CM Bhupesh Baghel Bhent Mulakat छत्तीसगढ़…ऐसा राज्य जो भारत के मध्य में बसा हुआ है, जिसे धान का कटोरा भी कहा जाता है। छत्तीसगढ़ की एक पहचान वन संपदा और आदिवासी संस्कृति को लेकर भी है। प्रदेश की आदिवासी संस्कृति ने देश ही नहीं दुनियाभर में अपनी छाप छोड़ी है। प्रदेश की संस्कृति प्रचार प्रसार तब और ज्यादा हुआ जब 17 दिसम्बर 2018 को माटी पुत्र भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री के पद की ली। शपथ लेते ही उन्होंने छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ियों के लिए काम शुरू कर दिया। सीएम भूपेश बघेल ने प्रदेश के किसानों और आदिवासियों के लिए कई योजनाएं भी शुरू की। लेकिन इन योजनाओं का लाभ लाभार्थियों को सही तरीके से मिल रहा है या नहीं यही जानने के लिए सीएम भूपेश बघेल निकल पड़े प्रदेश के दौरे पर। सीएम भूपेश भेंट मुलाकात कार्यक्रम के जरिए हर विधानसभा का दौरा किया। विधानसभा के किसी एक गांव में सीएम भूपेश चौपाल लगाकर जनता से संवाद किया और सरकारी योजनाओं का फीडबैक लिया। इतना ही नहीं नागरिकों की समस्याओं का तत्काल समाधान भी किया।
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सीएम भूपेश बघेल ने जनजा से सीधे संवाद का कार्यक्रम यानि ‘भेंट मुलाकात’ की शुरूआत एक साल पहले शुरू की थी। भेंट मुलाकात कार्यक्रम के जरिए सीएम भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों का दौरा किया। इसकी शुरूआत उन्होंने प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य विधानसभा सरगुजा से की। इसके बाद से बिना थके, बिना रूके सीएम भूपेश बघेल जनता के बीच पहुंचे। पिछले एक साल में सीएम बघेल पूरे 90 विधानसभाओं का दौरा किया। भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान सीएम बघेल सीधे जनता से जुड़ते थे और उनकी समस्याओं का समाधान भी करते हैं। ऐसा कई बार देखा गया है कि सीएम भूपेश बघेल छात्रों, बीमार व्यक्तियों की मदद वहीं पर ही कर देते हैं।
भेंट मुलाकात के दौरान अक्सर ये देखा गया कि सीएम भूपेश बघेल कभी बच्चे के साथ खेलते नजर आते तो कभी भौंरा चलाते हुए लोगों का मन मोह लेते। छ्त्तीसगढ़ की संस्कृति में रचे-बसे भूपेश बघेल सीएम बनने के बाद भी अपने ठेठ अंदाज को भूल नहीं पाए। भेंट मुलाकात के दौरान कई बार ऐसा देखा गया है कि वो क्षेत्र की जनता के घर पहुंचते हैं और जमीन पर बैठकर खाना खाते थे।
भेंट मुलाकात के दौरान कई ऐसे मौके आए जिसे ना तो आम नागरिक भूल पाएंगे और ना ही सीएम भूपेश बघेल। इसी कार्यक्रम के दौरान ही 43 साल बाद दो दोस्तों की फिर मुलाकात हो गई। दोनों ने एक दूसरे के गले लग गये। ये नजारा देख वहां मौजूद सैकड़ों लोगों ने ताली बजाकर खुशी का इजहार किया । दरअसल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अभनपुर विधानसभा के तामासिवनी पहुंचे थे तभी उन्हें सामने जनता के बीच बैठे अपने मित्र रूपलाल साहू दिखायी दिये । चार दशक से भी अधिक समय के बाद मुख्यमंत्री ने अपने दोस्त को पहचान लिया उऩ्होंने तत्काल उन्हें अपने पास बुलाया । करीब चार दशक बाद अपने दोस्त को सामने बैठा देख मुख्यमंत्री ने मंच में अपने पास बुलाकर गले लगा लिया और भाव विह्ल हो उठे । मुख्यमंत्री ने कहा आज 43 साल बाद मैं अपने मित्र से भेंट कर रहा हूं, जो मेरे रूम पार्टनर भी थे, आज वो गरियाबंद में प्रिंसिपल पद पर हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि मैं तामासिवनी को बहुत समय से जान रहा हूं।
भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान ये भी देखने को मिला कि सीएम भूपेश बघेल जिस विधानसभा क्षेत्र में जाते हैं वहां पर सौगातों की झड़ी लगा देते हैं। सबसे अहम बात ये है कि इन सौगातों में सीएम भूपेश बघेल गांव, गरीब और किसानों का विशेष ध्यान रखते हैं। सीएम भूपेश बघेल ने हर विधानसभा में कई निर्माण कार्यों का भूमिपूजन भी किया।
सीएम भूपेश बघेल ने जिस दिन से प्रदेश की कमान संभाली है उनका एक ही लक्ष्य है गांव और किसान का आर्थिक रूप से समृद्ध बनाना और इसी दिशा में वो काम भी कर रहे हैं। गांव को समृद्ध बनाने के लिए सीएम भूपेश बघेल ने जो सपना देखा था, आज वो साकार भी हो रहा है। गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदी कर गोपालाकों को भूपेश सरकार सीधा लाभ पहुंचा रही है तो वहीं दूसरी ओर रिपा यानी रूरल इंडस्ट्रीयल पार्क की स्थापना कर व्यवसायिक रूप से महिला स्व सहायता समूहों को लाभ पहुंचा रहे हैं।
भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के दौरान कोनारगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की प्रदेश के किसानों के प्रति मान और सम्मान जताने के तरीके ने लोगों का एक बार फिर दिल जीत लिया। किसान के गांव के प्रति विकास के नजरिए को देखकर मुख्यमंत्री ने किसान को ससम्मान सेल्यूट किया। साथ ही गांव के विकास की चिंता करने के लिए उनका आभार भी जताया। दरअसल भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान कोनारगढ़ में ग्राम अर्जुनी के किसान राम कुमार बंजारे ने मुख्यमंत्री बघेल को बताया कि गांव में गौठान स्वीकृत नहीं हुआ है। गांव में गौठान के बन जाने से गांव के लोगों का विकास होगा, साथ ही महिलाओं को भी रोजगार के नए साधन मिलेंगे। मुख्यमंत्री बघेल ने किसान राम कुमार की गांव के लोगों के विकास की चिंता करने वाली बातों को सुनकर उनकी प्रशंसा की।
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