतान प्रणाली को गांवों तक पहुंचाकर ग्रामीण शासन व्यवस्था को नई दिशा दी है। जिले की सभी 549 ग्राम पंचायतों में यूपीआई आधारित टैक्स वसूली की व्यवस्था लागू कर दी गई है। पंचायत भवनों और सार्वजनिक स्थानों पर यूपीआई क्यूआर कोड लगाए गए हैं, जिससे ग्रामीणजन घर बैठे ही अपने टैक्स भर पा रहे हैं।

इस प्रणाली ने न केवल पारदर्शिता को बढ़ावा दिया, बल्कि इससे पंचायतों की आमदनी में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। तत्कालीन कलेक्टर गोयल ने 12 मार्च 2025 को प्रधानमंत्री अवॉर्ड की स्क्रीनिंग कमेटी के सामने इस नवाचार मॉडल की विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि यूपीआई प्रणाली से टैक्स कलेक्शन में बीते वित्तीय वर्ष की तुलना में 117 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कई पंचायतों में टैक्स वसूली दोगुनी से भी ज्यादा हो गई है।पहले जहां ग्रामीणों को मैनुअल भुगतान में कठिनाई होती थी, वहीं अब वे मोबाइल से सरलता से भुगतान कर पा रहे हैं।

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रायगढ़ जिले के 07 में से 05 ब्लॉक आदिवासी बहुल हैं और यहां भी यह डिजिटल भुगतान प्रणाली लागू कर दी गई है। खास बात यह है कि 330 पीवीटीजी बिरहोर परिवारों ने भी यूपीआई से टैक्स भुगतान शुरू कर दिया है, जो डिजिटल समावेशन की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। यूपीआई प्रणाली लागू होने के बाद ग्राम सभाओं में लोगों की भागीदारी भी बढ़ी है। तीन पंचायतों में किए गए विश्लेषण से पता चला है कि ग्राम सभाओं में लोगों की उपस्थिति में 57 प्रतिशत तक इजाफा हुआ है। इससे साफ है कि ग्रामीण अब पंचायत व्यवस्था में अधिक रुचि ले रहे हैं।

महिला स्व-सहायता समूहों, बीसी सखियों द्वारा किए गए लेन-देन में भी लगातार वृद्धि हो रही है। वर्ष 2022-23 में जहां 3969.30 लाख रुपए का लेनदेन हुआ था, वहीं 2023-24 में यह बढ़कर 4236.50 लाख और वर्ष 2025 में फरवरी माह के अंत तक 4650.80 लाख रुपए तक पहुंच गया।

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इस पहल से ग्राम पंचायतों में खाता रखरखाव, ऑडिट प्रक्रिया और नकद बहीखाता मिलान में भी काफी सुविधा हो गई है। हर लेन-देन का डिजिटल रिकॉर्ड मौजूद होने से वित्तीय प्रणाली ज्यादा पारदर्शी और सुचारू हो गयी है। रायगढ़ जिले की यह पहल अब पूरे छत्तीसगढ़ के लिए एक रोल मॉडल बन चुकी है। डिजिटल इंडिया की सोच को सफलता पूर्वक अमल में लाते हुए रायगढ़ जिला आज डिजिटल पंचायत शासन का प्रतीक बन गया है।

 

 

रायगढ़ जिले में यूपीआई से पंचायत टैक्स भुगतान कैसे किया जाता है?

हर पंचायत भवन और सार्वजनिक स्थानों पर UPI QR कोड लगाए गए हैं, जिसे स्कैन कर मोबाइल से टैक्स का भुगतान किया जा सकता है।

क्या सभी पंचायतों में डिजिटल टैक्स व्यवस्था लागू हो चुकी है?

हां, रायगढ़ जिले की 549 पंचायतों में 100% डिजिटल टैक्स कलेक्शन व्यवस्था लागू कर दी गई है।

यूपीआई टैक्स कलेक्शन से क्या लाभ हुए हैं?

इससे टैक्स वसूली में 117% वृद्धि, पारदर्शिता, और ऑडिट प्रक्रिया में आसानी देखने को मिली है।

क्या आदिवासी क्षेत्र में भी यह प्रणाली काम कर रही है?

जी हां, जिले के 5 आदिवासी बहुल ब्लॉकों में यह प्रणाली पूरी तरह से लागू है, और 330 बिरहोर परिवारों ने इसका उपयोग करना शुरू कर दिया है।

रायगढ़ का यह मॉडल छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों में भी लागू किया जा सकता है?

बिलकुल, रायगढ़ का डिजिटल पंचायत मॉडल अब पूरे राज्य के लिए रोल मॉडल बन गया है और अन्य जिलों में इसे अपनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।