रायपुरः Raipur Police Commissionerate System छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर महानगरीय पुलिस जिले में नए साल पर 23 जनवरी से पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू हो जाएगी। बुधवार को नवा रायपुर स्थित महानदी भवन यानी मंत्रालय में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय बैठक की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया है। रायपुर में अब तक पुलिस कप्तान एसएसपी को माना जाता था लेकिन नए निर्णय के बाद अब पुलिस आयुक्त जिले के सबसे बड़े पुलिस अधिकारी होंगे। कानून व्यवस्था सँभालने के लिए पुलिस आयुक्त के पास मजिस्ट्रियल पॉवर भी होगा।
बता दें कि राजधानी रायपुर में पुलिस व्यवस्था को और सुदृढ़ करने के उद्देश्य से साय सरकार ने पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने का फैसला लिया था। सीएम साय ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस समारोह में इसका ऐलान किया था। पुलिस कमिश्नरी प्रणाली लागू करने के लिए अक्टूबर महीने में एक प्रारूप तैयार किया गया था। यह प्रारूप उच्च स्तरीय समिति द्वारा तैयार किया गया था और इसे राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) अरुण देव गौतम को सौंपा गया था। समिति ने भुवनेश्वर कमिश्नरी मॉडल को बेहतर मानते हुए लगभग 60 प्रतिशत नियमों को रायपुर में लागू करने का निर्णय लिया था। इसके अलावा, शेष 40 प्रतिशत कमिश्नरी प्रणाली के नियम अन्य राज्यों जैसे महाराष्ट्र, दिल्ली, कोलकाता, हैदराबाद, ओडिशा, राजस्थान और मध्यप्रदेश में लागू मॉडल से लिए जाने का फैसला हुआ था।
Raipur Police Commissionerate System भारतीय पुलिस अधिनियम, 1861 के भाग 4 के तहत जिला अधिकारी (D.M.) के पास पुलिस पर नियंत्रण करने के कुछ अधिकार होते हैं। इसके अतिरिक्त, दण्ड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी), एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट (Executive Magistrate) को कानून और व्यवस्था को विनियमित करने के लिए कुछ शक्तियाँ प्रदान करता है। साधारण शब्दों में कहा जाये तो पुलिस अधिकारी कोई भी फैसला लेने के लिए स्वतंत्र नही हैं, वे आकस्मिक परिस्थितियों में डीएम या मंडल कमिश्नर या फिर शासन के आदेश तहत ही कार्य करते हैं परन्तु पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू हो जाने से जिला अधिकारी और एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के ये अधिकार पुलिस अधिकारिओं को मिल जाते हैं।