‘पति का पत्नी से तलाक होता है बेटी का पिता से नहीं, पैतृक संपत्ति पर पूरा अधिकार’: राज्य महिला आयोग

'पति का पत्नी से तलाक होता है बेटी का पिता से नहीं, पैतृक संपत्ति पर पूरा अधिकार'! Daughter have Full Right on Father's Property

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  • Publish Date - May 19, 2023 / 09:46 AM IST,
    Updated On - May 19, 2023 / 09:46 AM IST

रायपुर: Daughter have Full Right on Father’s Property राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक, सदस्य अर्चना उपाध्याय एवं डॉ. अनिता रावटे ने आज प्रथना सभा कक्ष, जल संसाधन परिसर बिलासपुर में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रस्तुत प्रकरणों पर जनसुनवाई की। छत्तीसगढ़ महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज 175 वीं जन सुनवाई हुई। बिलासपुर की आज की जनसुनवाई में कुल 35 प्रकरण सुनवाई हेतु रखे गये थे।

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Daughter have Full Right on Father’s Property आज की सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में अनावेदक बिरकोनी हाई स्कूल जिला मुंगेली तहसील पथरिया में जीव विज्ञान विषय के व्याख्यता के पद पर पदस्थ है। जिनका वेतन 57000 हजार प्रतिमाह है। अनावेदक ने 2006 को आवेदिका की मां को घर से निकाल दिया था। उस समय आवेदिका की उम्र 02 साल थी और उसे सिंकलिन की बीमारी थी और उस समय आवेदिका की मां बेराजगार थी। वह अपने माता-पिता पर आश्रित थी। आवेदिका की पढ़ाई और स्वास्थ्य का सभी खर्च उसकी मां ने वहन किया आज आवेदिका की उम्र लगभग 20 वर्ष है। वर्तमान में बीबीए सेकेण्ड ईयर की स्टूडेन्ट है। उसे पढ़ाई लिखाई व इलाज के लिये आर्थिक कठिनाईयों सामना करना पड़ रहा है। इसलिए वह अपने पिता से सम्पति में अपना हक मांगने के लिए उपस्थित हुई है।

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अनावेदक ने बाताया कि 2012 में परिवार न्यायालय में अपनी पहली पत्नी से विधिवत तलाक लिया है व उसके बाद दूसरा विवाह कर लिया है व उसके बाद दूसरा विवाह से भी उनकी दो बेटियां है। अनावेदक की 2011 में सरकारी नौकरी लगी है। अनावेदक एमएसी बायोलॉजी है उसके द्वारा वंश चलाने के नाम पर बेटा पैदा नहीं के आरोप पर पहली पत्नी को घर से निकाला था। और अब तक उनके द्वारा अपनी बेटी आवेदिका का नाम शासकीय अभिलेखों में अंकित नहीं कराया गया है।

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इस संबंध में कुछ पूछने पर उसके द्वारा स्पष्ट उत्तर नहीं दिया गया है। बाद मे अनावेदक के पिता आवेदिका के दादा ने कहा कि समस्त कृषि भूमि की पर्ची में आवेदिका का नाम दर्ज करायेगें और अपने शासकीय अभिलेख में भी अपनी बेटी आवेदिका का नाम 01 माह के अन्दर दर्ज करायेंगे । अन्य 02 बेटियों का नाम भी दर्ज कराये चूकि तलाक पत्नी से होता है। बेटी से नहीं होता है। बेटी का पिता के जायजाद में बराबर का हक होता है। वर्तमान में अनावेदक बेटी की पढ़ाई लिखाई का पूरा खर्च वहन नहीं कर रहा है। अतः अपना प्रस्ताव लेकर अगली सुनवाई में उपस्थित होगें प्रकरण 12 जून को रायपुर के लिए नियत किया जाता है।

 

 

 

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