रायपुर। देश की सियासत में जातियों पर जंग शुरू हो गई है। कोलकाता हाईकोर्ट के बंगाल में ओबीसी सूची पर सवाल के बाद से छत्तीसगढ़ में भी सियासत गरम हो गई है। प्रदेश के गृहमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री मामले में आमने-सामने हैं। vijay sharma on OBC certificates भाजपा जाति प्रमाण पत्रों में गड़बड़ी का आरोप लगा रही है तो कांग्रेस जाति प्रमाण पत्र बन नहीं पाने की बात कह रही है।
OBC certificates will check in chhattisgarh: कोलकाता हाईकोर्ट ने बंगाल के OBC आरक्षण को रद्द किया तो इसका असर छत्तीसगढ़ तक आ गया है। गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा है कि कांग्रेस कार्यकाल में बने सभी जाति प्रमाण पत्रों की अब जांच होगी। साल 2018 से 2023 के बीच प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी। इस दौरान हजारों ऐसे प्रमाणपत्र बनाए गए। हालांकि इसे लेकर अभी तक किसी एजेंसी या किसी व्हिसल ब्लोअर ने सवाल नहीं किए।
जब सरकार ने जांच का ऐलान किया तो कांग्रेस फ्रंट पर आई। पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने चुनौती देते हुए कहा कि उनके पास क्या शिकायत है जो जांच कराएंगे, यदि उनके पास कोई शिकायत है तो उसकी जांच कराएं, आप सरकार में बैठें हैं।
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सरकारी नौकरी से लेकर हर सुविधा, हक में काम आने वाला यह जाति का कागज अहम है। इसलिए इसे बनाने में मल्टीलेअर जांच होती है। पिछली सरकार के क्वांटिफाइबल डाटा के अनुसार 42 फीसद ओबीसी, 16 फीसद एससी और 32 फीसद एसटी हैं। हालांकि बघेल की तबकी सरकार इस आंकड़े को मौखिक तो बताती रही, लेकिन विधानसभा में डेटा नहीं रखा। जाति प्रमाण पत्रों के जरिए पात्र-अपात्र के साथ ही क्वांटिफाइबल डेटा की भी पोल खोलना चाहती है।
इधर अंबिकापुर में भारतीय जनता पार्टी पिछड़ा वर्ग मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सोनी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पश्चिम बंगाल में ओबीसी वर्ग के लिए, लिए गए फैसले का स्वागत करते हुए पश्चिम बंगाल सरकार और इंडिया गठबंधन पर जमकर निशाना साधा। पिछड़ा वर्ग मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पश्चिम बंगाल में जिन 179 जातियों को ओबीसी का दर्जा ममता बनर्जी सरकार द्वारा दिया गया था उनमें से 118 जातियां मुस्लिम समुदाय से हैं। वहीं हाई कोर्ट के फैसले का ममता बनर्जी सम्मान नहीं कर रही है।
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उन्होंने कहा कि जिस तरह से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के द्वारा बयान दिया जा रहा है यह अराजकता का प्रतीक हैं यह अदालत की हवमानना के साथ ही संविधान का अपमान है और पश्चिम बंगाल के जनता के साथ विश्वासघात भी है। पिछड़ा वर्ग मोर्चा के अध्यक्ष ने कहा कि हमारे संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण का कोई भी प्रावधान नहीं है। जून 2023 में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने पाया कि रोहिंग्या और अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को पश्चिम बंगाल में अन्य पिछड़ा वर्ग प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ था। एनसीबीसी में यह भी पाया कि राज्य में हिंदू की तुलना में मुस्लिम ओबीसी जातियां अधिक थी जो की निराशा जनक है।
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