Congress on Naxal Encounter: एनकाउंटर का समर्थन पर मंशा पर उठाये सवाल.. कांग्रेस ने पूछा, किस उद्योगपति के लिए बिछाया जा रहा ‘लाल कालीन’..
छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियान लगातार जारी है और सरकार इसे लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध नजर आ रही है। लेकिन चरण दास महंत के सवालों ने एक नई बहस को जन्म दे दिया है कि इस अभियान का भविष्य में बस्तर के विकास और वहां के आदिवासियों पर क्या असर पड़ेगा।
Congress on Naxal Encounter || Image- IBC24 News File
- चरण दास महंत ने सरकार की नक्सल विरोधी नीति का समर्थन किया, लेकिन पूछा कि बस्तर में निवेश के लिए कौन से बड़े उद्योगपति आ रहे हैं।
- सुरक्षा बलों ने इस साल अब तक 105 नक्सलियों को मार गिराया, बीजापुर और कांकेर में 30 शव बरामद किए गए, कई एके-47 और अन्य हथियार जब्त किए गए।
- छत्तीसगढ़ सरकार नक्सल उन्मूलन के लिए प्रतिबद्ध दिख रही है, लेकिन चरण दास महंत के सवालों ने इस अभियान के आर्थिक और सामाजिक प्रभावों पर नई बहस छेड़ दी है।
Congress on Naxal Encounter : रायपुर: कांग्रेस नेता चरण दास महंत ने गुरुवार को छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से नक्सलियों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई का समर्थन किया, लेकिन इसके पीछे की मंशा पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा बस्तर में तेज़ी से की जा रही नक्सल विरोधी कार्रवाई को आर्थिक विकास से जोड़ा जा रहा है, लेकिन यह भी स्पष्ट किया जाना चाहिए कि कौन से बड़े उद्योगपति यहां निवेश करने आ रहे हैं, जिनके लिए “लाल कालीन” बिछाया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ विधानसभा में विपक्ष के नेता चरण दास महंत ने कहा कि नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई सराहनीय है और इसे लेकर कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन सरकार का कहना है कि इस कार्रवाई का उद्देश्य बस्तर में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देना भी है। उन्होंने सवाल किया कि आखिर यह आर्थिक गतिविधियां कौन अंजाम देगा? कौन से बड़े उद्योगपति यहां आ रहे हैं जिनके लिए सरकार यह कदम उठा रही है? महंत से जब राज्य में हुई मुठभेड़ में 22 नक्सलियों के मारे जाने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि बस्तर के विकास की दिशा क्या होगी।
#WATCH | Raipur | On 22 Naxalites killed during the encounter in Chhattisgarh, State LoP and Congress leader Charan Das Mahant says, “We appreciate the action…Naxalites are being eliminated to promote economic activities in Bastar. Which big industrialists will come for whom… pic.twitter.com/pN9iOqsfPG
— ANI (@ANI) March 20, 2025
क्या कहा सिंहदेव ने?
इस बीच, छत्तीसगढ़ के पूर्व उपमुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता टीएस सिंह देव ने राज्य में हो रही हिंसा के लिए नक्सली समूहों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि जब तक नक्सल विचारधारा से जुड़े लोग हथियार नहीं छोड़ेंगे और हिंसा का रास्ता अपनाना जारी रखेंगे, तब तक मुठभेड़ों में ऐसे घटनाक्रम सामने आते रहेंगे। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बल अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति स्थापित करने के लिए लगातार अभियान चला रहे हैं।
#WATCH | Ranchi: Congress leader TS Singh Deo said, “Such incidents are coming to the fore in the encounter against the people of Naxal ideology due to not abandoning violence and continuously taking up arms. Today, more than 60 battalions of paramilitary forces are deployed in… pic.twitter.com/PKb9SsmGaL
— ANI (@ANI) March 20, 2025
साल 2025 की सफलताएं
Congress on Naxal Encounter : छत्तीसगढ़ में माओवाद विरोधी अभियानों को तेज़ी से आगे बढ़ाया जा रहा है, जिसके तहत इस साल अब तक 105 नक्सलियों को मार गिराया गया है। टीएस सिंह देव ने बताया कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ में अर्धसैनिक बलों की 60 से अधिक बटालियनें तैनात हैं और प्रभावित इलाकों में पर्याप्त सुरक्षा बलों की मौजूदगी है, ताकि नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म किया जा सके।
बस्तर के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) पी. सुंदरराज ने जानकारी देते हुए कहा कि सुरक्षा बलों ने गुरुवार को बीजापुर और कांकेर जिलों में तलाशी अभियान के दौरान 30 नक्सलियों के शव बरामद किए हैं। इसके साथ ही भारी मात्रा में हथियार और गोलाबारूद भी जब्त किया गया है। उन्होंने बताया कि बीजापुर-दंतेवाड़ा सीमा क्षेत्र में चलाए गए अभियान में 26 नक्सलियों के शव बरामद किए गए, जबकि अन्य इलाकों में भी नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई की गई।
Congress on Naxal Encounter : आईजी सुंदरराज ने बताया कि इस अभियान के दौरान बड़ी संख्या में एके-47 राइफलें, स्वचालित और अर्ध-स्वचालित हथियार भी जब्त किए गए हैं। हालांकि, इस दौरान बीजापुर जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) का एक जवान शहीद हो गया, जो इस अभियान के दौरान अपनी ड्यूटी निभा रहा था। छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियान लगातार जारी है और सरकार इसे लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध नजर आ रही है। लेकिन चरण दास महंत के सवालों ने एक नई बहस को जन्म दे दिया है कि इस अभियान का भविष्य में बस्तर के विकास और वहां के आदिवासियों पर क्या असर पड़ेगा।

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