CG संविदा कर्मचारी हड़ताल: सरकार हुई सख्त, स्वास्थ्य विभाग के हड़ताली कर्मचारियों पर लगाया ESMA, जाने क्या होगा आगे..

CG संविदा कर्मचारी हड़ताल: सरकार हुई सख्त, स्वास्थ्य विभाग के हड़ताली कर्मचारियों पर लगाया ESMA, जाने क्या होगा आगे..

Dengue In Gwalior

Modified Date: July 11, 2023 / 08:43 pm IST
Published Date: July 11, 2023 8:43 pm IST

रायपुर: नियमितीकरण समेत विभिन्न ,मांगो को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले प्रदेश के संविदा कर्मचारियों पर सरकार सख्ती के मूड में नजर आ रही है। (CG Samvida Karmchariyon par laga ESMA) दो दिन पहले हड़ताली कर्मचारियों ने मंत्रालय की घेराव की कोशिश की थी लेकिन वह सफल नहीं हुए थे। कर्मचारियों को वापिस काम पर लौटने की अपील शासन की तरफ से की जा रही थी लेकिन इस अपील का कोई असर होता नजर नहीं आया।

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वही अब खबर आई है कि शासन की तरफ से प्रदर्शन-हड़ताल में शामिल स्वास्थ्य विभाग के संविदा नर्स, स्वास्थ्य कर्मी, एंबुलेंस सेवा के कर्मचारी को काम पर लौटने का आदेश जारी करते हुए उनपर एस्मा लागू कर दिया है। इस कदम से प्रदर्शनकारी कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है। रिपोर्ट्स के मुताबिक़ इस प्रदेशभर में हड़ताली संविदा कर्मियों में सबसे ज्यादा संख्या स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों का ही है।

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क्या है एस्मा?

आवश्‍यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्‍मा) हड़ताल को रोकने के लिये लगाया जाता है। विदित हो कि एस्‍मा लागू करने से पहले इससे प्रभावित होने वाले कर्मचारियों को किसी समाचार पत्र या अन्‍य दूसरे माध्‍यम से सूचित किया जाता है। (CG Samvida Karmchariyon par laga ESMA) एस्‍मा अधिकतम छह महीने के लिये लगाया जा सकता है और इसके लागू होने के बाद अगर कोई कर्मचारी हड़ताल पर जाता है तो वह अवैध‍ और दण्‍डनीय है।

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दरअसल सरकारें एस्मा लगाने का फैसला इसलिये करती हैं क्योंकि हड़ताल की वजह से लोगों के लिये आवश्यक सेवाओं पर बुरा असर पड़ने की आशंका होती है। जबकि आवश्‍यक सेवा अनुरक्षण कानून यानी एस्मा वह कानून है, जो अनिवार्य सेवाओं को बनाए रखने के लिये लागू किया जाता है। इसके तहत जिस सेवा पर एस्मा लगाया जाता है, उससे संबंधित कर्मचारी हड़ताल नहीं कर सकते, अन्यथा हड़तालियों को छह माह तक की कैद या ढाई सौ रु। दंड अथवा दोनों हो सकते हैं।

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