CG News: रेत खनन में पारदर्शिता, पर्यावरण संरक्षण और अवैध उत्खनन पर सख्ती शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता

CG News: पूर्ववर्ती सरकार के शासन काल के दौरान राज्य में संचालित रेत खदानों की संख्या 300 से घटकर लगभग 100-150 रह गई थी, जिससे निर्माण कार्य प्रभावित हुए और अवैध खनन को बढ़ावा मिला।

CG News: रेत खनन में पारदर्शिता, पर्यावरण संरक्षण और अवैध उत्खनन पर सख्ती शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता

Shramik Mahasammelan In Raipur/ image source: CGDPR

Modified Date: July 15, 2025 / 03:44 pm IST
Published Date: July 15, 2025 3:43 pm IST
HIGHLIGHTS
  • पर्यावरणीय मंजूरी प्रक्रिया में तीव्रता
  • अवैध खनन पर सख्त कार्यवाही
  • प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों को रॉयल्टी में राहत

रायपुर: CG News, राज्य में रेत खनन नीति को अधिक पारदर्शी, संगठित, पर्यावरण-संवेदनशील और जनहितैषी बनाने के उद्देश्य से व्यापक कदम उठाए गए हैं। पूर्ववर्ती सरकार के शासन काल के दौरान राज्य में संचालित रेत खदानों की संख्या 300 से घटकर लगभग 100-150 रह गई थी, जिससे निर्माण कार्य प्रभावित हुए और अवैध खनन को बढ़ावा मिला। वर्तमान सरकार द्वारा खनिज नीति में सुधार कर रेत खनन की व्यवस्था को संगठित, नियंत्रित और जनहितकारी बनाया गया है।

पर्यावरणीय मंजूरी प्रक्रिया में तीव्रता

राज्य में पर्यावरणीय स्वीकृति प्रक्रिया को गति देने के लिए भारत सरकार से अनुमोदन प्राप्त कर तीन राज्य स्तरीय पर्यावरण समाघात निर्धारण समितियों का गठन किया गया है। पूर्व में केवल एक समिति कार्यरत थी। इस निर्णय से लंबित प्रकरणों के शीघ्र निपटारे की प्रक्रिया सुगम हुई है।

वैध खदानों की संख्या में वृद्धि

वर्तमान में 119 रेत खदानें पर्यावरणीय स्वीकृति के साथ विधिवत संचालित हैं, जबकि 94 अन्य खदानों की मंजूरी प्रक्रिया अंतिम चरण में है। साथ ही, आगामी 1 से 1.5 वर्षों में 300 से अधिक नई खदानों को स्वीकृति दिए जाने की योजना है, जिससे रेत की आपूर्ति सुलभ बनी रहेगी और निर्माण कार्यों को गति मिलेगी।

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IIT रुड़की की रिपोर्ट: वैज्ञानिक दृष्टिकोण से खनन

प्रमुख नदियों पर खनन के पर्यावरणीय प्रभावों को लेकर IIT रुड़की से कराए गए अध्ययन में यह निष्कर्ष सामने आया है कि विधिवत और नियंत्रित रेत खनन से नदियों पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता। यह रिपोर्ट राज्य की वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित खनिज नीति को समर्थन प्रदान करती है।

अवैध खनन पर सख्त कार्यवाही

वर्ष 2024-25 से जून 2025 तक 6,331 अवैध खनन प्रकरण दर्ज किए गए, जिनमें से ₹18.02 करोड़ की वसूली, 184 मशीनों की जब्ती, 56 एफआईआर तथा 57 न्यायालयीन परिवाद दायर किए गए। जिला एवं राज्य स्तरीय टास्क फोर्सों द्वारा लगातार निगरानी और कार्रवाई की जा रही है, जिसमें खनिज, राजस्व, पुलिस, परिवहन और पर्यावरण विभाग के अधिकारी सम्मिलित हैं।

विवादों पर त्वरित कार्यवाही

राजनांदगांव और बलरामपुर सहित राज्य के विभिन्न जिलों में रेत से संबंधित विवादों एवं घटनाओं पर त्वरित कानूनी और प्रशासनिक कार्यवाही की गई है। शासन का स्पष्ट निर्देश है कि किसी भी अवैध गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों को रॉयल्टी में राहत

15 मार्च 2024 को लिए गए निर्णय के अनुसार प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को रेत पर रॉयल्टी से छूट प्रदान की गई है। इस निर्णय से गरीबों और जरूरतमंदों को प्रत्यक्ष राहत मिली है।

भविष्य की नीति: पारदर्शिता और संतुलन

छत्तीसगढ़ शासन की नीति स्पष्ट है — खनिज संसाधनों के दोहन को जनहित, पारदर्शिता और पर्यावरणीय संतुलन के सिद्धांतों पर आधारित करना। संगठित, वैज्ञानिक और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से तैयार की गई यह नई रेत खनन नीति राज्य के समग्र विकास और पर्यावरण संरक्षण दोनों के लिए सशक्त आधार बनेगी।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com