CG Ki Baat: दलबदल का सिला क्या, घर-घाट.. मिला क्या? पीसीसी चीफ के बयान ने सुलगाई सियासी आग

CG Ki Baat: दलबदल का सिला क्या, घर-घाट.. मिला क्या? पीसीसी चीफ के बयान ने सुलगाई सियासी आग CG Politics

CG Ki Baat: दलबदल का सिला क्या, घर-घाट.. मिला क्या? पीसीसी चीफ के बयान ने सुलगाई सियासी आग

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Modified Date: August 28, 2024 / 08:54 pm IST
Published Date: August 28, 2024 8:54 pm IST

CG Politics: रायपुर। कांग्रेस पार्टी पिछले दो चुनाव में अपने कई नेताओं का दलबदल देख चुकी है, उससे पार्टी को चुनाव में कितना नुकसान हुआ ये पहले भी डिबेट का विषय रहा है। लेकिन, साल के अंत में नगर सरकार के लिए चुनाव से पहले, बैज ने बीजेपी में जाने वाले अपने नेताओं को याद दिलाया है कि उनके कांग्रेस छोड़कर बीजेपी जाने के बाद उनके साथ क्या हुआ ? क्या उन्हें वहां कुछ हासिल हुआ ? ये वार हुआ छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज की तरफ से तो इधर बीजेपी अध्यक्ष ने बैज को आइना दिखाया किये। सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या वाकई ऐसा है कि दलबदल करने वाले नेताओं को दल बदलने पर कुछ नहीं मिला? इस वक्त ये PCC चीफ या इस मुद्दे को उठाना उनकी टीस है या आगे चुनाव से पहले अपने नेताओं को सीख है?

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ये तंज है कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज का, ये सवाल है विपक्ष का, अपने ही पुराने नेताओं और बीजेपी से कि बीजेपी में जाकर उन्हें क्या हासिल हुआ। बैज ने कांग्रेस छोड़, भाजपा में शामिल नेताओं की स्थिति ना घर की ना घाट की जैसी बताते हुए कहा कि, BJP जाने वालों की आज कोई पूछ परख नहीं है। बचाव में BJP नेताओं ने भी मोर्चा संभाला कैबिनेट मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने पलटवार में दीपक बैज की स्थिति खुद उनके बयान की तरह बताई। साथ ही कांग्रेस से बीजेपी में आए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का उदाहरण याद दिलाया।

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छत्तीसगढ़ बीजेपी अध्यक्ष ने भी बैज के बयान पर कहा कि पार्टी में सभी को योग्यता के मुताबिक मौका मिलता है। दरअसल, दो-दो चुनाव के वक्त पार्टी छोड़ने वाले नेताओं के पाला बदलने से बने माहौल को पार्टी भुला नहीं पाई है। ये भी सबके सामने है कि खुद छत्तीसगढ़ में दलबदल पर बीजेपी मध्यप्रदेश से ज्योतिरादित्य सिंधिया का उदाहरण सामने रख पाई है। छत्तीसगढ़ में दोनों चुनावों के दौरान 30 हजार नेताओं-कार्यकर्ताओं के बीजेपी प्रवेश का दावा है, इनमें से सामरी के कांग्रेसी विधायक चिंतामणी महाराज को बीजेपी ने 2024 में सरगुजा से टिकट दिया वो सांसद चुने गए बाकि और किसी भी मेयर, पूर्व मेयर, प्रवक्ता या कांग्रेस महामंत्री जैसे पदों पर रहे नेताओं को आज तक बीजेपी में कोई बड़ा पद नहीं मिला है।

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ऐसे में कांग्रेस का मैसेज साफ है कि साल के अंत में फिर से नगरीय निकाय चुनाव हैं, तो जो भी पार्टी छोड़ने का रिस्क लेगा उसका भविष्य क्या होगा इसे देख-समझ ले। सबसे बड़ा सवाल ये कि क्या कांग्रेस की ये नसीहत आगे चुनाव में उनके नेताओं-कार्यकर्ताओं की बीजेपी में शामिल होने की होड़ रोक पाएगी ?

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