Baloda Bazar Protest: रायपुर। अमूमन शांत और सहिष्णु प्रदेश के तौर पर पहचान रखने वाले प्रदेश छत्तीसगढ़ में बीते दिनों बलौदाबाजार में जिस तरह से हिंसा हुई उससे प्रदेश को बड़ा धक्का लगा है। प्रदर्शन के दौरान करोड़ों रुपए की सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को तोड़ा गया, जलाया गया, नुकसान पहुंचाया गया। पुलिस ने इस पर 21 सदस्यीय SIT बना दी है। विपक्ष ने इसकी जांच के लिए एक दल गठित किया है। तो राज्य सरकार ने अब मन बना लिया है कि सरकारी और निजी संपत्ति का नुकसान करने वालों से कैसे निपटा जाएगा। सरकार दोषियों से सख्ती से निपटने के मूड में है। दोषियों से भरपाई करवाने के मूड में है, जिस पर विपक्ष सवाल उठा रहा है।
छत्तीसगढ़ में अब हिंसक आंदोलनों के खिलाफ डबल इंजन सरकार का एक्शन प्लान तैयार है। अपराधियों पर राज्य सरकार पूरी सख्ती के मूड में है। UP-MP के बाद अब छत्तीसगढ़ में भी साय सरकार अपराधियों की संपत्तियों कुर्क कर संपत्ति नुकसान की भरपाई करेगी। हाल ही में बलौदा बाजार हिंसा में सरकारी और निजी संपत्ति के नुकसान की भरपाई के लिए राज्य सरकार दोषियों से वसूली की तैयारी में है। उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने दो टूक कह दिया है कि राज्य सरकार जल्द ही इस पर निर्णय लेगी, जबकि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने दोहराया कि जिन्होंने भी संपत्तियों को जलाया है, उनकी पहचान के बाद उन्हीं से वसूली होगी।
इधर मामले पर बीजेपी सरकार के मंत्रियों ने पहले ही कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए हैं और अब दोषियों से भरपाई वाली बात…कांग्रेस को रास नहीं आ रही है। पूर्व मंत्री शिव डहरिया का कहना है कि सरकार अपने फेलुअर से बचते हुए, दोषियों को छोड़ निर्दोषों को टार्गेट करना चाहती है जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। संविधान में सभी को अपनी बात रखने का, विरोध करने का अधिकार है लेकिन साथ ही ये ड्यूटी भी है कि कोई किसी और के अधिकार और संपत्ति का हनन नहीं कर सकता।
Baloda Bazar Protest: ऐसे में किसी भी प्रदर्शन के दौरान करोड़ों की सरकारी या निजी संपत्तियों के नुकसान की भरपाई होना जरूरी है। तो क्या वाकई राज्य सरकार…उत्तर प्रदेश-मध्य प्रदेश सरकारों की तरह दोषियों से सख्ती से भरपाई करवाने की तैयारी में है। ऐसा हुआ तो विपक्ष का इस पर क्या स्प्षट रुख होगा? सबसे अहम सवाल ये कि क्या इस कदम से आगे संपत्तियों के नुकसान पर लगाम कस पाएगी?